Shortness of Breath : सांस फूलना कारण, लक्षण और बचाव

 सांस फूलना क्या है ? What is Shortness of Breath ?

    सांस फूलना या सांस चढ़ना एक बेचैनी भरी स्थिति होती है, जिसमें फेफड़ों तक पर्याप्त मात्रा में वायु (ऑक्सीजन) पहुंचने में कठिनाई होने लगती है। आपके दिल या फेफड़ों से संबंधित कोई भी समस्या आपकी सांसों में बाधा डाल सकती है। सांस फूलने की समस्या कुछ लोगों को अचानक व कुछ समय के लिए होती है और कुछ लोगों को लंबे समय तक यह समस्या बनी रहती है। जब आप कुछ ज्यादा मेहनभरा या तनाव भरा काम करते हैं तो सांसे फूलना आम बात होती है, लेकिन किसी प्रकार की मेहनत किए बिना और अचानक से यदि इसकी समस्या होती है तो यह एक मेडिकल स्थिति हो सकती है। सांस फूलने की समस्या के दौरान हुए अनुभव का लोग अलग-अलग तरीके से वर्णन करते हैं, जैसे सांस लेने में दिक्कत, छाती में जकड़न, अंदर पर्याप्त वायु ना खींच पाना आदि। सांस फूलने के कारण बेचैनी हर समय बनी रहती है।




 

सांस फूलने के कारण : Causes of Shortness of Breath :

  • दिल का साइज बढ़ जाने के कारण भी सांस फूलने की समस्या हो जाती है।
  • फेफड़ों में खून के थक्के जम जाने के कारण की सांस फूलने लगती है।
  • निमोनिया रोग हो जाने के कारण भी सांस फूलने लगती है।
  • खून की कमी भी इस रोग का एक कारण है।
  • दिल का दौरा पड़ने के कारण भी सांस फूलती है।
  • एलर्जी हो जाने के कारण।
  • सांस नली में किसी तरह की रुकावट आ जाने के कारण।
  • बाहरी चीजों या अन्य पदार्थों का सांस के द्वारा अंदर खींचना।
  • हार्ड फेल हो जाने के कारण।
  • फेफड़ों से संबंधित किसी तरह की कोई बीमारी हो जाने के कारण।
  • अस्थमा रोग के कारण।




 

  • फेफड़ों में कैंसर के कारण।
  • अधिक चिंता करने के कारण।
  • वायु प्रदूषण के कारण।
  • वायु में एलर्जी पदार्थों का होना।
  • ऐसे व्यक्ति जो अधिक मात्रा में धूम्रपान कहत हैं।
  • वजन का अधिक बढ़ना।
  • तापमान अधिक बढ़ जाने के कारण।
  • मांसपेशियों में कमजोरी आ जाने के कारण।
  • हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने के कारण।




 

 
सांस फूलने के लक्षण : Symptoms of Shortness of Breath :
 
  • वायु की कमी महसूस होती है।
  • सांस लेने में कठिनाई होती है।
  • गहरी सांस ले पाना मुश्किल होता है।
  • छाती में जकड़न बनी रहती है।
  • बुखार आ सकता है।
  • त्वचा पर चकत्ते हो सकते हैं।
  • खांसी की शिकायत रहती है।
  • जिन लोगों को फेफड़ों या दिल से सबंधित बीमारियां हैं, उनके लेटने से उनकी सांस फूलने की समस्या शुरू हो जाती है।
  • रात के समय अधिक पसीना आता है।
  • वजन कम होने लगता है।
  • हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत रहती है।
  • दिल जोर जोर से धड़कता है।
  • छाती में बेचैनी अनुभव होती है।
  • आराम के समय भी सांस फूलती है।
  • सीधे लेटने पर सांस लेने में कठिनाई का होना।
  • पैरों और टखनों में सूजन आ जाती है।
  • सांस लेते समय घरघराहट की आवाज आती है।




 

सांस फूलने से बचाव : preventing of Shortness of Breath :

  • धूम्रपान बंद कर दे।
  • सांस को रोकने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
  • प्रदूषण के संपर्क में आने से बचें।
  • सांस फूलना किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकती है। इसलिए सामान्य चेकअप अवश्य करवाएं।
  • पंखे के आगे बैठे और हवा को चेहरे पर लगने दे।
  • अगर आपका वजन अधिक है तो उसे कम करें।
  • ऐसी चीजों के इस्तेमाल से बचें जो अस्थमा को बढ़ाती हैं।
  • अधिक ऊंचाई पर जाने से बचे।
  • तनाव से बचें।




 

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