Colic pain ! पेट का दर्द होने के कारण, symptoms of colic pain, what is colic pain,

पेट दर्द क्या है ? What is colic pain ?       जब किसी कारण से पेट की मांसपेशियों में सिकुड़न या ऐंठन पैदा होती है तो उस समय पेट दर्द होता है। यह एक आम रोग है भारत में पेट दर्द की समस्या में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। पेट दर्द जब बच्चों को होता है तो बच्चे एकदम संकट की स्थिति में आ जाते हैं। बच्चों को होने वाले पेट दर्द को ‘इनफेंटाइल काॅलिक’ के नाम से जाना जाता है। पेट दर्द कभी धीमा तो कभी काफी तेज होता है पेट दर्द के कारण रोगी को दस्त के साथ कभी कभी खून का आना, कब्ज, उल्टी आदि हो सकते हैं।
      पेट दर्द के कारण :
  • चाट, पकौड़ी, हलवा आदि का अधिक सेवन करना।
  • बार बार भोजन करना।
  • मिठाइयों का अधिक सेवन करना।
  • शरीर में अत्यधिक कमजोरी होना।
  • बासी भोजन का इस्तेमाल करना।
  • रोगी को कब्ज के कारण भी पेट दर्द होने लगता है।
  • यह रोग अधिकतर एसिडिटी के कारण उत्पन्न होता है।
  • गर्भावस्था के दौरान पेट पर दबाव पड़ने से।
  • बर्फ का ठंडा पानी पीना।
  • भोजन के साथ शरीर में किसी जहरीले पदार्थ का चले जाना।
  • बर्फ का खाना खाने से पेट दर्द होने लगता है।
  • बरसात के मौसम में पानी में भीग जाना।
  • सर्दी लगने के कारण भी पेट दर्द होने लगता है।
  • आंतों में सूजन आ जाने के कारण पेट दर्द होता है।
  • अत्यधिक भारी चीजों का सेवन करना।
  • दस्त लाने वाले पदार्थों का सेवन करना।
  • कीड़े होने कारण भी पेट दर्द होता है।
  • अपेंडिक्स में सूजन आ जाने के कारण दर्द होता है।
  • अगर पित्त की थैली या गुर्दों में पथरी पायी जाती है तब भी दर्द होने लगता है।
  • आंतों में ऐठन होना।
  • लीवर पर सूजन आ जाना।
  • मोटी रोटी ज्यादा दिनों तक खाने से।
  • चना, सेम, लोबिया मटर जैसे दलहन अधिक मात्रा में खाने से पेट दर्द होने लगता है।
  • ठंडा और बासी भोजन करने और कब्जियत रहने से पेट दर्द होता है।
  • अत्यधिक भोजन करना और बिल्कुल परिश्रम नहीं करना जिस कारण पाचन क्रिया पूरी तरह से संपन्न नहीं होती ऐसी स्थिति में पेट दर्द होने लगता है।
 
        पेट दर्द का कोई निश्चित कारण नहीं है। यह सामान्य कारणों जैसे अधिक भोजन करना, वायु बनना, एसिडिटी अपज आदि कारण हो सकता है। अगर अल्सर, कब्ज आदि लंबे समय तक बने रहने पर पेट दर्द हो सकता है। अगर दर्द बार-बार होता रहे तो किसी योग्य चिकित्सक को दिखाना चाहिए। बच्चों में पेट दर्द कीड़े होने पर भी हो सकता है। अगर डायबिटीज रोगियों की शुगर अधिक बढ़ जाए तो उन्हें पेट दर्द की समस्या हो जाती है। 
पेट दर्द के लक्षण : symptoms of colic pain :
      पेट दर्द एकदम या अचानक भी हो सकता है और धीरे-धीरे भी हो सकता है। इस प्रकार  के रोगियों में कब्ज की समस्या देखी जाती है। रोगी की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है रोगी को भूख नहीं लगती, पेट दर्द दूसरे अंगों के कारण भी हो सकता है। रोगी को उल्टी और जी मिचलाने की शिकायत रहती है। पेट में पीड़ा की लहरें उठना इस रोग का प्रमुख लक्षण है। 
        आंतों और पेट में होने वाला पेट दर्द नाभि के चारो और मरोड़ की भांति पैदा होता है। कभी-कभी यह पेट दर्द रह-रहकर उठता है। रोगी को कुछ खाने की इच्छा नहीं रहती। रोगी बेचैन रहता है, घबराहट होती है, तनाव अनुभव करता है। कुछ रोगियों को पेट दर्द के साथ-साथ उल्टी भी आती है। यदि रोगी अपने पेट को दवा लेता है अथवा पेट के बल लेट जाता है तो उसको दर्द में कुछ राहत मिल जाती है। पर कुछ रोगियों में दर्द इतना तेज होता है कि रोगी पेट पर हाथ नहीं रखने देता। रोगी के पेशाब का रंग बदल जाता है। कुछ रोगियों में पसीने आने की शिकायत रहती है। साथ में रोगी को डकार आती हैं बड़ी आंख का दर्द नाभि के पास दाएं भाग पर होता है।
 
      अक्सर रोगी पेट में भारीपन की शिकायत करता है। कुछ रोगियों के पेट में गांठ सी प्रतीत होती है रोगी के पेट में वायु के गोले से घूमते हुए अनुभव होते हैं। रोगी को कब्ज की शिकायत रहती है और उल्टी आती है। रोगी के शरीर का तापमान कम हो जाता है। कभी-कभी तापमान अधिक भी हो जाता है। रोगी को ठंडा पसीना आ सकता है। रोगी घुटने पेट पर मोड़े रहता है।
 
 
       दर्द के अलावा कुछ रोगी बुखार, कमजोरी और भूख नहीं लगने की शिकायत करते हैं। दर्द मुख्यतः पेट के ऊपरी दाएं भाग में होता है। किसी किसी रोगी में दर्द पेट के मध्य भाग या बाएं भाग में भी देखा जाता है। साइकल चलाने या रिक्शे पर बैठने से धक्के लगने पर भी पेट दर्द की शिकायत हो सकती है। कुछ रोगी पेट के ऊपरी भाग को दोनों हाथों से पकड़ कर आते हैं और भयंकर दर्द तथ बुखार की शिकायत करते हैं। इसका दर्द छाती के निचले भाग में होता है। कुछ लोग दाएं हाथ के कंधे की दवाई खा लेते हैं लेकिन यह दर्द लीवर के कारण होता है
 

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       पेप्टिक अल्सर के रोगी का पेट दर्द, पेट के ऊपरी या मध्य भाग में होता है साथ में जलन और भारीपन बना रहता है। रोगी को खट्टी डकार आती है और उल्टी की शिकायत रहती है। अल्सर के फट जाने पर रोगी अचानक बहुत तेज पेट दर्द की शिकायत करता है। खून की उल्टी आ जाती है। 

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