Insomnia : अनिद्रा ( नींद न आना ) जाने नींद न आने के कारण और बचाव

 नींद न आना (अनिद्रा) क्या है ?What is sleep deprivation (insomnia)?

     अनिद्रा का मतलब है सोने में मुश्किल होना या रात को नींद न आना. इसका एक रूप है, स्लीप-मेंटीनेंस इन्सोम्निया, यानी सोये रहने में कठिनाई या बहुत जल्दी जाग जाना और दोबारा सोने में मुश्किल. पर्याप्त नींद न मिलने पर चिंता बढ़ जाती है, जिससे नींद में हस्तक्षेप होता है और यह दुष्चक्र चलता रहता है. उच्च रक्तचाप, कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर, डायबिटीज व अन्य बीमारियों से भी अनिद्रा का सीधा संबंध है।

    जीवनशैली से जुड़ी आदतों के चलते अनिद्रा की शिकायत हो सकती है. अनिद्रा को आमतौर पर एक लक्षण के रूप में देखा जाता है. अनिद्रा या नींद न आने की समस्या इस बात की ओर इशारा कर सकती है कि आप मानसिक रूप से परेशान या अस्वस्थ हैं. अक्सर मनोचिकित्सा विकार का सामना कर रहे लोगों को नींद आने में लगातार कठिनाई होती है।




अनिद्रा के कारण :Causes of insomnia:

     जैसे: परिवार की आर्थिक स्तिथि, छात्रों को पढ़ाई और काम की चिंता,थकावट के कारण सक्रीय हो जाना,स्वास्थ को लेकर परेशान रहना, किसी की मौत का सदमा लगना, तलाक हो जाना, घटना हो जाना इत्यादि तनाव के कारण हो सकते है।

अवस्थ नींद की आदते होना जैसे अधिक भोजन करके मोबाइल में व्यस्त रहना ,बिस्तर पर न सोने के बजाय कुर्सी पर सोना,काम के दौरान बिस्तर का इस्तेमाल करना,सोने के पहले उत्तेजना वाले कार्य करना यह सब अनिद्रा पैदा करने का कारण होता है।

अगर व्यक्ति को मानसिक समस्या है तो यह अनिद्रा होने का कारण हो सकता है।

रक्तचाप, अस्थमा के मरीजों को दवाइयां लेने के कारण अनिद्रा हो सकती है।

कार्य और कार्यक्रम के बदलाव के कारण अनिद्रा शुरू हो जाती है जैसे बार बार काम का सिफ्ट बदलना, अलग अलग छेत्र में यात्रा करना,इत्यादि।




अनिद्रा के लक्षण :Symptoms of insomnia:

  रात को सोने में परेशानी होना।

दिन के वक्त थकान महसूस होना या दिन के वक्त नींद आना।

सुबह उठने के बाद तरोताजा महसूस न करना।

सोते वक्त बार-बार उठना या नींद आने में परेशानी होना।

ज्यादा देर तक जागना।

देर रात सोने के बाद जल्दी उठ जाना।




अनिद्रा से बचाव :Prevention of insomnia

रात में एक निश्चित समय पर सोने की आदत डालें।

सोने से एक घंटे पहले मानसिक तनाव देने वाले कामों से फुरसत ले लें।

सक्रिय जीवनशैली अपनाएं।

सकारात्मक सोचें। 

सोने से पहले गरिष्ठ भोजन और पेय पदार्थों से बचें।

सोने से पहले ठंडे दूध में शहद मिलाकर पीने से नींद बेहतर होती है।

सोने के कमरे को आरामदायक बनाएं।

कॉफी, अल्कोहल और धूम्रपान के सेवन से बचें।

दिन में अनावश्यक नींद लेने की आदत से बचें।




कुछ अध्ययनों के अनुसार, सोने से पहले एक मुट्ठी चेरी खाएं, तो नींद अच्छी आएगी। चेरी में प्रचुर मात्रा में मेलाटोनिन होता है, जो शरीर के आंतरिक चक्र को नियमित करता है।

सोने से पहले तलवों में सरसों के तेल की मालिश करने से नींद न आने की समस्या को दूर किया जा सकता है।

नींद न आ रही हो, तो कोई पुस्तक पढ़ें या संगीत सुनें।

योगासन, प्राणायाम और ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

सोने से पूर्व ग्रीन टी पिएं।

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