Argentum Nitricum 30 symptoma and benefit in hindi

Argentum Nitricum 30 symptoma and benefit in hindi

     इस मेडिसन का रोगी सूखा हुआ रहता है दुबला पतला रहता है। जवानी में बूढ़ों जैसी स्थिति आ जाती है शरीर पर झुर्रियां पड़ जाती है रोगी लगातार कमजोर होता जाता है रोगी का निचला हिस्सा बहुत अधिक कमजोर हो जाता है। रोगी मीठा अधिक खाना पसंद करता है तो उस समय इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए।

     रोगी जब सड़कों पर चलता है तब वह ऊंचे ऊंचे मकानों को देखकर घबरा जाता है शरीर कांपने लगता है शरीर से पसीना आने लगता है इस प्रकार जब ऊंची ऊंची जगह पर बैठे हुए या पुल पार करते हुए सोचने लगता है कि यहां से गिर जाएगा आदि ख्याल उसके दिमाग में आने लगते हैं कभी-कभी यह विचार उस पर इतना हावी हो जाते हैं कि वह सचमुच इस ऊंचाई से नीचे गिर जाता है मृत्यु का डर उसे हर समय रहता है तो उस समय इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए।




 

    अगर रोगी को कोई काम करना है वह जब तक वह काम नहीं हो जाता तो रोगी को घबराहट रहती है मस्तिष्क की कमजोरी के कारण तबीयत खराब हो जाती है रात को नींद नहीं आती अगर रोगी को किसी से मिलने जाना है जब तक मिल नहीं लेते तब तक हर समय घबराहट रहती है अगर रेल से यात्रा करनी है तो जब तक रेल गाड़ी में बैठ नहीं जाते तब तक चैन नहीं पड़ता अगर सड़क पर किसी से मिलना है तो जब तक आदमी से मुलाकात नहीं हो जाती तब तक का समय निकालना रोगी के लिए भारी हो जाता है घबराहट से पसीना आने लगता है परीक्षा के समय विद्यार्थियों को परीक्षा नजदीक आने पर घबराहट बढ़ जाती है तो उस समय इस मेडिसन का इस्तेमाल करना चाहिए।

     अगर रोगी को कहीं जाना है तो रोगी को चिंता और डर लगने लगता है और रोगी को दस्त की शिकायत हो जाती है तो उसे मैं इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए।




 

    रोगी को मीठा खाना बहुत अधिक पसंद होता है उसे मीठे का बहुत अधिक सोक होता है परंतु मीठा उसे नुकसान पहुंचाता है वह मीठा खाना चाहता है परंतु मीठा उसे नहीं चाहता मीठा खाने से पेट में हवा भर जाती है खट्टी डकार आने लगती है। वह मीठे को पचा नहीं सकता दस्त आने लगते हैं मीठे का इस रोग पर इतना प्रभाव पड़ता है कि माता अगर मिठाई की शौकीन होती है तो उसके दूध से दूध पीते बच्चे को दस्त आने लगते हैं तो उस समय इस मेडिसन का इस्तेमाल करना चाहिए इस मेडिसिन के इस्तेमाल करने से बच्चों के दस्ताने बंद हो जाते हैं जब रोगी कहे कि मीठा खाने से उसे दस्त आ रहे हैं या कोई बीमारी हो जाती है तब यह नहीं समझना चाहिए कि उसका रोग केवल पेट का रोग है मीठा खाना और उसे अस्वस्थ हो जाना एक जनरल सिम्टम्स है।




 

     पेट में हवा का होना इस औषधि का एक प्रमुख लक्षण है पेट में हवा गड़गड़ाती है। जिसे रोगी निकाल नहीं पाता है जब हवा निकलती है तो बहुत अधिक मात्रा में निकलती है हवा से पेट ऐसे फूल जाता है कि मानो पेट फट जाएगा हवा के इस लक्षण के कारण डाइजेशन सिस्टम खराब हो जाता है पेट में दर्द की शिकायत रहती है पेट में किसी एक स्थान से उठकर दर्द पेट में चारों तरफ फैल जाता है यह दर्द ही धीरे उठता है व धीरे धीरे कम हो जाता है पेट दर्द अधिकतर आइसक्रीम या ठंडी वस्तुएं खाने से होता है जब यह दर्द बहुत बढ़ जाता है तब रोगी उल्टी करने लगता है रोगी को अधिक मात्रा में डकारे आती है तो गुस्से में यह मेडिसन दी जाती है पेट की सूजन और पेट में अल्सर की समस्या के लिए यह एक बेस्ट मेडिसिन है अगर रोगी मीठा खाता हो तो उसे यह मेडिसन देनी चाहिए।




 

      गले में सूजन आ जाती है और दुखन होती है कुछ भी चीज निगलने में गले में चुभन होती है। ठंडी हवा रोगी को पसंद होती है ठंडा कमरा रोगी को पसंद होता है गर्म कपड़े से स्वयं को ढके रहना चाहता है ठंडक में बिस्तर से हाथ बाहर नहीं निकाल सकता गले में ऐसी चुभन होती है जैसे मछली की हड्डी अटकी हुई है। गले में फांस जैसी चुभन होती है। गले की खराश, दर्द, बलगम जिसमें रोगी को बार-बार खखारना पड़ता है तो उस समय इस मेडिसन का इस्तेमाल करना चाहिए।

    कोई बारीक काम या छोटे-छोटे बारीक अक्षरों को पड़ने पर आंखों में थकावट अनुभव होती है तो उस समय इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए जब आंख लाल हो जाती हैं और आंखों से गीद इकट्ठी होकर निकलने लगती है आंखों में धुंधलापन आता है आंखों के अंदर सूजन आ जाती है यह आंखों के सब प्रकार के कष्टों को बहुत जल्द ठीक कर देती है।




 

    दाईं करवट लेटने पर रोगी हृदय की धड़कन अनुभव करता है जब रोगी दाएं तरफ देखता है तो सिर से पैरों तक धड़कन अनुभव होती है।

    आधे सिर के दर्द के लिए यह एक बेस्ट मेडिसिन है रोगी यह अनुभव करता है कि सिर फैल गया है बहुत ज्यादा सिर बड़ा हो गया है सिर को लपेटने से रोगी को आराम मिलता है तो उस समय इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए।

      रोगी यह अनुभव करता है कि हर काम बहुत देरी से हो रहा है वह हर काम बहुत जल्दी जल्दी करना चाहता है चलने में भी तेज गति से चलने की जगह भागने लगता है।




 

Modalities :

  • ठंडी हवा, ठंडे पानी से नहाने पर रोग में कमी आ जाती है।
  • खुली हवा से रोग में कमी आ जाती है।
  • घबराहट और किसी का इंतजार करने से रोग बढ़ जाते हैं।
  • मानसिक कार्य करने वाले लोगों को अक्सर उनके रोग में वृद्धि हो जाती है।
  • मीठा खाने से रोग बढ़ जाते हैं।
  • बंद कमरे में रोग बढ़ जाते हैं।
  • भीड़ भाड़ वाली जगह पर रोग बढ़ जाते हैं।
  • ताई करवट लेटने से रोग बढ़ जाती हैं।




 

 
Uses – As prescribed by a physician.
 

 

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