Kali Muriaticum की जानकारी लाभ और फायदे in hindi | Kali Muriaticum Symptoms and Banefit in hindi

 

Kali Muriaticum की जानकारी लाभ और फायदे in hindi | Kali Muriaticum Symptoms and Banefit in hindi.

 

Kali Muriaticum की जानकारी लाभ और फायदे in hindi | Kali Muriaticum Symptoms and Banefit in hindi

 

Kali Muriaticum

 

खून में पाये जानेवाले फाइब्रिन नामक पदार्थ से काली म्यूरिएटिकम का गहरा सम्बन्ध है। यह लवण एल्ब्यूमिन के साथ मिलकर फाइब्रिन तैयार करता है। लेकिन शरीर में काली म्यूरिएटिकम की कमी हो जाए तो फाइब्रिन निष्क्रिय होकर बाहर निकलने की कोशिश करता है या शरीर के किसी अंग में जमा हो जाता है, जिसकी वजह से शरीर में कई तरह के रोग उत्पन्न हो जाते हैं।

 

 

शरीर में काली म्यूरिएटिकम की कमी हो जाने से फाइब्रिन निष्क्रिय पदार्थ के रूप में त्वचा के नीचे जमा होकर छोटी छोटी फुन्सियों के रूप में उभर आता है और वहाँ से सफेद रंग का चर्बी जैसा द्रव निकलने लगता है। इस द्रव के सूख जाने पर वहाँ सफेद रंग की भूसी बन जाती है और कुछ समय बाद वह भूसी झड़ने लगती है।

काली म्यूरिएटिकम की कमी हो जाने से नाक, गले, फेफड़े और आँतों की श्लेष्मिक झिल्लियों से गाढ़ा, सफेद, चिपचिपा धागे जैसा द्रव निकलने लगता है और सर्दी, खाँसी, टॉन्सिलाइटिस, डिपिथरिया, प्लूरिसी, न्युमोनिया, दस्त, आँव आदि बीमारियाँ हो जाती हैं। काली म्यूरिएटिकम की कमी हो जाने पर मस्तिष्क के नए  सेल्स नहीं बन पाते।

चमड़ी से आटे जैसी भूसी झड़ना या सफेद रंग के खुरंड (पपड़ी Crust) उतरना। सब प्रकार की सूजन की द्वितीय अवस्था में जब द्रव निकलना शुरू हो जाता है उस समय यह दवा लाभ पहुँचाती है।

यह दवा सर्दी, खाँसी, बुखार, प्लूरिसी, न्युमोनिया की द्वितीय अवस्था में जब बलगम पचिपचिपा और गोंद की तरह निकलता है, उल्टी के साथ सिरदर्द, कान की सूजन, बहरापन, आदि समस्याओं के लिए बेस्ट होम्योपैथिक मेडिसिन।

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