Trachoma ! ट्रेकोमा, आंखों का एक भयंकर रोग, trachoma disease,

 ट्रेकोमा क्या है ? – what is trachoma ?      यह संक्रमण रोग क्लेमाईडिया वायरस से फैलता है। इस रोग में Cornea पर इंफेक्शन होने के साथ-साथ पलकों के भीतर की तरफ दाने निकल आते हैं और आंखें दुखने लगती हैं। इस रोग के कारण विशेषकर बच्चे अंधेपन के शिकार हो जाते हैं। यह रोग छोटे बच्चों को अधिक होता है परंतु बड़ों को भी हो सकता है यह आंखों का सबसे हानिकारक रोग है। इस रोग का प्रारंभ में पता नहीं चलता जिस कारण इस रोग से लोग नेत्रहीन हो जाते हैं।
  ट्रेकोमा के कारण :        यह रोग क्लेमाईडिया वायरस से फैलता है। यह रोग संक्रमित रोगी से आंख से निकलने वाले पदार्थ के संपर्क में आने वाले स्वस्थ लोगों को फैलता है। ट्रेकोमा शुष्क वातावरण में अधिक फैलता है। घरों में प्राय गंदी रूई या गंदे कपड़ों की पट्टी आंखों पर बांधी जाती है इससे गंदगी के जीवाणु आंखों को और अधिक हानि पहुंचाते हैं।       यह रोग अधिक गंदी जगह पर लंबे समय तक रहने से फैलता है। जो लोग आंखों की सफाई नहीं करते उन्हें यह रोग होने की पूरी संभावना रहती है। आंखों पर लंबे समय तक पट्टी बने रहने के कारण भी ट्रेकोमा का रोग हो जाता है। यह रोग गंदे पानी से मुंह धोना या खराब वातावरण में लंबे समय तक रहना इस रोग का मुख्य कारण है।     ट्रेकोमा के लक्षण – symptoms of trachoma :       रोग धीरे – धीरे शुरू होता है आंखों से आंसू बहते रहते हैं। किसी वस्तु का आंखों में होने का आभास होता है ।आंखों से मवाद निकल सकती है। पलकों में चिपचिपा पन रहता हैं। आंखें लाल हो जाती हैं। इन लक्षणों के कुछ दिनों बाद पलकों के भीतरी सतह पर दाने निकल आते हैं। कॉर्निया पर छोटे-छोटे अल्सर हो जाते हैं कुछ दिनों बाद दाने सूखकर मोटी झिल्ली सी बन जाती हैं।

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  • पलकों के किनारों का अंदर मुड़ जाना।
  • पलकों का मोटा हो जाना।
  • पलकों का भारी हो जाना।
  • कार्निया पर घाव होने से दृष्टि में बदलाव हो जाता है।
  • पलकों के वाल आंखों में रगड़ने लगते हैं।
  • कंजेक्टाइवा का सुकड़ कर मोटा हो जाना।

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