टाइफाइड बुखार क्या है ? What is typhoid fever ?
टाइफाइड बुखार एक संक्रमण रोग है। इसे मियादी बुखार या मोतीझरा भी कहा जाता है। यह सालमोनेला टायफी नामक बैक्टीरिया के द्वारा फैलता है। जो लापरवाही बरतने या समय पर सही इलाज न करवाने पर जानलेवा भी हो सकता है। यह छोटे बच्चों में पीने के पानी में बढ़ते प्रदूषण के कारण अधिक फैलता है।
कुछ लोगों में पेट में बहुत छोटे-छोटे मोदी की तरह सफेद चमकते दाने निकलने के कारण ही इसे लोग मोतीझरा भी कहते हैं।यह रोग उनको होता है जो स्वच्छता नहीं रखते अस्वस्थता के कारण अनेक प्रकार के जीवाणु शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। यह रोग लगभग 3 से 4 सप्ताह तक रहता है।
टाइफाइड बुखार किसी भी आयु के व्यक्ति को हो सकता है यह रोग एक रोगी से स्वस्थ मनुष्य में संपर्क में आने से फैल सकता है।
नोट:
यदि इस रोग का ठीक से इलाज न किया जाए तो रोगी की मृत्यु हो सकती है।मृत्यु का मुख्य कारण यह है कि टाइफाइड जीवाणु द्वारा स्रावित जहरीले पदार्थ पूरे शरीर में फैल जाता है। वह शरीर की कार्य प्राणी को पूरी तरह से फेल कर देता है।
प्रदूषित खाना व प्रदूषित पानी पीने के कारण सालमोनेला नामक बैक्टीरिया पेट में पहुंच जाता है पेट में मौजूद भोजन को पचाने वाले अम्ल के कारण काफी बैक्टीरिया मर जाते हैं जो बच जाते हैं वह आंतों में पहुंचकर उसकी अंदरूनी सतह पर हमला कहते हैं और वहां से अंत में खून के द्वारा विभिन्न अंगों जैसे लीवर, तिल्ली, गालब्लेडर में पहुंचकर अपनी संख्या काफी बढ़ लेते हैं और उसके बाद फिर खून में पहुंचते हैं इसमें लगभग 10 से 14 दिन का समय लगता है इस दौरान बीमारी के लक्षण नहीं आते हैं और इस अवधि को इन्क्यूबेसन पीरियड कहते हैं।
कारण:
यह सालमोनेला टायफी नामक बैक्टीरिया से होता है इसका प्रसार दूषित जल तथा भोजन द्वारा एक रोगी से स्वस्थ मनुष्य तक फैलता है रोगी का मल मूत्र रोग के संक्रमण के मुख्य स्रोत हैं वैसे तो यह रोग सारे विश्व में पाया जाता है पर भारत में यह अपनी अत्यंत गंभीर दशा में देखने को मिलता है पश्चिमी देशों में यह रोग निरंतर कम होता जा रहा है जिसका मुख्य कारण वहां की सुचारू ढंग की जल वितरण व्यवस्था तथा सही ढंग की सैनिटेशन है।
लक्षण:
- अचानक बुखार आ जाना उल्टी होना दस्ताना व उसके बाद कब्ज हो जाना।
- कुछ अच्छा न लगना।
- सिर दर्द और बदन दर्द होना तथा हल्की खांसी आना।
- पेट में हल्का दर्द होना व हल्की ठंड लगना बाद में तेज बुखार बना रहना खांसी बढ़ जाना।
- बीमारी बढ़ जाने पर पेट फूल जाना पूरे पेट में तेज दर्द होना।
- लीवर , तिल्ली व गाल ब्लैडर में सूजन हो जाना।
- चेहरा सफेद पड़ जाना।
- आंतों से खून का आना।
- निमोनिया के लक्षण होना।
- पेट का फूलना।
- आंतों में अल्सर हो जाना।
- पैरों में सूजन का आ जाना।
- काफी ज्यादा खून की कमी हो जाना।