फुट कॉर्न ( गोखरू ) के कारण,लक्षण और बचाव : Foot Corn Symptoms, Causes and Treatment

 फुट कॉर्न क्या है? What is Foot Corn?

      कॉर्न रगड़ और दबाव के कारण त्वचा पर उत्पन्न होते हैं। यह खास तौर पर पैरों के तलवों में होती हैं। यह त्वचा की एक मोटी परत होती है। कॉर्न्स अक्सर छोटे-छोटे, परतदार गोल चक्र के आकार के होते हैं, जो आम तौर पर पैरों की उंगलियों के ऊपर, बराबर में या तलवे पर विकसित होते हैं। लेकिन ये कहीं भी विकसित हो सकते हैं। फुट कॉर्न अक्सर दुबले-पतले लोगों के पैरों में होते हैं, क्योंकि उनकी त्वचा में चर्बी (गद्दापन) की कमी होती है। फुट कॉर्न की समस्या पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को अधिक होती है। यह ऐसे लोगों में अधिक पाई जाती है जो अपने पैरों के साइज के छोटे जूते पहनते हैं जिस कारण पैरों में पसीना आ जाता है। फुट कॉर्न मैं चलने पर दर्द होता है। जो व्यक्ति लंबे समय तक खड़े रहते हैं उन्हें भी यह समस्या हो जाती है।

    फुट कॉर्न के कारण : Causes of  Foot Corn:

  • वृद्धावस्था में त्वचा में फैटी टिश्यू कम हो जाते हैं, जिससे त्वचा में गद्दापन कम हो जाता है। जिससे फुट कॉर्न की समस्या हो जाती है।
  • खेतों में काम करने वाले लोगों में।
  • दोहराए जाने वाले काम जैसे एक ही तरह से चलना या दौड़ना।
  • नंगे पैर चलना।
  • बिना मौजों के जूते या सैंडल पहनना।
  • विशेष डिजाइन वाले जूते पहनना जिस कारण पैरों के किसी एक हिस्से में अधिक दबाव पड़ता है और फुट कॉर्न की समस्या हो जाती है जैसे ऊंची एड़ी वाले जूते पहनना।
  • सही तरह से न चलना।




 

 
फुट कॉर्न के लक्षण : Symptoms of Foot Corn :
 
  • पैरों पर कठोर गांठ का बनना।
  • त्वचा मोटी और खुरदरी होना।
  • त्वचा में दर्द रहता है और छूने पर दर्द बढ़ जाता है।
  • त्वचा सूखी रहती है।
  • त्वचा पर मोम जैसी एक परत बन जाती है।
  • चलते समय पैरों के तलवों में दर्द होना।
  • पैरों के तलवों में सूजन आ जाती है।
  • प्रभावित स्थान पर खून निकलता है।
  • पैरों के तलवों में खारिश अधिक आती है।
  • खून निकलने पर संक्रमण बनने का खतरा बना रहता है।
  • नाजुक त्वचा वाले लोगों में पैर सुन हो जाते हैं।
  • प्रभावित स्थान से मवाद निकलती है।



 
फुट कॉर्न से बचाव :Avoidance of Foot Corn:
 
  • साफ जूते, मोजे पहने।
  • पसीने से बचने के लिए टेलकम पाउडर का इस्तेमाल करें।
  • पैरों को अच्छी तरह से धोकर और उन्हें सुखाकर क्रीम लगाएं।
  • रात को सोने से पहले पैरों को अच्छी तरह से साबुन और स्वच्छ पानी से धोएं।
  • उंगलियों के नाखून काट कर रखें।
  • पैरों की नाप के जूते पहने।
  • नंगे पैर न चले।
  • घिसी हुई एड़ियों वाले जूते, चप्पल न पहने।
  • ऊंची एड़ी वाले जूते न पहने।
  • नुकीली नोक वाले जूते पहनने से बचें।
  • ऐसी जगह पर न चले जहां चलने में कठिनाई हो।
  • त्वचा को नरम रखने में मदद करने के लिए अपने हाथों और पैरों पर मॉइस्चराइज़र लगाएं।
  • त्वचा को नरम रखने में मदद करने के लिए अपने हाथों और पैरों पर मॉइस्चराइज़र लगाएं।



 

Read More –

ACIDITY ! गैस का बनना, एसिडिटी बनने के कारण

मस्सा क्या होता है? : कारण, लक्षण और प्रकार

STOMACH ULCER ! पेट का अल्सर, गैस्ट्रिक अल्सर, अल्सर क्या है

ENCEPHALITIS (इंसेफेलाइटिस ) दिमाग की सूजन कारण और लक्षण

CERVICAL SPONDYLITIS, गर्दन का दर्द , सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के कारण और लक्षण

COLITIS : आंतों में जख्म, सूजन, इन्फेक्शन के कारण और लक्षण

WHAT IS CONSTIPACTION? : कब्ज के कारण और लक्षण

LYMPHATIC FILARIASIS (ELEPHANTIASIS): SYMPTOMS, CAUSES AND CURRENT TREATMENT FOR FILARIASIS

CARDIOVASCULAR DISEASES: CAUSES, SYMPTOMS & TYPES

WHAT IS FILARIASIS? – SYMPTOMS, CAUSES, TREATMENT & TREATMENT




Leave a Comment