हार्ट मर्मर क्या है ?What is heart murmur?
हार्ट मर्मर, दिल की धड़कन के दौरान सुनाई देने वाली एक असामान्य ध्वनि को कहा जाता है। हृदय वाल्व के माध्यम से या हृदय के पास से होने वाले असामान्य रक्त प्रवाह के कारण यह आवाजें सुनाई दे सकती हैं। हार्ट मर्मर की समस्या जन्मजात या बाद में भी विकसित हो सकती है। हार्ट मर्मर के कारण सामान्य तौर पर कोई हानि नहीं होती है, न ही इसके उपचार की भी आवश्यकता होती है। हालांकि, कुछ मामलों में परीक्षण कराया जाता है, जिससे कि यह पता लगाया जा सके कि मर्मर किसी गंभीर हृदय संबंधी समस्या के कारण तो नहीं हो रहा है।
हार्ट मर्मर के प्रकार :Types of heart murmur
1 – इनोसेंट हार्ट मर्मर :
जिन लोगों को इनोसेंट हार्ट मर्मर की शिकायत होती है, उनका हृदय सामान्य होता है।नवजात और बच्चों में यह समस्या सामान्य है।
2 – एबनार्मल हार्ट मर्मर :
एबनार्मल हार्ट मर्मर, थोड़ी गंभीर स्थिति है। बच्चों में यह समस्या जन्मजात हृदय रोगों के कारण होती है। जबकि वयस्कों में इसका कारण हृदय वाल्व से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
हार्ट मर्मर के कारण :Causes of heart murmur:
- अगर परिवार में किसी को हृदय संबंधी कोई समस्या रह चुकी है तो आपको हार्ट मर्मर की समस्या हो सकती है।
- हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाने के कारण।
- हृदय की दीवारों में संक्रमण हो जाने के कारण।
- बच्चों में रूबेला संक्रमण हो जाने पर।
- डायबिटीज की समस्या होने पर।
- गर्भावस्था में अल्कोहल या अन्य नशीले पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करने से बच्चे को हृदय संबंधी रोग हो सकते हैं।
इनोसेंट हार्ट मर्मर –
हृदय से होकर जब रक्त का प्रवाह सामान्य से अधिक तेजी से होने लगता है तो इस कारण से इनोसेंट हार्ट मर्मर की समस्या हो सकती है। कई ऐसी स्थितियां हैं जो तेजी से रक्त प्रवाह का कारण बन सकती हैं।
- थायराइड हार्मोन के बढ़ने के कारण।
- शरीर के ऊतकों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन ले जाने के लिए रेड ब्लड सेल्स की कमी।
- बुखार आ जाने के कारण।
- गर्भावस्था के दौरान।
- बच्चों के जन्म के समय हृदय की संरचनात्मक समस्याएं हो जाने के कारण।
- हृदय में छेद होने के कारण।
- रूमेटिक बुखार हो जाने पर।
- हार्ड वाल्व की समस्याएं।
- रोगी को खांसी की शिकायत रहती है।
- सांस लेने में समस्या होती है।
- गर्दन की नस बढ़ जाती है।
- लीवर में वृद्धि हो जाती है।
- भूख कम लगती है।
- ब्लड प्रेशर अनियमित हो जाता है।
- थकावट बनी रहती है।
- पसीना अधिक मात्रा में आता है।
- बेहोशी आ सकती है।
- छाती में दर्द की शिकायत रहती है।
- रोगी का सिर चकराता है।
- उंगलिया और होठों की त्वचा नीली हो सकती है।
- अचानक से वजन बढ़ने लगता है।
- शरीर पर सूजन आ जाती है।
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