Alzheimer’s disease Symptoms and Causes : अल्जाइमर्स रोग के कारण और लक्षण
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Alzheimer’s disease Symptoms and Causes : अल्जाइमर्स रोग के कारण और लक्षणअल्जाइमर्स रोग क्या है ? What is Alzheimer’s disease ? यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें मस्तिष्क की कार्य क्षमता कम हो जाती है। वृद्धावस्था में होने वाले रोग में अल्जाइमर रोग खतरनाक है। यह रोग खतरनाक इसलिए है क्योंकि एक बार मस्तिष्क कोशिकाओं का जो बिनाश शुरू होता है। वह रोगी की जान लेकर ही खत्म होता है। इस रोग का निदान ही नहीं उपचार भी चिकित्सा विज्ञान के लिए आज एक गंभीर चुनौती है।
अल्जाइमर्स के कारण :Causes of Alzheimer’s: अल्जाइमर रोग होने के कारण का अभी पूरा ज्ञात नहीं है। पर वैज्ञानिकों का मानना है कि एक जटिल प्रक्रिया के द्वारा वातावरण के अनेक अवयव गुणसूत्रों को प्रभावित कर उनमें बदलाव लाकर रोग पैदा करते हैं। जिन व्यक्तियों में गुणसूत्रों में बदलाव हो गया है, उनमें मस्तिष्क की मामूली सी बीमारी, शारीरिक बीमारी, चोट, मानसिक रोग, बेहोशी की दवा या मानसिक तनाव अल्जाइमर्स रोग को शुरू कर सकते हैं। अक्सर पाया गया है कि वृद्धावस्था में जीवन साथी की मृत्यु के उपरांत रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। बीटा एमिलोइड नामक प्रोटीन की असामान्य और अधिक वृद्धि से मस्तिष्क कोशिकाएं मृत होने लगती है। यह इस रोग का उत्तरदायी कारण है। इस तरह से इसे मस्तिष्क विनाश कहते हैं। यह विषैली प्रोटीन शरीर में काफी रफ्तार से बनने लगते हैं। यह प्रोटीन मस्तिष्क की कोशिकाओं का असली और जानी दुश्मन है। लेकिन यह प्रोटीन कुछ व्यक्तियों में ही बढ़ता है। रोग का विकास :Development of disease: वृद्धावस्था में बुद्धि और दिमाग कार्य क्षमता कम हो जाना तो आम समस्या है। इस दशा को डेमेन्शिया कहते हैं। बुद्धि व याददाश्त कम होने के कारण अनेक हो सकते हैं पर सबसे प्रमुख कारण है अल्जाइमर्स रोग। आयु बढ़ने तथा आबादी में वृद्ध का प्रतिशत बढ़ने के कारण विश्व भर में अल्जाइमर बीमारी से ग्रसित रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रोग बढ़ जाने पर रोगी परिवार तथा समाज पर बोझ बन जाते हैं प्राय: इन रोगियों को लोग सनकी या पागल कहते हैं। अल्जाइमर्स रोग की शुरुआत धीमी गति से होती है। जिसका ज्यादातर एहसास ने मरीज को और न ही परिवार के सदस्यों को हो पाता है। रोग का प्रारंभ 40 से 90 वर्ष की आयु में कभी भी हो सकता है। पर रोग होने की आशंका 65 वर्ष की आयु के बाद ज्यादा होती है।अल्जाइमर्स रोग के लक्षण : 1- रोग की पहली अवस्था :
बीमारी की प्रारंभिक अवस्था में दिमागी अवस्था कुछ गड़बड़ा जाति है। जिसके परिणाम स्वरुप कार्य क्षमता में कमी आने लगती है।
रोगी नए कार्य सीखने में सफल नहीं हो पाता।
मरीज की याददाश्त धीरे-धीरे कम होने लगती है।
वर्तमान में घटित घटनाओं को याद नहीं रख पाते पर उनकी पुरानी स्मरण शक्ति बरकरार रहती है।
रोगी अक्सर यह भी भूल जाते हैं कि उन्होंने आज खाना खाया है कि नहीं खाया।
स्मरण शक्ति कम होने के कारण अल्जाइमर रोगी अपने काम या कहीं बात को भूल जाते हैं। जिससे एक ही कार्य या बात को बार-बार दोहराते हैं अक्सर रोगी जानकार लोगों को पहचानने में भूल कर सकते हैं
2 – रोग की दूसरी अवस्था – बीमारी तेजी से बढ़कर स्मरण शक्ति को और ज्यादा कम कर देती है। व्यक्ति में परिवर्तन होने लगते हैं। मरीज को खाने पीने बोलने यहां तक कि हाथ पैर चलाने में भी परेशानी होती है। रोगी सही समय पर सही शब्द का प्रयोग करने में असमर्थ होता है। शुरुआत में किसी विषय पर अपने विचार बहुत घुमा फिरा कर कहने की कोशिश करता है। खुद बनाए गए अर्थहीन शब्दों से अपने विचार प्रकट करने की कोशिश करता है। वाक्य पूरे नहीं बोल पाते और विचार प्रकट करने में परेशानी अनुभव करते हैं और अंत में बोलना ही बंद कर देते हैं। रोगी शरीर को बहुत कम चलाने की कोशिश करता है। जैसे हाथ मिलाना, टाटा कहना, कोई वस्तु की आवश्यकता होने पर मांगने या मना करने के लिए इशारा नहीं करता बोलते समय मरीज के चेहरे के भाव नहीं बदलते किसी चीज को पकड़ने या माचिस की तीली जलाने में भी परेशानी होती है। रोगी में आवाज सुनकर व्यक्तियों को या अन्य बस्तियों को पहचानने की क्षमता कम हो जाती है। यदि उसको दर्द हो रहा है तो दर्द कहां से हो रहा है बताने में असमर्थ रहता है साथ ही हाथों में कंपन, कड़ापन, खड़े होने में परेशानी या शरीर में ऐंठन हो सकती है। अल्जाइमर्स के मरीज में छोटे बच्चे वाली हरकतें फिर लौट आती है। जैसे किसी वस्तु को पकड़ने में मुट्ठी बंद हो जाना, मुंह में कुछ रखते ही मुंह चलाना या अपने आप मुंह चलाना आदि।