Insomnia (नींद न आना, अनिद्रा ) कारण, लक्षण और उपचार

इनसोम्निया क्या है ? What is insomnia

नींद का ठीक से न आना या बिल्कुल कम आना है अनिद्रा कहलाती है।अनिद्रा से पीड़ित लोगों को अक्सर या तो काफी समय तक लेटे रहने के बावजूद नींद नहीं आती या फिर सोने के कुछ समय बाद ही आंखें खुल जाती हैं लगभग हर तीसरे व्यक्ति को अपने जीवन काल में कभी न कभी अनिद्रा की स्थिति से गुजरना पड़ता है।

यदि कोई व्यक्ति रात को सोने के समय यत्न पूर्वक सोने की कोशिश के बावजूद सो न पाए तो उसे इन्सोम्निया कहते हैं।

इन्सोम्निया के कारण:

        1 – शारीरिक कारण:

दमा,खांसी, दर्द, कब्ज, अपच, भूखे पेट रहना, अत्यधिक धूम्रपान या शराब का सेवन करना चाय व कॉफी का अधिक मात्रा में सेवन करना आदि कारण हो सकते हैं।

  2- मनोवैज्ञानिक कारण:

डिप्रेशन, भय, चिंता, आकांक्षा, वियोग, मिलन की प्रतीक्षा, क्रोध, उत्तेजना आदि कारण हो सकते हैं।

इनसोम्निया की सबसे अहम बजह टेंशन ही है।अनिद्रा से पीड़ित सभी लोगों में लगभग आधे लोगों को चिंता या तनाव की वजह से परेशान होते हैं।अक्सर लोग रात को सोते समय उस दिन अपने साथ घटी अच्छी बुरी घटनाओं के बारे में अगले दिन के किसी मुश्किल काम के बारे में सोच विचार करते हैं जिसके चलते अक्सर नींद नहीं आती और नींद आ भी जाती है तो इसी तनाव के चलते जल्दी खुल भी जाती है।

इन कारणों के साथ-साथ अत्यधिक मात्रा में कॉफी जैसे कैफीन की अधिकता वाले पेय पदार्थो व हीरोइन जैसे नशीले पदार्थों के सेवन से भी अनिद्रा की शिकायत हो सकती है शराब व बीयर जैसे अल्कोहल पेय पदार्थों नींद की गोलियों व एंटी डिप्रेशन दवाइयों का सेवन अचानक बंद कर देने पर भी व्यक्ति को अनिद्रा की शिकायत रहने लगती है।

इनसोम्निया के लक्षण:

अनिद्रा मानसिक तनाव और थकान पैदा करती है। रोगी चिड़चिड़ा और क्रोधी स्वभाव का हो जाता है। वह शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर हो जाता है। नींद न आने से रोगी व्याकुलता और बेचैनी अनुभव करने लगता है। रोगी का मन दुखी रहता है और उसे भूख नहीं लगती। किसी भी कार्य को करने में मन नहीं लगता शरीर धीरे-धीरे कमजोर होता जाता है। अनिद्रा में हल्की सी आहट से नींद टूट जाती है। कुछ रोगियों को नींद बीच में बार बार टूटती रहती है।

दुष्प्रभाव:

नींद भूख के बाद मनुष्य की सबसे प्रमुख आवश्यकता है। मनुष्य की नींद आवश्यकता अनुसार पूरी नहीं हुई तो शरीर के सारे सिस्टम प्रभावित होते हैं। नींद पूरी हुई तो शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। नींद पूरी नहीं हुई तो सारे दिन के लिए शारीरिक और मानसिक शक्ति घट जाती है। नींद पूरी न होने पर सुबह पेट साफ नहीं होता है, जलन और पेट में गैस की शिकायत होती है।नींद पूरी न होने का सिलसिला यदि कई दिन तक जारी रहा तो सारे ऐसे लक्षण प्रकट होने लगते हैं जो मनुष्य के कार्य करने की क्षमता ही नहीं बल्कि उसके दैनिक जीवन को प्रभावित करते ह

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