एंटेरोसील के कारण, लक्षण और बचाव : Enterociale Symptoms, Causes and Treatment

 एंटेरोसील क्या है? What is enterociale?

     एंटेरोसील एक ऐसी बीमारी है जिसमें छोटी आंत पेल्विस के निचले हिस्से की तरफ बढ़ने लगती है या लटकने लग जाती है। जब एंटेरोसील की समस्या होती है तो छोटी आंत योनि के ऊपरी हिस्से पर दबाव डालने लगती है जिससे वहां पर एक उभार बन जाता है। एंटेरोसील को स्मॉल बाउल प्रोलैप्स के नाम से भी जाना जाता है और यह पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स का एक प्रकार है।

     बढ़ती उम्र में मांसपेशियों का कमजोर होना, बच्चों को जन्म देना आदि कारणों से पेल्विक के कुछ हिस्सों में दबाव पड़ने लगता है। अधिक दबाव पड़ने की वजह से लिगामेंट्स और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं जिस कारण यह रोग उत्पन्न हो जाता है।

 

एंटेरोसील के कारण : Reasons for enterociale:

  • अधिक भारी वजन उठाने के कारण।
  • लंबे समय से खांसी की समस्या होने से।
  • ब्रोंकाइटिस की समस्या होने पर।
  • मल त्याग करते समय अधिक जोर लगाने पर।
  • गर्भावस्था के दौरान।
  • लंबे समय से कब्ज की शिकायत होने के कारण।
  • बच्चों के जन्म के समय।
  • अधिक मोटापा इस रोग का एक मुख्य कारण है।
  • वे महिलाएं जो बच्चों को अधिक जन्म देती है।
  • बढ़ती उम्र के कारण।
  • अगर कभी पेल्विक की सर्जरी हुई हो।
  • अधिक धूम्रपान करना।
  • किसी कारण से पेट में दवाव पड़ने से।
  • पेल्विक के निचले हिस्से में दबाव पड़ना ही एंटरोसिल का एक मुख्य कारण है।
  • अधिक दबाव पड़ने से लिगामेंट्स, मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं और पेल्विक में उपस्थित अंगों की पकड़ कमजोर हो जाती है और वह अपनी जगह से हट जाते हैं और एंटरोसिल की समस्या हो जाती है।




 

 
एंटेरोसील के लक्षण : Symptoms of enterociale:
 
  • पेल्विक में भारीपन महसूस होता है।
  • कमर में दर्द रहता है।
  • योनि में उभार दिखाई देता है।
  • पेडू में दर्द रहता है।
  • कोई काम करते समय, झुकते समय या वजन उठाते समय दर्द और भारीपन महसूस होता है।
  • पेशाब में बार-बार संक्रमण होता रहता है।
  • पेशाब स्वयं निकलता है।
  • सेक्स करते समय दर्द होता है।
  • बुखार की शिकायत रहती है।
  • भूख भी बहुत कम हो जाती है।
  • किसी काम में मन नहीं लगता।
  • रोगी में उदासी दिखाई दे सकती है।
  • पेशाब में संक्रमण हो जाने पर ठंड के साथ बुखार आता है।
  • गैस की समस्या रहती है।
  • कब्ज रहता है।
  • मल त्याग करते समय समस्या होती है।
  • पेशाब करते समय जलन और दर्द होता है।
  • बैठते या उठते समय पेल्विक में दर्द होता है।




 
एंटेरोसील से बचाव : Protection from enterociales:
 
  • धूम्रपान न करें धूम्रपान करने से खांसी आती है जिस कारण यह रोग हो जाता है।
  • ब्रोंकाइटिस हो जाने पर जल्द से जल्द इसका इलाज कराएं ब्रोंकाइटिस के कारण खांसी आती है और एंटरोसिल का रोग हो जाता है।
  • भारी वजन न उठाई क्योंकि भारी वजन उठाने से पेट पर दबाव पड़ता है।
  • शरीर का वजन सामान्य बनाए रखें क्योंकि अधिक वजन हो जाने पर शरीर पर दबाव पड़ता है और यह रोग हो जाता है।
  • दिन में अधिक मात्रा में पानी पिए।
  • पर्याप्त मात्रा में फल सब्जियां जैसे आहार खाएं इन से कब्ज की समस्या नहीं होती है।
 
 

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