Tetanus ! टिटनेस क्या है, टिटनेस के कारण और लक्षण,

 टिटनेस क्या है ? – what is tetanus ?        टिटनेस एक संक्रामक रोग है, जिसमें शरीर की मांसपेशियां अकड़ जाती है। रोग के अधिक बढ़ जाने पर शरीर की मांसपेशियां इतनी अकड़ जाती है, कि शरीर धनुष की तरह टेढ़ा हो जाता है इसलिए इसे धनुवार्त भी कहते हैं। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में इसे टिटनेस कहा जाता है। 
   यह एक खतरनाक जानलेवा और भयंकर संक्रामक रोग है जिसका वायरस किसी घाव के माध्यम से शरीर में प्रवेश करके अपने जहर से रोग पैदा करता है। प्रतिवर्ष भारत में 5 लाख से अधिक लोग टिटनेस के शिकार होते हैं तथा उनमें से आधे मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं।       टिटनेस के कारण –      टिटनेस की बीमारी एक सूक्ष्म वायरस क्लोस्टि्डियम टिटेनी से होती है। यह वायरस घास चरने वाले जैसे घोड़े, गाय, भेड़, बकरी आदि की आंतों में रहते हैं। यह वायरस घरों, सड़कों, खेतों आदि सभी जगह पर मिलते हैं। गंदे चाकू से हुए गहरे घाव, शरीर के किसी भाग के जल जाने से बने घाव अथवा छोटी सी खरोच भी इन वायरसों के विकास के लिए अनुकूल जगह होती है। यह वायरस घाव में तेजी के साथ अपनी संख्या बढ़ाते हैं और एक तरह का जहर उत्पन्न करते हैं इस जहर की सूक्ष्म मात्रा ही मनुष्य की जान ले सकती है।        खून में प्रवेश के कुछ घंटो के अंदर ही यह जहर सारे शरीर के स्नायु में पहुंच जाता है और वहां से आगे बढ़ता हुआ रीड की हड्डी के रास्ते मस्तिष्क में पहुंच जाता है। मस्तिष्क में पहुंचकर यह जहर नर्वस सेल तक पहुंच जाता है। जिस कारण शरीर की तंत्रिका कोशिकाएं काम करना बंद कर देती है। इससे मांसपेशियों में ऐठन के झटके लगते हैं।      सफाई न करने के कारण भी टिटनेस रोग हो जाता है। किसी तार के टुकड़े से कान साफ करते समय अनजाने मैं ही टिटनेस के जीवाणु कान में प्रवेश कर जाते हैं। कई बार छोटे बच्चों के साथ-साथ बड़ों के कान में पस बहता है। मेल के कारण भी कान बंद हो जाता है। कई लोगों को कान में अजीब आवाज सुनाई देती हैं। जिसमें टिटनेस के जीवाणु जाने से यह भयंकर रोग हो जाता है।
      कई बार हाथ पैरों में चोट की वजह से हुए जख्मों से पैर में चप्पल डालकर ने चलने से कील, कांच, काटा, चुभने की वजह से टिटनेस के कीटाणु शरीर में जा सकते हैं।जिस कारण जखम में मिट्टी, गंदगी लगी हो उन्हें साफ न किया जाए तो टिटनेस हो सकता है।         टिटनेस के लक्षण :         रोग के प्रमुख लक्षणों में जबड़ा बंद हो जाना, शरीर कड़ा हो जाना और हल्की उत्तेजना होने पर झटके आते हैं। मरीज को गर्दन पैर हाथ तथा पेट में ऐठन होती है। लगातार ऐठन और झटकों के कारण छाती की मांसपेशियां कार्य करना बंद कर देती हैं। जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है और मरीज की मृत्यु हो सकती है। रोगी के जबड़े की मांसपेशियों में कष्टदायक खींचाव होने के कारण उसे मुंह खोलने में कठिनाई होती है। 

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