Appendicitis ! अपेंडिक्स क्या है, अपेंडिक्स के कारण और लक्षण
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अपेंडिसाइटिस क्या है ?- what is appendicitis? अपेंडिक्स एक भयंकर पीड़ा देने वाली ग्रंथि है यह ग्रंथि पेट में बड़ी आंत के नीचे दाएं और होती हैं। अपेंडिक्स पर सूजन आ जाने को अपेंडिसाइटिस कहते हैं। अपेंडिस में सूजन आ जाने पर बहुत दर्द होता है।इस रोग में जब रोगी के अपेंडिक्स में कोई अन का टुकड़ा फंस जाती है या कब्ज आंतों में फंस जाता है तब रोगी को बहुत दर्द होता है और बेचैनी के साथ इधर उधर करवटें बदलता है रोगी का चेहरा पीला हो जाता है रोगी को बहुत घबराहट होती है ।
अपेंडिसाइटिस होने के कारण :
यह रोग अधिकांश रूप से तब होता है जब व्यक्ति को कब्ज या रोगी मेवों का अधिक सेवन करता हो तब वह अधिक मेवे अपेंडिस में फंसकर वहां सूजन उत्पन्न कर देते हैं।
अपेंडिक्स का मुंह एक तरफ से खुला रहता है और एक तरफ से बंद रहता है जब इसमें कोई अन का दाना फस जाए तो इस कारण अपेंडिस पर सूजन आ जाती है।
रुखा सुखा खाना खाने वाले लोगों को अपेंडिसाइटिस की समस्या अधिक होती है।
, चीनी, तले भूनें पदार्थों का अधिक सेवन करने से अपेंडिस की समस्या हो जाती है।
गर्म मिर्ची मसाला, अंडा, मांस, मछली, कॉफी, बिस्कुट आदि का सेवन करने से भी अपेंडिस की समस्या हो सकती है।
अल्कोहल, धूम्रपान आदि का अधिक सेवन करने से अपेंडिसाइटिस होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
नाक गला आदि में उपस्थित संक्रमण खून के माध्यम से अपेंडिस में पहुंचकर वहां सूजन उत्पन्न कर सकता है।
महिलाओं की ओवरी में सूजन आ जाने से अपेंडिसाइटिस का दर्द हो सकता है।
जो लोग उच्च स्तर का जीवन व्यतीत करते हैं और मांस का अत्यधिक सेवन करते हैं उन्हें अपेंडिसाइटिस होने की पूरी संभावना रहती है।
याद रहे – अपेंडिसाइटिस का रोग किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन यह 20 से 35 साल की उम्र में ज्यादा होता है ।2 से 3 वर्ष के बच्चों से लेकर 75 से 80 बर्ष वाले व्यक्ति भी इसके शिकार हो सकते हैं।बूढ़े तथा बच्चों में यह रोग अधिक खतरनाक सिद्ध हो सकता है।अपेंडिसाइटिस के लक्षण : symptoms of appendicitis : अपेंडिसाइटिस के प्रारंभ में पेट के बीचो-बीच दर्द होता है। शुरू में दर्द सारे पेट में होता है लेकिन बाद में दर्द नाभि से खिसककर पेट के निचले दाहिने भाग पर केंद्रित हो जाता है। यहां थोड़ा सा भी स्पर्श करने पर बहुत दर्द होता है। सूजन होने के बाद उल्टी आ सकती हैं उल्टी से पेट खाली होने के पश्चात उल्टी रुक जाती हैं रोगी को प्राय: कब्ज की समस्या हो जाती है परंतु किसी किसी या बच्चों में डायरिया की समस्या हो सकती है। दर्द होने पर जी मिचलाता आता है और उल्टी होने लगती है सिर में दर्द रहता है रोगी को कभी-कभी बुखार भी आ जाता है अपेंडिसाइटिस में सूजन के अधिक होने पर आंव की उत्पत्ति भी होती है ऐसी स्थिति में बुखार बहुत तेज हो जाता है। अपेंडिसाइटिस का दर्द खांसने से बढ़ जाता है मुंह से दुर्गंध आती है रोगी दाएं और के दर्द के कारण पेट नहीं हिलाता इस रोग में रोगी दाएं पैर को सिकोड़ कर सीधा एवं सुस्त पड़ा रहता है क्योंकि पैर को फैलाने से पेट की मांसपेशियां खिंचती है जिससे दर्द और अधिक बढ़ जाता है इस रोग में पेट की मांसपेशियां थोड़ी अकड़ जाती हैं। कुछ रोगियों में कुछ दिनों बाद पेट के निचले दाहिने हिस्से में एक गांठ सी बन जाती है। दर्द होने के पश्चात पेट में अफारा होने लगता है तो यह स्थिति अत्यधिक खतरनाक है इसमें पूरा पेट ही संक्रमित हो जाता है। इसे पेरीटोनाइटिस कहते हैं इसमें पेरीटोनियल कैविटी सुज जाती है। पेट की दीवारें कठोर हो जाती है अचानक बहुत तेज दर्द होने लगता है।