गर्भाशय की सूजन क्या है ?What is ( Endometritis ) uterine inflammation ?
कई बार महिलाओं की बच्चेदानी में सूजन आ जाती है. मौसम के बदलाव के कारण या फिर किसी और कारण से बच्चेदानी में परेशानी होने लगती है जो आगे चलकर खतरा बन सकती है. मौसम का प्रभाव गर्भाशय को अत्यधिक प्रभावित करता है जिससे प्रभावित होने पे महिलाओं को बहुत कष्ट उठाना पड़ता है. गर्भाशय में तकलीफ महिलाएं बर्दाश नहीं कर पाती।
मौसम में बदलाव और गलत-खान-पान के कारण कई बार महिलाओं के बच्चेदानी में सूजन (Uterus Swelling) आ जाती है। बदलता वातावरण गर्भाशय को अत्यधिक प्रभावित करता है, जिसके कारण महिलाओं में यह समस्या देखने को मिलती है। इसके कारण महिलाओं को असहनीय पेट दर्द, बुखार, सिरदर्द और कमर दर्द का सामना करना पड़ता है। समय रहते इस समसया का इलाज न करने पर यह कैंसर जैसी बड़ी बीमारी का कारण भी बन सकती है।
गर्भाशय की सूजन के कारण :Causes of ( Endometritis ) inflammation of the uterus:
फाइब्रॉइड – यह नॉन-कैंसर ट्यूमर होते हैं जो छोटी गांठ की तरह होते हैं। यह गर्भाशय के अंदर और बाहर बढ़ सकते हैं।
एडिनोमायोसिस – यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय की परत, जिसे एंडोमेट्रियम कहा जाता है, गर्भाशय में बढ़ने लगते है।
पीसीसोएस – यह बीमारी हार्मोनल असंतुलन के कारण होती है, जिसमें गर्भाशय में सिस्ट बन जाते है।
एंडोमेट्रियल कैंसर – गर्भाशय के कैंसर के कारण से भी गर्भाशय बड़ा हो सकता है।
मेनोपॉज़ – पीरियड्स बंद होने यानि मेनोपॉज़ के दौरान हॉर्मोन में बदलाव के कारण भी सूजन आ सकती है।
ओवेरियन सिस्ट – ओवरी में सिस्ट बनने के कारण से गर्भाशय में सूजन आ सकती है।
गर्भाशय की सूजन के लक्षण :Symptoms of ( Endometritis ) uterine inflammation:
इसके लक्षण आमतौर पर बाहर से देखने में पता नहीं चल पाते हैं. लेकिन कई स्थितियों में गर्भाशय में सूजन के दौरान पेट का आकार बढ़ता जाता है और बाहर से देखने में ये किसी फुटबौल जैसा या प्रेगनेंसी जैसा लगने लगता है. ज्यादातर महिलाओं में यह समस्या होने पर हल्का बुखार, मिचली, सिर दर्द, पेट दर्द गैस, कब्ज और कमर दर्द आदि लक्षण सामने आते हैं. इसके अलावा पेट की मांसपेशियों में कमजोरी, प्राइवेट पार्ट में खुजली या जलन, महामारी के दौरान असहनीय दर्द, यौन संबंध के दौरान दर्द होने जैसे लक्षण भी नजर आते हैं. इन सभी लक्षणों को इग्नोर करना आपके लिए खतरनाक हो सकता है।
महिलाओं को पेट में तीव्र ऐंठन (cramps) होना।
मासिक धर्म असामान्य होना यानि दर्द के साथ अधिक ब्लीडिंग होना
पेट के निचले हिस्से में कुछ भारीपन महसूस होना।
मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्तस्राव होने के कारण शरीर में खून की कमी (anemia) होना।
शरीर कमजोर होना और शरीर पीला पड़ना।
कमर के आसपास के हिस्सों (waistline) पर अधिक चर्बी जमना।
गर्भाशय पर अधिक दबाव पड़ना और इसके आकार में परिवर्तन दिखायी देना।
श्रोणि के आसपास (pelvic area) बहुत ज्यादा ऐंठन महसूस होना।
कब्ज बनना।
पैरों में दर्द, ऐंठन और सूजन होना।
पूरे शरीर में असामान्य दर्द महसूस होना।
बार-बार पेशाब महसूस होना।
योनि से पानी निकलना।
मेनोपॉज के बाद भी ब्लीडिंग होना।
सेक्स के दौरान बहुत तेज दर्द होना।
मासिक धर्म के दौरान रक्त का जम जाना।
किसी भी समय ब्लीडिंग शुरू हो जाना।
पेशाब करने में कठिनाई होना।
स्तन कोमल हो जाना।
मुंहासे होना और चेहरे पर बाल आना।
मोटापा तेजी से बढ़ना।
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