Shoulder Pain : कंधों में दर्द के कारण, लक्षण और बचाव

 कंधों में दर्द क्या है ? What is shoulder pain? जब कंधे में कुछ समस्या होती है, तो कंधे के हिलने-ढुलने में बाधा उत्पन्न होने लगती है। दर्द और बेचैनी के अलावा इससे आपके जीवन में और कई परेशानियां हो सकती हैं। कंधों का जोड़ शरीर का सबसे गतिशील जोड़ है जो कंधे को आगे और पीछे ले जाने का काम करते हैं। कंधे के जोड़ की मदद से बाजुओं को चारों ओर तथा इर्द-गिर्द घूमने में मदद मिलती हैं। कंधे के हिलने-ढुलने व घूमने की सीमा रोटेटर कफ (कंधों को घुमानेवाली पेशी) द्वारा निर्धारित की जाती है। रोटेटर कफ चार टेंडन्स से मिलकर बना होता है। टेंडन वे रेशेदार ऊतक होते हैं, जो हड्डियों को मांसपेशियों से जोड़ते हैं। अगर रोटेटर कफ के आस-पास के टेंडन्स क्षतिग्रस्त या उनमें सूजन आई हुई है, तो बाजुओं को सिर को ऊपर की तरफ उठाने में दर्द या कठिनाई अनुभव हो सकती है। कंधे किसी भी प्रकार के शारीरिक श्रम से क्षति ग्रस्त हो सकते हैं, जैसे खेल-कूद, काफी देर तक या बार-बार एक ही मूवमेंट करना। कुछ ऐसे रोग भी हैं, जिनसे कंधों में दर्द होने लगता है। इनमें गर्दन की सरवाइकल हड्डियां, साथ ही लिवर, हृदय या पित्ताश्य संबंधी रोग शामिल हैं। उम्र बढ़ने के साथ-साथ कंधों में दर्द होने की संभावना भी बढ़ जाती है। विशेष रूप से 60 साल से ज़्यादा उम्र में यह समस्या आम हो जाती है, क्योंकि उम्र के साथ-साथ कंधे के आस-पास के ऊतक नष्ट या खराब होने लगते हैं। 
कंधों में दर्द के कारण : Cause of Shoulder Pain: 1. चोट लगना : कंधे गर्दन और बायसेप्स आदि में चोट लगने के कारण कंधों के जोड़ों में दर्द होना आम बात है, कई बार यह समस्या गिरने या कुछ भारी सामान उठाने की वजह से भी होती है। 2. नस दबना : कंधे और गर्दन की नस दब जाने की वजह से भी बाजू की हड्डी में दर्द शुरू हो जाता है और फिर यह दर्द धीरे-धीरे पूरे कंधे तक फैलने लगता है। 3. डिसलोकेशन : शोल्डर डिसलोकेशन की वजह से भी कंधों के जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है। इस परेशानी में कंधे की हड्डी अपनी जगह से खिसक जाती है जो काफी दर्दनाक हो सकता है। 4. रीड की हड्डी में चोट : रीड की हड्डी में चोट लगने की वजह से या फिर मांसपेशियों में दर्द और जकड़न की वजह से भी कंधों के जोड़ों में असमर्थता महसूस होने लगती है जिसकी वजह से आप अपने हाथ तक उठाने में असमर्थ रहते हैं। 5. खिंचाव : खेल के दौरान खिंचाव, कंधे पर चोट लगना, हाथ गलत दिशा में मोड़ना, भारी सामान उठाना, क्रिकेट के समय कंधों पर बल लगना और मांसपेशियां क्षतिग्रस्त होने की वजह से भी कंधों के जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है इसके अलावा डायबिटीज के मरीजों को भी ये दर्द आसानी से हो सकता है क्योंकि उनकी मांसपेशियों में सूजन की समस्या रहती है। चोट कंधा उतर जाना (कंधे का खिसकना) पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस रूमेटाइड गठिया टेन्डेंटिस सेप्टिक गठिया रोटेटर कफ की चोट जमे हुए कंधे मोच और तनाव मल्टीपल स्क्लेरोसिस फ्रोजन सोल्डर एवास्क्यूलर नेक्रोसिस रीढ़ के जोड़ों में गतिविधि – रोधक सूजन। कंधों में दर्द के लक्षण :Symptoms of shoulder pain: किसी काम में बाजू और कंधों का इस्तेमाल करने पर दर्द महसूस होना। 2.चोट वाली जगह पर हाथ लगाने के बाद झुनझुनी और सुन्नपन सा महसूस होना। 3.बाजू को हिलाने में अचानक ही तेज दर्द होने लग जाना और खाने-पीने में भी कठिनाई होना। 4.कंधों के जोड़ों का दर्द महीनों और सालों तक दूर ना होना। 5.किसी भी चीज को उठा पाने में कंधों का अकड़ जाना। कंधों में दर्द से बचाव :Relief from shoulder pain: किसी भी अवस्था में अपने शरीर का ध्यान रखना जरूरी होता है। अगर किसी गतिविधि के बाद कंधे में दर्द होता है, तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए, यह समस्या को और गंभीर बना सकता है। इसलिए, दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार शरीर को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है। सही तरीके से व्यायाम करना भी कंधे के दर्द से बचाने में मदद कर सकता है। इसके लिए वर्कआउट करने से पहले वार्मअप जरूर करें। किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि को झटके के साथ नहीं, बल्कि आराम से करें। साथ ही सही तरीके से वजन उठाएं, जिससे कंधे में मोच या दर्द न हो। सही पोश्चर में बैठने, झुकने व चलने से भी कंधे में दर्द व चोट से बचा जा सकता है। इसके अलावा, ज्यादा देर तक लगातार एक ही मुद्रा में बैठकर काम करने से भी बचना चाहिए। ऊंचे स्थान पर रखी वस्तु को उठाने के लिए स्टूल का सहारा लेने से कंधे के दर्द के साथ अन्य समस्याओं से बचा सकता है। काम करते समय बीच में थोड़ी देर ब्रेक लेने से भी कंधे में दर्द से बचा जा सकता है। YouTube channel 👈

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