Stomatitis ! मुंह और होंठों के छाले, मुंह का अल्सर

मुंह के छाले क्या है ? What is stomatitis ?     इसे आम बोलचाल में मुंह आना भी कहते हैं। इस रोग में मुंह के अंदर की झिल्ली सुज जाती है, और छाले हो जाते हैं। इस रोग में रोगी के मुंह के अंदर जीभ और गालों की दीवारों पर छाले हो जाते हैं। इन छालो में बहुत दर्द होता है खाने पीने में काफी तकलीफ होने लगती है। तेज मिर्च मसालेदार पदार्थ खाने से रोगी की तकलीफ बढ़ जाती है रोगी ठीक से बोल पाने में भी असमर्थ हो जाता है।
     मुंह के छाले होने के कारण :
  • मुंह में गर्म चीज का जल्दी से खा जाना।
  • पेट की क्रियाओं का सही से काम नहीं करना।
  • दांतो का साफ न करना एवं दातों में संक्रमण।
  • ज्यादा मात्रा में चूने का इस्तेमाल करना।
  • पोषक तत्वों की कमी वाले भोजन का सेवन करना।
  • गंदी और मलिन बस्तियों में अधिक समय तक निवास करना।
  • अत्यधिक चीनी का इस्तेमाल करना।
  • खून में इन्फेक्शन हो जाने के कारण।
  • बच्चों के दांत निकलते समय।
  • अत्यधिक धूम्रपान करना।
  • बच्चों को दूध पिलाने वाली बोतल का संक्रमित हो जाना।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम हो जाना।
  • विटामिन बी तथा विटामिन सी की कमी।
  • मसालों से भरपूर भोजन का अत्यधिक सेवन करना।
  • स्वाद के लिए तले पदार्थों का अधिक सेवन करना।
  • कब्ज इस रोग का मुख्य कारण है।
  • अत्यधिक चॉकलेट, चाऊमीन का इस्तेमाल करना।
  • अगर मुंह की सफाई नहीं की जाए तो मुंह में छाले हो जाते हैं।
  • अधिक मात्रा में पान, तंबाकू का इस्तेमाल करना।
  • अत्यधिक गर्म पेय पदार्थों का सेवन करना।
  • विटामिन के साथ साथ भोजन में पर्याप्त मिनरल की कमी के कारण ही मुंह में छाले हो जाते हैं।
 
     अगर भोजन में विटामिन बी, विटामिन सी, फोलिक एसिड आदि की कमी हो जाती है तो मुंह में छाले पड़ जाते हैं। किसी वस्तु को बहुत गरम गरम मुंह में रखकर जल्दबाजी में खा लेना, पोस्टिक आहार में कमी, अधिक मात्रा में तंबाकू का इस्तेमाल करना, दांतों की सफाई ठीक से न करना, अधिक मात्रा में चीनी खाना खून में इन्फेक्शन आदि कारणों से रोग हो जाता है।
 
वायरस संक्रमण से छाले : 
 
 
       यह छोटे छोटे छाले लाल या पीले रंग के मुंह में होते हैं। यह 1 सप्ताह के अंदर ही ठीक हो जाते हैं इन पर ध्यान न देने से इनमें मवाद बन सकती है।
   
बैक्टीरिया से छाले :
 
   ऐसी छालों पर पपड़ी जम जाती है। कुरेदने से दर्द होता है और पपड़ी झड़ जाती है, छाले गहरे होते चले जाते हैं, यह मसूड़ों व गालों तथा टॉन्सिल पर हो जाते हैं।
    
    मुंह के छाले के लक्षण : symptoms of stomatitis :
 
       इस रोग में रोगी के जीभ तथा गालों पर छाले अथवा छोटे-छोटे जख्म उभर आते हैं। छालों में बहुत तेज दर्द होता है। जीभ व होंठों के अंदर यानी पूरे मुंह में जहां-जहां म्यूकस मेंब्रेन होती हैं यह छाले हो जाते हैं। मुंह पर सूजन भी आ सकती है और उन में जलन होती है। भोजन करते समय या कुछ खाते समय छालों में अत्यधिक दर्द और जलन होती है जिस कारण रोगी भरपेट खाना भी नहीं खा पाता तीखा, कड़वा खाना तो बिल्कुल ही नहीं खाया जाता। 
      
      मुंह के छालों के कारण रोगी को दिनभर बेचैनी बनी रहती है और किसी काम में मन नहीं लगता सांस में बदबू आती है। जीभ भी लाल हो जाती है। मसूड़े फूल जाते हैं और  रोगी की लार बहती है। रोगी भोजन भी नहीं चबा पाता रोगी की हड्डियां भी प्रभावित हो जाती हैं। छालो के दर्द के कारण रोगी से ठीक से बोला भी नहीं जाता।
 

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     इन लक्षणों की अतिरिक्त रोगी में कमजोरी, चक्कर आना, बुखार आदि लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इस रोग में लापरवाही से रोगियों में कमजोरी तथा भोजन चबाने की क्षमता कम हो जाती है। जो व्यक्ति अत्यधिक गर्म मसाले, गर्म भोजन, अचार, चटनी, नमकीन, तले हुए पदार्थों का अत्यधिक सेवन करते हैं ऐसे रोगियों को मुंह के छाले होने की पूरी संभावना रहती है। जो व्यक्ति लंबे समय से कब्ज के शिकार हैं उन्हें यह रोग विशेषकर होता है।
 
 

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