Arnica Montana Symptoms Uses and Banefit in hindi

Arnica Montana Symptoms Uses and Banefit in hindi

     अर्निका का रोगी किसी को भी अपने पास नहीं आने देना चाहता है इसके दो कारण हैं पहला तो यह है कि वह किसी से बातचीत नहीं करना चाहता और दूसरा यह कि उसका शरीर कुचले जाने के दर्द की अनुभूति से इतना व्याकुल हो जाता है कि किसी के भी छू जाने से डरता है वह किसी से बात तो इसलिए नहीं करता क्योंकि वह चिड़चिड़ा हो जाता है दुखी रहने लगता है डरता है वह समझता है कि वह एक भयानक रोग से पीड़ित है ऐसे व्यक्ति जो किसी दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं या कोई शारीरिक या मानसिक समस्या हो वह रात को अचानक मौत के डर से जाग जाते हैं और उठ कर बैठ जाते हैं यह समस्या रोगी को दिन के समय नहीं होती रात के समय विभिन्न प्रकार के डरावने सपने दिखाई देते हैं तो उस समय इस मेडिसन का विशेष रूप से इस्तेमाल करना चाहिए।




 

      चोट लगने पर सबसे पहले अर्निका की तरफ ध्यान जाना चाहिए चोट के कारण ऐसा अनुभव होता है कि सारा शरीर कुचल गया है शरीर को हाथ लगाने से दर्द होता है ऐसा अनुभव होता है जैसे यह दर्द सारे शरीर में हो रहा है शरीर के किसी अंग में भी हो सकता है रोगी किसी को अपना अंग छूने नहीं देता कुचले जाने या चोट से संबंधित समस्या आ जाने पर इस मेडिसन का विशेष रूप से इस्तेमाल करना चाहिए।

      अगर कोई पुराना रोग चोट लग जाने पर शुरू होता है। चाहे वह कितना भी पुराना क्यों न हो तो उससे में इस मेडिसन के इस्तेमाल करने से वह रोग ठीक हो जाता है उदाहरण के लिए जैसे चोट लगने के बाद किसी को दौरे पड़ना, शरीर में ऐठन होना, हृदय की धड़कन बढ़ जाना नाक से खून आना गठिया आदि कोई रोग हो गया हो तो इस मेडिसन की तरफ ध्यान जाना चाहिए जिन लोगों के शरीर पर किसी शारीरिक घाव का प्रभाव बना रहे चाहे वह घाव भी कितना ही असाधरण क्यों न हो तो उन्हें अर्निका से आराम आ जाता है।




 

    सारे शरीर में दर्द की शिकायत रहती है ऐसा दर्द होता है जैसे चोट लग गई हो वह जिस तरफ लेटता है ऐसा अनुभव होता है कि बिस्तर बहुत कठोर है बहुत सख्त है इस कारण वह मुलायम जगह ढूंढने के लिए करवटें बदलता रहता है।

     टाइफाइड और मलेरिया बुखार के लक्षण प्रकट होने लगे जीभ चमकदार हो जाए दांतो और होठों से दुर्गंध युक्त पदार्थ जमने लगे। सारे शरीर में कुचले जाने जैसा दर्द हो। अगर रोगी को बेहोशी आ जाती है और उस से प्रश्न पूछे तो वह बेहोशी में भी सही उत्तर दे देता है। रोगी अचानक से मल त्याग कर देता है तो उस समय इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए।

   पुराने गठिया के रोगी को जोड़ों में कमजोरी अनुभव होती है जोड़ों में दर्द होता है। ऐसा लगता है जैसे शरीर कुचल दिया गया है अगर कोई उनके जोड़ छुए तो वह जोड़ छूने को मना करते हैं क्योंकि छूने से जोड़ों में दर्द होने लगता है तो उस समय इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए।




 

     महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान यूट्रस और कोख में नाजुकपन आ जाता है अगर पेट में बच्चा जरा सा भी ले तो दर्द होने लगता है रात को नींद नहीं आती है तो उस समय इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए बच्चा पैदा होने के बाद इस मेडिसिन की एक हाई पोटेंसी की खुराक देनी चाहिए इससे सेप्टिक होने का डर नहीं रहता।

     चाहे किसी भी तरह का कोई भी रोग क्यों न हो जैसे अल्सर, कैंसर, इंफेक्शन, टीवी का रोग, महिलाओं की समस्या गुर्दे के रोग, पेशाब संबंधित रोग, निमोनिया, हृदय के रोग, लीवर के रोग किसी भी तरह की कोई भी समस्या हो जाने पर अगर ऐसा अनुभव हो जैसे शरीर को कुचल दिया गया हो तो इस मेडिसन का विशेष रूप से इस्तेमाल करना चाहिए।

     बुखार हो जाने पर अक्सर देखा जाता है कि सिर और शरीर का ऊपर का हिस्सा गर्म रहता है और हाथ पैर नीचे के भाग ठंडे रहते हैं तो इस मेडिसन की तरफ ध्यान जाना चाहिए।




 

      Modalities :

  • रोगी सिर नीचा करके लिखता है।
  • शरीर के सारे अंग को फैला कर लेट है।
  • खाना खाने के बाद या चोट लग जाने पर रोग में वृद्धि हो जाती है।
  • हिलने डुलने से रोग बढ़ जाते हैं।
  • वृद्धावस्था में रोग का बढ़ जाना।
  • शारीरिक या मानसिक चोट लग जाने पर रोग में वृद्धि हो जाना।




 

 
Uses – As prescribed by physician.
 
          चोट लगने के बाद नील पड़ जाने पर अर्नीका लोशन लगाना चाहिए।
 

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