पेशाब में पस आने के कारण, लक्षण और बचाव ! Urine pus cell Symptoms, Causes and Prevention

 

पेशाब में पस आना क्या है ?What is Pus cells in urine ?

 

    पेशाब में पस आना (प्यूरिया) मूत्र से संबंधित एक ऐसी स्थिति है जो कि सफेद रक्त कोशिकाओं से जुड़ी है। इसमें मूत्र में असामान्य मात्रा में मवाद निकलता है। मवाद पीले रंग का द्रव है जो कि प्रोटीन युक्त सीरम, मृत सफेद रक्त कोशिकाएं, जिन्हें ल्यूकोसाइट्स भी कहा जाता है, से बना होता है। यह अक्सर सूजन वाले स्थान पर इकट्ठा होता है। पेशाब में पस आना बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होता है। लेकिन यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन इसका आम कारण माना जाता है। 

    स्टेराइल प्यूरिया पेशाब में पस आने का एक प्रमुख रूप है। है, इन्हें केवल माइक्रोस्कोप के जरिये देखा जा सकता है। स्टेराइल प्यूरिया गैर-संक्रामक और संक्रामक रोग दोनों के कारण हो सकता है। यह आनुवंशिक रूप से जेनिटोयूरिनरी टीबी, किडनी स्टोन, ट्यूमर, सेप्सिस, सिस्टेमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस, हाल ही में कराई गई एंटीबायोटिक थेरेपी और दवाइयों के लंबे समय तक सेवन करने से हो सकता है। 

    पेशाब में पस आने पर पेशाब के रंग, गंध और चिपचिपाहट में बदलाव आ जाता है। रोगी को पेशाब करते समय जलन होती है और पेशाब बार बार आता है। पेशाब बहुत तेजी के साथ आता है और रोगी को बुखार भी आ जाता है। 

 


    पेशाब में पस आने के कारण : Causes of Pus cells in urine :

  • यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन पेशाब में पस आने का एक प्रमुख कारण है।
  • गुर्दों में पथरी होने के कारण।
  • योनि की परतों का पतला होना, सूखना और उसमें जलन होना।      
  • लिंग के आगे वाले हिस्से में सूजन आ जाने से।
  • प्रोस्टेट ग्रंथि में सूजन आ जाने के कारण।
  • गोनोरिया रोग हो जाने से।
  • फंगल यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन हो जाने पर।
  • निमोनिया रोग के कारण।
  • रक्त वाहिनी की सूजन हो जाने पर।
  • ब्लेडर पेन सिंड्रोम से।
  • जबकि सूक्ष्मजीव कई बार किडनी और यूरेटर्स से मिलकर ऊपरी मूत्र पथ को प्रभावित कर सकते हैं और गंभीर संक्रमण का कारण बन सकते हैं, जिसे पायलोनेफ्राइटिस कहा जाता है।
  • ई कोलाई बैक्टीरिया के कारण मूत्र मार्ग में संक्रमण हो जाता है जिस कारण पस आने की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
  • प्रीति रक्षा प्राणी के कमजोर हो जाने के कारण बैक्टीरिया आसानी से संक्रमण कर देते हैं।



 
पेशाब में पस आने के लक्षण : Symptoms of Pus cells in urine :
 
  • पेशाब में जलन होती है।
  • रोगी को बार बार पेशाब आता है।
  • पेशाब खुलकर नहीं आता है।
  • महिलाओं के पैडु में दर्द रहता है।
  • पेशाब में बदबू आती है।
  • पेशाब का रंग बदल जाता है।
  • पेशाब में खून आता है।
  • पेशाब में झाग आते हैं।
  • सामान्य से ज्यादा पेशाब आता है।
  • कमर के ऊपरी हिस्से में दर्द रहता है।
  • रोगी को ठंड लगती है।
  • रोगी को बुखार आता है।
  • रोगी का जी मिचलाता है और उल्टी आती है।
  • रोगी के पेट में दर्द रहता है।



 
पेशाब में पस आने के बचाव : Prevention of passing urine:
 
  • टॉयलेट इस्तेमाल करने के बाद अच्छी तरह से साफ सफाई कर ले जिस से मल के बैक्टीरिया को मूत्रमार्ग तक जाने से रोका जा सके।
  • दिन में अधिक मात्रा में पानी पिए क्योंकि पानी अधिक मात्रा में पीने से बैक्टीरिया शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
  • लंबे समय तक पेशाब न रोकें, लंबे समय तक पेशाब रोकने से बैक्टीरिया का संक्रमण बढ़ता है।
  • सेक्स करने से पहले और बाद में पेशाब अवश्य करें।
  •  दही व कुछ फर्मेंटेड फूड का सेवन करने से आंत और योनि में प्रोटेक्टिव बैक्टीरिया के विकास का खतरा रहता है।
  • जो व्यक्ति कैथेटर का इस्तेमाल कर रहे हैं। बैक्टीरिया से बचने के लिए उन्हें बार-बार उससे बदल लेना चाहिए।
 

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