
- अत्यधिक मात्रा में तबाकू चबाना।
- जर्दा, पान मसाला, गुटका का सेवन करना।
- अत्यधिक पान का सेवन करना।
- धूम्रपान अधिक करना।
- शराब के अत्यधिक सेवन के कारण।
- मुंह की ठीक सफाई न होने के कारण।
- दांतों की देखभाल में कमी के कारण।
- नुकीले दात के कारण।
- नकली दांत ठीक से फिट नहीं होने के कारण।
- अधिकतर लोग पान तमाखू आदि को मुंह के एक कोने में दबा कर रखते हैं। बार-बार तथा काफी समय तक उस को दबाए रखने से मुंह के अंदर एक घाव बन जाता है। उसका हमको पता नहीं चलता जो बाद में कैंसर का रूप धारण कर लेता है।
- अल्ट्रावॉयलेट लाइट के कारण।
- जिन व्यक्तियों में तंबाकू चबाने, पान खाने, धूम्रपान करने और उसके साथ अल्कोहल का सेवन करने की आदत है। उसके मुंह में किसी भी स्थान पर कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
मुंह का कैंसर होने के लक्षण : Symptoms of oral cancer:
मुंह के कैंसर की शुरुआत में मुंह के अंदर के ऊतक में बदलाव आ सकता है। जिन्हें आसानी से देखा या महसूस किया जा सकता है। यदि आप अपने मुंह में कोई छाला या धब्बे पाए और वह 10 दिनों तक बने रहे तो इसका तुरंत निदान करना चाहिए। मुंह के अंदर गांठ, सूजन, कहीं भी छाला, रंग में बदलाव खासकर किसी लाल जगह पर, भुरे या काले धब्बे का होना, सफेद खुरदरी धब्बे होना, लगातार खून का आना, जीभ या होंठ में सनसनाहट, जलन, मुंह में कहीं भी दर्द होना अथवा निगलने में परेशानी होना आदि कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
मुंह की कोशिकाओं में प्रारंभिक अवस्था में होने वाले बदलावों को आसानी से देख कर या हाथ से छूकर पता किया जा सकता है। यदि मुंह में कोई गांठ हो या घाव हो जो भरते नहीं है कैंसर को जन्म दे सकते हैं।
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- अत्यधिक लार का आना।
- लार के साथ खून का निकलना।
- मुंह के अंदर किसी स्थान पर सफेद दाग दिखना अथवा रंग में परिवर्तन जिसमें प्रमुख रुप से लाल, भूरे या काले धब्बों का होना, खुरदरे, सफेद धब्बों का होना।
- ऐसे घाव जो 10 दिनों में न भरते हो।
- बोलने में कठिनाई महसूस होना।
- जीभ या होठों पर जलन होना।
- मुंह में कहीं भी दर्द होना।
- दर्द करने वाला ढीला या हिलता हुआ दांत।
- निगलने में कठिनाई होना।
- जीभ निकालने या मुंह खोलने में परेशानी होना।
- मुंह से दुर्गंध आना।
- आवाज में बदलाव का होना।
- मुंह या जबड़े को चलाने में कठिनाई।
- गले में कुछ अटके रहने का आभास होना।
- गर्दन में गांठ या सूजन होना सिर में दर्द महसूस होना।