- दर्द वाली जगह को दबाने से दर्द में आराम आ जाता है।
- ठंडी हवा से आराम मिलता है।
- आराम करने से रोग में कमी आ जाती है।
- गठिया में सूजन आ जाने पर गर्म सेंक और हरकत करने से गठिया के रोगी को आराम मिल जाता है।
- हरकत करने से रोग में वृद्धि हो जाती है।
- गर्मी से सर्दी में जाने पर रोक बढ़ जाते हैं।
- खाने के बाद रोग में वृद्धि हो जाती है।
इस मेडिसन का विशेष लक्षण यह है कि हरकत करने से रोक बढ़ जाता है। अगर रोग लेटा हुआ है तो आंखें खोलने या आवाज सुनने तक से रोगी कष्ट अनुभव करता है। अगर किसी व्यक्ति को ठंड लग गई है रोक धीरे-धीरे बढ़ने लगता है 1 दिन छींके दूसरे दिन शरीर में दर्द और तीसरे दिन बुखार इस प्रकार रोक धीरे-धीरे बढ़ता रहता है और वह साथ ही यह अनुभव करने लगता है कि वह बिस्तर में आराम से शांति पूर्वक रहना पसंद करता है।
कभी-कभी इस मेडिसन के रोगी को दर्द इतना परेशान करता है कि वह आराम से नहीं ले सकता वह उठकर घूमना चाहता है परंतु दर्द इतना तेज होता है कि वह घूमने नहीं जा सकता पड़े रहना चाहता है और उसे लेटे रहने से भी आराम नहीं मिलता शुरू शुरू में वह आराम से लेटे रहना चाहता है परंतु जब तकलीफ बढ़ जाए न चाहते हुए भी वह इधर-उधर टहलने लगता है।
जब रोगी रात के समय बिस्तर में लेटा रहता है तो उसे दस्त नहीं आती लेकिन सुबह उठते ही उसे दस्त आने लगते हैं वह बाथरूम की तरफ दौड़ता है पेट फूल जाता है पेट में दर्द होता है दस्त अचानक से आ जाते हैं।
जिस तरफ दर्द हो उस तरफ का हिस्सा दवा लेने से दर्द नहीं होता क्योंकि हरकत नहीं होती इसलिए दर्द वाले भाग को दवा लेने से दर्द में आराम मिल जाता है तो उस समय इस मेडिसन का इस्तेमाल करना चाहिए।
म्यूकस मेंब्रेन की खुश्की का असर आंतों पर भी पड़ता है कब्ज की शिकायत हो जाती है मल बहुत कठोर आता है और बहुत दिनों बाद मल त्याग करने की इच्छा होती है।
फेफड़ों में म्यूकस मेंब्रेन का असर पड़ने पर खांसी बहुत अधिक आती है खांसते-खांसते गले में दर्द होने लगता है ऐसा लगता है जैसे गला फट जाएगा लेकिन बलगम बाहर नहीं निकलता है। इस मेडिसन की शिकायतें नाक से शुरू होती है पहले दिन छिंके आती है जुकाम रहता है नाक से पानी बहता है आंखों से पानी बहता है आंखों में में दर्द की शिकायत रहती है और दूसरे दिन रोग बढ़ जाता है और गले में दर्द की शिकायत होने लगती है सांस लेने में दिक्कत होती है। ऐसे व्यक्ति जो लंबे समय तक बोलते हैं खांसी की शिकायत रहती है और गला बैठ जाता है तो ऐसे व्यक्तियों के लिए इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए।
कब्ज हो जाने के कारण सिर दर्द शुरू हो जाता है सिर दर्द का लक्षण यह है कि सिर दर्द सूर्य के निकल जाने पर शुरू होता है और सूर्य के छिप जाने पर सिर दर्द में आराम है आता है हिलने डुलने से सिर दर्द बढ़ जाता है।
इस मेडिसिन के मानसिक लक्षण अनेक हैं बच्चों को बहुत अधिक क्रोध आता है। बच्चे को जो वस्तु चाहिए वह वस्तु जब तक मिल नहीं जाती वह क्रोधित रहता है रोता है वह वस्तु मिल जाने पर उसे फेंक देता है तोड़ने लगता है विभिन्न प्रकार की चीजों मांगता है अगर वह वस्तु उसे दे दी जाए तो उसे लेने से मना कर देता है घर में होने पर भी वह कहता है घर में जाऊंगा ऐसा लगता है कि वह घर में नहीं हैं।
ब्रायोनिया का रोगी ठंडी हवा पसंद करता है ठंडे कपड़े ओढ़ना चाहता है। गठिया के दर्द में उसे गर्मी से आराम मिलता है। इसके अलावा यह ध्यान रखना चाहिए कि ब्रायोनिया का रोगी आराम से लेटे रहना चाहता है लेकिन गठिया हो जाने पर गठिया के रोग में वह चलने फिरने से ठीक रहता है क्योंकि इस प्रकार उसके शरीर के अंगों में गर्मी आ जाती है और आराम मिलने लगता है गठिया रोग में उसे गर्मी पसंद होती है तो इस मेडिसिन का इस्तेमाल किया जाता है।
ब्रायोनिया में बुखार के लक्षण रात को 9:00 बजे बढ़ जाते हैं 9:00 बजे बुखार आता है और सर्दी लगनी शुरू हो जाती है। ब्रायोनिया का रोगी खुली हवा चाहता है वह दरवाजे खिड़की खुली रखना पसंद करता है बंद कमरे में उसका दम घुटने लगता है बंद कमरे में उसकी तकलीफ बढ़ जाती हैं।
शरीर में गर्मी हो जाने पर ठंडा पानी पीने या स्नान करने से रोग बढ़ जाते हैं। ब्रायोनिया के रोगी को ठंड पसंद होती है वह ठंडा पानी पीना चाहता है लेकिन अगर वह गर्मी से आ रहा है शरीर गर्म है तब ठंडा पानी पीने से या ठंडे पानी में स्नान करने से गठिया का दर्द बढ़ जाता है अगर उसे खांसी हो गई है या सिर दर्द है तो रोग बढ़ जाता है शरीर के गर्म रहने पर ठंडा पानी पीने से बहुत तेज सिर दर्द होता है अगर शरीर की गर्मी की हालत में ठंडा पानी पी लिया जाए तो पेट की समस्याएं शुरू हो जाती हैं गर्म से ठंडक में जाने से खांसी शुरू हो जाती है तो उस समय ब्रायोनिया का इस्तेमाल करना चाहिए।