सांस लेने में दिक्कत होना क्या है ? What is difficulty in breathing?
सांस लेने में दिक्कत एक कष्टदायक अनुभव होता है। कुछ लोगों का कहना है कि इस समस्या में उनको सांस फूलने या सांसे चढ़ने जैसा अनुभव महसूस होता है। इसमें छाती में अकड़न होती है और सांस लेने के दौरान दर्द भी महसूस हो सकता है। वायु मार्ग में रुकावट आ जाने के कारण भी सांस लेने में समस्या हो जाती है। अगर सांस लेने में वायु मार्ग में रुकावट ने होकर कोई अन्य समस्या समस्या होती है, तो इसका तुरंत इलाज कराना चाहिए यह कोई गंभीर या हानिकारक संकेत हो सकती है।
वायु मार्ग नालियों से बनी एक जटिल प्रक्रिया होती है। मूहू व नाक से वायु खींचकर फेफड़ों तक पहुंचाई जाती है इसलिए सांस लेने लेने में समस्या वायु मार्ग में कहीं भी रुकावट के कारण होती है। इस समस्या के अन्य कारणों को दवाओं, ऑक्सीजन थेरेपी या अन्य सर्जिकल प्रक्रियाओं द्वारा मैनेज किया जाता है।
सांस लेने में दिक्कत के कारण :Reasons for breathing problems:
हृदय रोग के कारण भी सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। क्योंकि, इस स्थिति में आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए आपका हृदय पर्याप्त खून को पंप नहीं कर पाता। अगर आपके मस्तिष्क, मांसपेशियों या शरीर के अन्य हिस्सों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती है तो उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है, साथ ही साथ पीड़ित को सांस फूलने की भी शिकायत होती है।
- स्वसन संबंधी बीमारी जो ऊपरी वायु मार्ग की सूजन का कारण बनती है।
- वे लोग जिनको निगलने के दौरान काफी परेशानी महसूस होती है, जैसे न्यूरोमस्कुलर डिसऑर्डर से पीड़ित लोग।
- अधिक धुंए में सांस लेने के कारण।
- वायरल इंफेक्शन हो जाने के कारण।
- बैक्टीरियल संक्रमण के कारण।
- श्वास नली की दीवारें क्षतिग्रस्त हो जाना।
- अस्थमा रोग में।
- क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस की अवस्था हो जाने पर।
- किसी बाहरी वस्तु को सांस द्वारा अंदर लेना।
- नाक में कोई छोटी वस्तु जाने के कारण।
- किसी दुर्घटना में वायु मार्ग का क्षतिग्रस्त होना।
- टॉन्सिल की समस्या हो जाने पर।
- कोई गंभीर बीमारी हो जाने के कारण।
- हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाने पर।
- हृदय का कोई रोग हो जाने पर।
- जन्म के समय कोई दोष हो जाने पर।
- ऐसे व्यक्ति जो अधिक मात्रा में धूम्रपान करते हैं।
- रोगी हर समय व्याकुल रहता है।
- रोगी की त्वचा का रंग नीला पड़ जाता है।
- रोगी को चक्कर आते हैं।
- हवा खींचते समय हांफना।
- छाती में दर्द की शिकायत रहती है।
- सांस लेते समय आवाजे आती हैं।
- बेहोशी आ जाना।
- गर्दन में दर्द रहना।
- रोगी को हर समय थकावट रहती है।
- रोगी को घबराहट अनुभव होती है।
- रोगी की नींद बहुत कम हो जाती है।
- अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर परिश्रम करने से बचें।
- अगर आपके अंदर वजन बहुत अधिक है तो वजन कम करने की कोशिश करें।
- प्रदूषण में आने से बचें।
- जितना हो सके एलर्जीक पदार्थों और विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आने से बचे।
- धूम्रपान के सेवन से बचें।
- छोटी वस्तु को बच्चों की पहुंच से दूर रखें ताकि वह उसे निगल न ले।
- भोजन को अच्छी तरह से चबाकर खाएं।
- भोजन को धीरे-धीरे खाए।
- खाना खाने से पहले अधिक मात्रा में शराब पीने से बचें।
- खाना जल्दबाजी में न खाई।
- भूख से अधिक खाना नहीं खाए।
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