Argentum Metallicum 30 homoeopathic medicine benefit in hindi

 Argentum Metallicum 30 homoeopathic medicine benefits in Hindi

 

    नसें जिस रास्ते से होकर जाती है वहां पर दर्द होता है शरीर के जोड़ों में और हड्डियों में दर्द की शिकायत रहती है जिस कारण गठिया के दर्द में भी यह लाभ करती है कई बार कुछ लोगों के नाक के भीतर की हड्डी बढ़ जाती है जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है सर्जन लोग इस हड्डी को काट देते हैं परंतु यह मेडिसन इस बीमारी को ठीक कर देती है कभी-कभी आपकी पलकें मोटी हो जाती हैं ऐसा लगता है जैसे हड्डी उभर आयी हो उस स्थिति में यह मेडिसन देनी चाहिए।




 

      रोगी की याददाश्त बहुत कमजोर हो जाती है वह किसी भी चीज पर विचार नहीं कर सकता विद्यार्थियों व बहुत पढ़ने लिखने वाले व्यक्तियों को, व्यापारियों को या ऐसे व्यक्ति जो हर समय दिमाग से काम लेते हैं तो ऐसे व्यक्तियों की याददाश्त कमजोर हो जाने पर इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए ऐसे व्यक्ति जो थोड़ा सा भी मानसिक कार्य कर लेने पर थक जाते हैं चक्कर आने की शिकायत रहती है 40 वर्ष के व्यक्ति मानसिक रूप से थक जाते हैं और ऐसा महसूस करते हैं जैसे वह 70 – 80 साल के हो गए हो दुबले पतले हो जाते हैं थके हुए रहते हैं हर समय चिन्तित रहते हैं किसी भी चीज को बहुत जल्दी भूल जाते हैं विद्यार्थी और पढ़ने लिखने वाले लोगों के लिए यह एक उत्तम औषधि है।

     गले पर इस औषधि का विशेष प्रभाव पड़ता है जब गला बैठ जाता है बोलते समय ऐसा लगता है जैसे सांस की नली पक गई है बोलने या गाने से पहले दर्द महसूस होता है रोगी ठीक तरह से बोल नहीं सकता तो उस समय इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए अगर वह जोर से बोलने का प्रयास करता है या विद्यार्थी जोर से पढ़ने लगे तो ऐसा लगता है जैसे गला पक गया है और खांसी आने लगती है तो उस समय इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए।




 

     शरीर के विभिन्न भाग जैसे फेफड़े, गला, योनि मार्ग मूत्रमार्ग, आंख आदि से अगर भूरे रंग का स्राव निकले तो उस समय इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए। जख्मों से भी भूरे रंग का पस निकलता है कभी-कभी पस पीले रंग का भी हो सकता है खांसते समय भूरे रंग का बलगम निकलता है बोलने हंसने या गर्म कमरे में रहने से खांसी और अधिक बढ़ जाती है और बलगम आता है रोगी को बार बार खांसी आती है बार-बार खांसने से वह परेशान हो जाता है तो उस समय इस मेडिसन का इस्तेमाल करना चाहिए। 

     रोगी जब सोने के लिए लेटता है तब ऐसा अनुभव होता है कि उसे सिर से पांव तक बिजली का धक्का लगा है। एक बार दो बार कभी-कभी सारी रात ऐसा होता रहता है धक्के लगने के अनुभव से रोगी रात भर जागा रहता है नींद नहीं आती है  शरीर के अंग फड़कने लगते हैं। ऐंठन आ जाती है तो उस समय इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए।




 

     पेशाब अधिक आता है। भूख भी अधिक लगती है। मुंह में सूखापन रहता है। भरपेट भोजन के बाद भी भूख लगती रहती है।

     ऐसे व्यक्ति जो बहुत अधिक मात्रा में हस्तमैथुन करते हैं जिस कारण वह नपुसंक हो जाते हैं हस्तमैथुन करने के बाद रात को स्वपनदोष की समस्या हो जाती है तो उस समय यह औषधि लाभ करती है।

     रोगी सर्दी से बहत डरता है हमेशा गर्म कपड़े लपेटे रहता है अगर रोगी को दर्द की समस्या है तो गर्म सेक से आराम मिलता है सिर पर कपड़ा लपेटने से सिर दर्द को आराम मिलता है।

     इस औषधि का विशेष लक्षण यह है कि दोपहर को ठीक समय पर शिकायतें शुरू हो जाती हैं। अगर रोगी को दर्द की समस्या है तो दोपहर को ठीक समय पर दर्द होता है सिर दर्द में भी ऐसा ही होता है सारी समस्याएं दोपहर को एक निश्चित समय पर होने पर इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए।




 

    इसका एक विशेष लक्षण यह भी है कि पुरुषों के बाएं अंडकोष में और स्त्रियों की बाई ओवरी में कठोरपन आ जाता है।

    सिर दर्द सिर के आधे हिस्से में होता है।

    सिर दर्द धीरे-धीरे शुरू होता है परंतु जब है बहुत तेज होता है तो अचानक से समाप्त हो जाता है तो उस समय इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए।

    मिर्गी का रोगी मिर्गी के दौरे ठीक होने के बाद अचानक कूदने लगता है और जो उसके पास होता है उसे मारने लगता है।




 

Modalities :

  • सिर को कपड़े से लपेटने पर रोग में कमी आ जाती है।
  • चलने फिरने से रोग में कमी का आ जाना।
  • बोलने से रोग का बढ़ जाना।
  • मानसिक काम अधिक करने से रोग में वृद्धि हो जाती है।
  • दोपहर के समय रोग बढ़ते हैं।
  • ठंड और नमी से रोग बढ़ते हैं।




 

 
Uses – As prescribed by a physician.

      

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