स्वाइन फ्लू के कारण, लक्षण और बचाव : swine flu Symptoms, Causes and Treatment

स्वाइन फ्लू के कारण, लक्षण और बचाव : swine flu Symptoms, Causes and Treatment

 स्वाइन फ्लू क्या है ? What is swine flu ?

    स्वाइन फ्लू H1N1 वायरस से होता है। इसलिए इसे H1N1 भी कहते हैं। यह वायरस सुअरों से शुरू होता है और धीरे-धीरे मनुष्य में फैल शुरू हो जाता है। सामान्य फ्लू और स्वाइन फ्लू के लक्षण समान होते हैं। जब 2009 में स्वाइन फ्लू का वायरस इंसानों में पाया गया था तो इसने महामारी का रूप ले लिया था लेकिन अब यह सामान्य फ्लू ही जाना जाता है। स्वाइन फ्लू का उपचार एक सामान्य फ्लू की तरह ही होता है। H1N1 वायरस अन्य वायरस की तरह ही होता है। 




     2009 में सबसे पहले इस वायरस की पहचान मेक्सिको में की गई थी। इसे स्वाइन फ्लू के नाम से पहचाना गया। सबसे पहले यह वायरस सुअरों मैं पाया गया और यह धीरे-धीरे इंसानों में फैलना शुरू हो गया। 2009 में यह वायरस बहुत तेजी के साथ एक देश से दूसरे देश में फैलना शुरू हो गया और इसने महामारी का रूप ले लिया। कम इम्यून सिस्टम वाले व्यक्तियों में यह अधिक प्रभावशाली रहा। यह सर्दियों के मौसम में अधिक फैलता है।

 स्वाइन फ्लू के कारण : Causes of Swine Flu:

    स्वाइन फ्लू H1N1 वायरस के कारण होता है। यह वायरस सुअरों से इंसानों में फैलता है। यह वायरस एक मनुष्य से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल जाता है अगर कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित है अगर वह खांसता व छिकता है या स्वस्थ व्यक्ति के संपर्क में आता है तो स्वाइन फ्लू होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे व्यक्ति जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम है उन्हें यह वायरस बहुत जल्द अपनी चपेट में ले लेता है। अगर किसी सूअर को स्वाइन फ्लू है और व्यक्ति उसका मांस खा ले तो स्वाइन फ्लू होने का खतरा बढ़ जाता है। 




    स्वाइन फ्लू के लक्षण : Symptoms of Swine Flu:

  • रोगी को बुखार की शिकायत रहती है।
  • बुखार के साथ ठंड लगती है।
  • रोगी को छिकें आती है।
  • सिर में दर्द की शिकायत रहती है।
  • खांसी आती है।
  • रोगी की नाक बहती है।
  • रोगी को थकान रहती है।
  • जी मिचलाता है और उल्टी आती है।
  • मांसपेशियों में दर्द रहता है।
  • त्वचा पर लाल चकत्ते बन जाते हैं।
  • दस्त की शिकायत रहती है।
  • गले में खराश रहती है।
  • सांस लेने में समस्या होती है।
  • अगर संक्रमण बना रहे तो रोगी को निमोनिया हो जाता है फेफड़ों में संक्रमण होने से रोगी की मौत हो सकती है।
  • रोगी को भूख कम लगती है जिस कारण रोगी को कमजोरी आ जाती है।
  • रोगी के शरीर में बेचैनी रहती है।
  • नाक और आंखों से पानी बहता है।




Read More –

ACIDITY ! गैस का बनना, एसिडिटी बनने के कारण

मस्सा क्या होता है? : कारण, लक्षण और प्रकार

STOMACH ULCER ! पेट का अल्सर, गैस्ट्रिक अल्सर, अल्सर क्या है

ENCEPHALITIS (इंसेफेलाइटिस ) दिमाग की सूजन कारण और लक्षण

CERVICAL SPONDYLITIS, गर्दन का दर्द , सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के कारण और लक्षण

COLITIS : आंतों में जख्म, सूजन, इन्फेक्शन के कारण और लक्षण

WHAT IS CONSTIPACTION? : कब्ज के कारण और लक्षण

LYMPHATIC FILARIASIS (ELEPHANTIASIS): SYMPTOMS, CAUSES AND CURRENT TREATMENT FOR FILARIASIS

CARDIOVASCULAR DISEASES: CAUSES, SYMPTOMS & TYPES

WHAT IS FILARIASIS? – SYMPTOMS, CAUSES, TREATMENT & TREATMENT

 
  स्वाइन फ्लू से बचाव : Avoid swine flu:
 
  • अगर किसी व्यक्ति को स्वाइन फ्लू है तो स्वाइन फ्लू ठीक होने के 24 घंटे बाद तक रोगी से मिलना नहीं चाहिए।
  • साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।
  • हाथों को साबुन से बार-बार धोय।
  • खांसते या छिकते समय रुमाल का इस्तेमाल करें।
  • खांसते या छिकते समय निकलने वाले कफ को हाथ या कोहनी से साफ न करें।
  • जितना हो सके भीड़ वाली जगह से बचकर रहें।
  • ऐसे स्थान पर जाने से बचे जहां सुअर अधिक हो।
  • फ्लू हो जाने पर तुरंत उसकी चिकित्सा करें।
  • घर के सदस्य को अगर स्वाइन फ्लू हो जाए तो किसी एक को ही उसकी देखभाल की जिम्मेदारी दें।
 
 



Leave a Comment