Urticaria : पित्ती ( शीतपित्त ) उछलने के कारण, लक्षण और बचाव

 पित्ती उछलना क्या है ?What is urticaria ?

     पित्ती को शीतपित्त या हीव्स (Hives) भी कहा जाता है, ये लाल रंग के खुजलीदार और उभरे हुऐ चकत्ते होते हैं, जो किसी एलर्जिक पदार्थ (वह पदार्थ जो व्यक्ति को सूट न करे) के संपर्क में आने पर हो जाते हैं। गौरतलब है कि कुछ ऐसे एलर्जिक पदार्थ हैं, जो शरीर के संपर्क में आने पर शरीर में एलर्जी उत्पन्न कर देते हैं। ये संक्रामक नहीं होते, इसलिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलते।

ये शरीर के किसी भी हिस्से में उत्पन्न हो सकते हैं, आकार में ये एक छोटे धब्बे से लेकर बड़े, उभरे तथा एक दूसरे से जुड़े चकत्ते हो सकते हैं। ये चकत्ते शरीर पर कुछ घंटे से लेकर, कुछ हफ्तों तक रह सकते हैं।




 

एलर्जिक रिएक्शन ‘पित्ती’ का कारण बनती है, जैसे कि अत्याधिक तापमान, तनाव, संक्रमण व अन्य बीमारियां आदि। कुछ मामलों में पित्ती एंजियोडिमा (Angioedema) के साथ जुड़ा हो सकता है। एंजियोडिमा एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंख, होंठ, हाथ, पैर या गले के आसपास सूजन आ जाती है।

पित्ती उछलने के कारण :Causes of urticaria:

 जानवरों से झड़ने वाले त्वचा के कुछ अंश (खासकर बिल्लियों से)।

कीटों का काटना।

कुछ विशेष दवाओं का दुष्प्रभाव।

फूलों के पराग कण।

सीप, शंख, मछली, नट्स, अंडा व दूध जैसे अन्य खाद्य पदार्थों से एलर्जी के कारण।

भावनात्मक तनाव।

अधिक ठंड या धूप।

अधिक पसीना आने की समस्या।

बीमारी या प्रतिरोधक क्षमता से जुड़ी कोई समस्या।

मोनोन्यूक्लिओसिस (एक वायरल संक्रमण जो चुंबन से फैलता है)।

अधिक व्यायाम।

पानी में अधिक समय तक रहने के कारण।




 

पित्ती उछलने के लक्षण :Symptoms of urticaria:

1 – पित्ती का उंगली, हाथ, चेहरे, तलवे, पैर आदि में होना।

2 – पित्ती की आकृति का बदलते रहना

3 – कभी-कभी पति के साथ सूजन आ जाना

4 – पित्ती का गुलाबी या लाल रंग का

5 – पित्ती पर खुजली महसूस करना।

6 – सिर में दर्द होना।

7 – पलक, गले और होठों में सूजन होना।

8 – कभी-कभी सांस लेने में कठिनाई महसूस करना।

9 – बेहोशी हो जाना।

10 – चक्कर आना।

11 – दिल की धड़कनों का बढ़ जाना।

12 – उल्टी या मतली जाना।




 

पित्ती उछलने से बचाव :Preventing urticaria:

    अचानक से पित्ती उछलना आमतौर पर किसी खाद्य पदार्थ या दवा से एलर्जी और किसी कीड़े के काटने के कारण होता है। अगर आपको पता है कि आपको पित्ती किस कारण हुई है, तो उस पदार्थ से दूर रहें।

पित्ती को बढ़ाने वाले कारक, जैसे गर्मी, मसालेदार खाने या शराब से बचें। 

अगर लक्षण बहुत हल्के हैं, तो ये बिना किसी उपचार के अपने आप ठीक हो जाते हैं। 

 अगर आपको पित्ती के लक्षणों से परेशानी हो रही है, तो आप खुजली के लिए मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली एंटीहिस्टामाइन दवा ले सकते हैं।

ठंडी सिकाई करने या नहाने से पित्ती के लक्षणों में आराम मिल सकता है। गर्म पानी से न नहाएं।




 

बच्चों को कोई भी दवा देने से पहले अपने डॉक्टर से बात कर लें।

हो सके तो धूप में न जाएं।

एस्पिरिन (Aspirin) या अन्य नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं (NSAIDs) लेने से भी आपके लक्षण बढ़ सकते हैं, इसीलिए इनका उपयोग न करें।

ढीले कपड़े पहनें, क्योंकि टाइट कपडे पहनने से आपके लक्षण बढ़ सकते हैं।

ऐसा कुछ न करें जिससे आपको पसीने आएं। 

शांत रहने और तनाव कम करने की कोशिश करें।




 

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