Ferrum Phosphoricum की जानकारी लाभ और फायदे in hindi | Ferrum Phosphoricum 6x Symptoms and uses in hindi

 

Ferrum Phosphoricum की जानकारी लाभ और फायदे in hindi | Ferrum Phosphoricum 6x Symptoms and uses in hindi.

 

 

Ferrum Phosphoricum 6x, 12x, 30x and 200x Symptoms in hindi

फेरन फॉस्फोरिकम खून को ऑक्सीजन पहुंचाने और खून में जमा हुई दूषित वस्तुओं को बाहर निकालने का काम करता है। यदि खून को ऑक्सीजन न मिले तो शरीर तन्त्र अपना काम ठीक तरह से नहीं कर पाता। लेकिन जब फेरन फॉस्फोरिकम की खून में कमी हो जाती है तो शरीर के सभी अंगों को खून पहुँचाने की क्रिया पर जरूरत से ज्यादा जोर पड़ता है। जैसे दस लोगों का काम अगर पाँच लोगों को करना पड़े तो वे थककर चूर हो जाते हैं, इसी तरह खून में फेरन फॉस्फोरिकम की कमी हो जाने से पेशियों के टिशू ढीले पड़ जाते हैं, जिसकी वजह से खून ले जाने वाली छोटी बड़ी नसे ढीली पड़ जाती हैं, क्योंकि उनकी शक्ति कम हो जाती है। जहाँ जहाँ नसें ढीली पड़ गई हैं वहाँ खून जमा होने लगता है। खून एक जगह जमा हो जाने से शरीर के उस अंग में सूजन पैदा हो जाती है।

फेरन फॉस्फोरिकम की कमी की वजह से आँतों के रेशे ढीले पड़ जाते हैं और दस्त आने लगते हैं। जब यह ढीलापन बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तो आँतों में मल को आगे बढ़ाने को तथा उसे बाहर निकालने की शक्ति कम हो जाती है, जिससे कब्ज हो जाता है। खून की नसों के ढीले पड़ जाने की वजह से खून ठहर जाता है जिससे शरीर के अलग-अलग हिस्सों में सूजन हो जाती है, और खून तेजी से बहने लगता है तो बुखार हो जाता है। नाक की झिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से वहाँ की खून की नसें ढीली पड़ जाती है जिससे जुखाम हो जाता है। शरीर के किसी अंग में सूजन हो जाने की वजह से ही वहाँ फोड़ा हो जाता है। यह फोड़ा शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है, फोड़ा हो जाने की वजह से उस अंग में सूजन हो जाने से वह अँग लाल और गर्म हो जाता है।

खून में फेरन फॉस्फोरिकम की कमी की वजह से रोगी को सर्दी हो जाती है। खून में लोहे की कमी हो जाने से वाइट ब्लड सेल्स की संख्या बढ़ जाती हैं, जिससे रोगी में खून की कमी हो जाती है। 

फेरन फॉस्फोरिकम को शरीर में पहुँचाने से नसों को शक्ति मिलती है, और वे अपन काम सही तरीके से करने लगती हैं और फेरन फॉस्फोरिकम की कमी के कारण से जो भी बीमारियां पैदा हुई हैं वे दूर हो जाती हैं।

फेरन फॉस्फोरिकम सर्दी, बुखार, नाक से रक्त गिरना, खाँसी, ब्राँकाइटिस, न्युमोनिया, प्लूरिसी छाती में दर्द, गले की तकलीफ आवाज बैठ जाना उल्टियाँ, कब्ज, दस्त, बिस्तर में पेशाब होना, अनजाने में पेशाब निकल जाना, बार-बार पेशाब होना, कमर दर्द, गर्दन अकड़ जाना, कधों का दर्द, जोड़ों का दर्द, सूजन फोड़े, कान का दर्द, मसूढ़ों की तकलीफें, दाँत का दर्द, सिर दर्द, स्तनों की सूजन और दर्द, आँखों की सूजन आदि में उपयोगी है।

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