Syncope symptoms and causes

 बेहोशी क्या है ?What is syncope?

आमतौर पर, यह समस्या तब होती है जब रक्तचाप की गिरावट (लो बीपी) से मस्तिष्क को अस्थायी रूप से ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। बेहोशी की स्थिति कुछ सेकंड के लिए रहती है, जिसके बाद चेतना वापस आ जाती है। बेहोशी की समस्या स्वस्थ लोगों और सभी आयु वर्ग को प्रभावित कर सकती है, लेकिन बुजुर्गों में यह समस्या अधिकतर देखी जाती है।

बेहोशी आना सामान्यतया एक आम समस्या है, लेकिन इसका बार-बार होना किसी अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या की ओर इशारा करता है। कई लोग अपने जीवन काल में इसको एक से ज्यादा बार महसूस नहीं कर पाते है। बताया जाता है कि एक तिहाई लोग अपने जीवनकाल के कुछ पड़ावों में बेहोशी की समस्या से परेशान होते ही हैं।

ज्यादातर मामलों में बेहोश होना जीवन के लिए किसी घातक स्थिति की ओर संकेत नहीं करती है, जबकि कुछ मामले ऐसे भी सामने आए है जिसमें यह हमारे स्वास्थ्य से जुड़ी किसी अन्य खतरनाक स्थिति की ओर भी इशारा करती है।




 

बेहोशी के कारण :Causes of syncope:

मनोवैज्ञानिक कारण

मनुष्य में किसी चीज का डर भी बेहोशी का कारण हो सकता है, जैसे अपने सामने कोई भयानक दुर्घटना होते देखना उसकी बेहोशी का कारण बन सकता है। कई बार किसी डरावनी चीज को देखकर भी व्यक्ति बेहोशी की स्थिति में पहुँच जाता है। किसी दुखद समाचार या सदमे की वजह से भी बेहोशी हो सकती है। ऐसा प्रायः तब होता है, जब किसी प्रियजन की आकस्मिक मौत हो जाए है। यदि यह दुर्घटना नजरों के सामने हुई हो तो व्यक्ति अपने होश खो देता है। ये सभी मनोवैज्ञानिक कारण हैं।

शारीरिक कारण

चिकित्सा शास्त्र की दृष्टि से व्यक्ति के बेहोश होने के कारण कुछ भिन्न हैं। इसके अनुसार जब किसी वजह से शरीर में निर्जलीकरण की स्थिति हो जाए, जिसे डिहाइड्रेशन कहते हैं तो व्यक्ति बेहोश हो सकता है। इसमें उल्टी-दस्त होना या लू लगना भी शामिल है। जब शरीर में पानी और खनिज लवणों का क्षरण गंभीर रूप से हो जाता है तो व्यक्ति बेहोशी की हालत में आ जाता है। साथ ही शुद्ध वायु का न मिलना भी बेहोशी का एक कारण हो सकता है, क्योंकि इससे व्यक्ति का दम घुट सकता है। ऐसा प्रायः बंद कमरे में रहने की वजह से होता है, जहाँ खिड़कियाँ, रोशनदान, दरवाजे सभी पूरी तरह से बंद हों। फिर अत्यधिक थकान की वजह से भी व्यक्ति बेहोश हो सकता है।




भोजन मनुष्य की मूल आवश्यकता है। इससे शरीर क्रियाशील रहता है। लेकिन जो लोग लंबे व्रत उपवास करते हैं या समय पर भोजन नहीं लेते, वे भी बेहोशी का शिकार बन सकते हैं। मधुमेह के रोगी यदि अधिक समय तक भूखे रहें तो उनकी रक्त शर्करा का स्तर काफी गिर जाता है और वे बेहोश हो सकते हैं।

तेज धूप में अधिक देर तक खड़े रहने से भी व्यक्ति बेहोश हो सकता है। यह बेहोशी स्कूली बच्चों में अधिक देखी गई है, जबकि किसी रैली या नेता के भाषण की वजह से उन्हें तेज धूप में घंटों खड़ा रहना पड़ता है, वहीं सिर पर लगी चोट बेहोशी का एक बड़ा कारण है। इसके अलावा जब किसी भी वजह से मस्तिष्क में रक्त पहुँचने में बाधा आ जाती है तो वह काम करना बंद देता है, जिससे व्यक्ति चेतना खो देता है। मस्तिष्क के अंदर रक्त का अभाव होना ही बेहोशी का मूल कारण है।

कुछ लोग हिस्टीरिया की बीमारी से ग्रस्त रहते हैं। कभी भी उन्हें दौरा पड़ जाता है जिससे वे अपना होश खो बैठते हैं। मिरगी के दौरे की वजह से भी व्यक्ति कुछ समय तक बेहोशी की स्थिति में पहुँच जाता है। हालाँकि यह बेहोशी अल्पकाल की होती है। कई बार ब्रेन ट्यूमर की वजह से भी व्यक्ति को बेहोशी का सामना करना पड़ता है। दिमाग में आई सूजन भी बेहोशी का कारण बन सकती है। इसके अलावा मस्तिष्क में आई किसी तरह की अन्य विकृति भी इसका कारण बन सकती है। जब किसी व्यक्ति का रक्तचाप तेजी से गिर जाए और वह खतरनाक स्तर पर आ जाए तो भी व्यक्ति बेहोश हो जाता है।




बेहोशी के लक्षण :Symptoms of syncope:

बेहोश या मूर्छित होने के कई शारीरिक संकेत और लक्षण होते हैं। जब किसी व्यक्ति को मूर्छा आता है, तो उसके चेहरे का रंग पीला पड़ने लगता है। शरीर ठंडा हो जाता है और पसीना अधिक निकलता है। जब बेहोशी की अवस्था में आप जाते हैं, तो दिमाग ठीक तरह से काम नहीं कर पाता। होश में आने के बाद व्यक्ति को कुछ भी याद नहीं रहता है कि उसके साथ क्या हुआ। बेहोशी के दौरान आंखों के आगे अंधेरा छाने लगता है। सबकुछ धुंधला-सा दिखने लगता है। व्यक्ति की नाड़ी और हृदय की गति धीमी पड़ने लगती है। सांस काफी धीरे चलती है। बेहोश हो से पहले चक्कर काफी तेज आता है। उसके बाद व्यक्ति अचानक मूर्छित होकर जमीन पर गिर जाता है।  




बेहोशी से बचाव :Fainting Avoidance:

     यदि गर्म कमरे या गर्म जगहों पर आपको चक्कर आता हो या बेहोशी के कोई भी लक्षण दिखायी देते हों तो गर्म कमरे में न रहें।

अगर अचानक झटके से उठने में आपको बेहोशी का अनुभव होता हो तो उठते समय इस बात का ध्यान रखें और आराम से उठें।

यदि ब्लड प्रेशर के घटने या बढ़ने के कारण बेहोशी हो तो खाने में नमक की मात्रा बढ़ाएं या नियंत्रित करें। इससे आप इस समस्या से बच सकते हैं।

शरीर में पानी की कमी (dehydration) न होने दें और पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें। अगर अधिक संवेदनशील हों तो गर्मी लगने पर राहत प्रदान करने वाली जगहों पर ही रहें।




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