अर्निका मोंटाना एक होम्योपैथिक सामयिक दर्द निवारक एजेंट है। इसकी क्रिया का तंत्र अच्छी तरह से ज्ञात नहीं है। अर्निका की तैयारी ने घाव भरने, एंटीसेप्टिक, विरोधी भड़काऊ और दर्द निवारक गुणों को दिखाया है
- रोगी सिर नीचा करके लिखता है।
- शरीर के सारे अंग को फैला कर लेट है।
- खाना खाने के बाद या चोट लग जाने पर रोग में वृद्धि हो जाती है।
- हिलने डुलने से रोग बढ़ जाते हैं।
- वृद्धावस्था में रोग का बढ़ जाना।
- शारीरिक या मानसिक चोट लग जाने पर रोग में वृद्धि हो जाना।
ऐसे व्यक्ति जो किसी दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं या कोई शारीरिक या मानसिक समस्या हो वह रात को अचानक मौत के डर से जाग जाते हैं और उठ कर बैठ जाते हैं यह समस्या रोगी को दिन के समय नहीं होती रात के समय विभिन्न प्रकार के डरावने सपने दिखाई देते हैं तो उस समय इस मेडिसन का विशेष रूप से इस्तेमाल करना चाहिए।
अर्निका 200c किसके लिए प्रयोग किया जाता है? : What is Arnica 200c used for?
ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण होने वाले दर्द के लिए लोग आमतौर पर अर्निका का उपयोग करते हैं। इसका उपयोग रक्तस्राव, चोट लगने, सर्जरी के बाद सूजन और अन्य स्थितियों के लिए भी किया जाता है, लेकिन इन उपयोगों का समर्थन करने के लिए कोई अच्छा वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। अर्निका का उपयोग पेय पदार्थ, कैंडी, बेक किए गए सामान और अन्य खाद्य पदार्थों में स्वाद सामग्री के रूप में भी किया जाता है।
चोट लगने पर सबसे पहले अर्निका की तरफ ध्यान जाना चाहिए चोट के कारण ऐसा अनुभव होता है कि सारा शरीर कुचल गया है शरीर को हाथ लगाने से दर्द होता है ऐसा अनुभव होता है जैसे यह दर्द सारे शरीर में हो रहा है शरीर के किसी अंग में भी हो सकता है रोगी किसी को अपना अंग छूने नहीं देता कुचले जाने या चोट से संबंधित समस्या आ जाने पर इस मेडिसन का विशेष रूप से इस्तेमाल करना चाहिए।
अगर कोई पुराना रोग चोट लग जाने पर शुरू होता है। चाहे वह कितना भी पुराना क्यों न हो तो उससे में इस मेडिसन के इस्तेमाल करने से वह रोग ठीक हो जाता है
ऐसा अनुभव होता है कि बिस्तर बहुत कठोर है बहुत सख्त है इस कारण वह मुलायम जगह ढूंढने के लिए करवटें बदलता रहता है।
पुराने गठिया के रोगी को जोड़ों में कमजोरी अनुभव होती है जोड़ों में दर्द होता है। ऐसा लगता है जैसे शरीर कुचल दिया गया है अगर कोई उनके जोड़ छुए तो वह जोड़ छूने को मना करते हैं क्योंकि छूने से जोड़ों में दर्द होने लगता है तो उस समय इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए।
महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान यूट्रस और कोख में नाजुकपन आ जाता है अगर पेट में बच्चा जरा सा भी ले तो दर्द होने लगता है रात को नींद नहीं आती है तो उस समय इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए।
बच्चा पैदा होने के बाद इस मेडिसिन की एक हाई पोटेंसी की खुराक देनी चाहिए इससे सेप्टिक होने का डर नहीं रहता।
चाहे किसी भी तरह का कोई भी रोग क्यों न हो जैसे अल्सर, कैंसर, इंफेक्शन, टीवी का रोग, महिलाओं की समस्या गुर्दे के रोग, पेशाब संबंधित रोग, निमोनिया, हृदय के रोग, लीवर के रोग किसी भी तरह की कोई भी समस्या हो जाने पर अगर ऐसा अनुभव हो जैसे शरीर को कुचल दिया गया हो तो इस मेडिसन का विशेष रूप से इस्तेमाल करना चाहिए।