यह एक अचानक उठने वाला दर्द है जो नीचे पेडुओं व मूत्राशय से आरंभ होकर कमर में पीछे की और चला जाता है।यह दर्द कुछ समय से लेकर कुछ घंटो तक रहता है इसमें दर्द इतना अधिक होता है कि मरीज बिस्तर में एक करवट से दूसरे करवट बदलता रहता है।
इस दर्द का मुख्य कारण पथरी है।जो गुर्दे व मूत्र संस्थान में एक या कई जगह पर होती है और कहीं पर भी फस कर दर्द पैदा कर देती है।गुर्दे और मूत्र मार्ग में पाए जाने वाली वह पथरी जो बड़े आकार की होती है वह गुर्दों को भी धीरे-धीरे नष्ट कर सकती है।
गुर्दे के दर्द का कारण:
- मूत्रमार्ग में संक्रमण होने पर भी गुर्दे में दर्द हो सकता है।
- मूत्र मार्ग में अवरोध होने पर दर्द हो सकता है।
- मूत्र के अधिक गाढा होने पर भी दर्द हो सकता है।
- संतुलित आहार के कारण दर्द होता है।
- Utrine papilloma के टुकड़ों के कारण भी दर्द होता है।
- गुर्दे में संक्रमण हो जाए तो दर्द होता है।
लक्षण:
- कमर और पेट में अचानक दर्द का होना।
- दर्द तेज होने पर मरीज बिस्तर में करवटें बदलता है।
- रोगी व्याकुल होता है और उसे ठंडा पसीना आता है।
- दर्द कुछ समय से लेकर कुछ घंटे तक रहता है।
- कभी-कभी ठंड के साथ बुखार आता है।
- रोगी का जी घबराता है और उल्टी आती हैं।
- चेहरे का रंग पीला पड़ जाता है।
- पेशाब बूंद बूंद करके या दर्द के साथ आता हैं।
- पेशाब के रुक जाने पर पेट में भारीपन व दर्द बढ़ जाता है।
- मूत्र में रक्त आ सकता है।
- जब तक पथरी गुर्दे में रहती है तब तक दर्द नहीं होता परंतु जब यह पथरी मूत्र नली में आ जाती है तब बड़े भयंकर रूप से दर्द होता है।