कंधे में दर्द से है परेशान तो जान ले इसके कारण, लक्षण और बचाव

कंधों का जोड़ शरीर का सबसे गतिशील जोड़ है जो कंधे को आगे और पीछे ले जाने का काम करते हैं। कंधे के जोड़ की मदद से बाजुओं को चारों ओर तथा इर्द-गिर्द घूमने में मदद मिलती हैं।

जब कंधे में कुछ समस्या होती है, तो कंधे के हिलने-ढुलने में बाधा उत्पन्न होने लगती है। दर्द और बेचैनी के अलावा इससे आपके जीवन में और कई परेशानियां हो सकती हैं।

कंधे के हिलने-ढुलने व घूमने की सीमा रोटेटर कफ (कंधों को घुमानेवाली पेशी) द्वारा निर्धारित की जाती है। रोटेटर कफ चार टेंडन्स से मिलकर बना होता है। टेंडन वे रेशेदार ऊतक होते हैं, जो हड्डियों को मांसपेशियों से जोड़ते हैं। अगर रोटेटर कफ के आस-पास के टेंडन्स क्षतिग्रस्त या उनमें सूजन आई हुई है, तो बाजुओं को सिर को ऊपर की तरफ उठाने में दर्द या कठिनाई अनुभव हो सकती है।




कंधों में दर्द के कारण : Cause of Shoulder Pain:

चोट.

कंधा उतर जाना (कंधे का खिसकना).

पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस.

रूमेटाइड गठिया.

टेन्डेंटिस.

सेप्टिक गठिया.

रोटेटर कफ की चोट.

जमे हुए कंधे.

मोच और तनाव.

मल्टीपल स्क्लेरोसिस.

फ्रोजन सोल्डर

एवास्क्यूलर नेक्रोसि

रीढ़ के जोड़ों में गतिविधि – रोधक सूजन।




1. नस दबना :

कंधे और गर्दन की नस दब जाने की वजह से भी बाजू की हड्डी में दर्द शुरू हो जाता है और फिर यह दर्द धीरे-धीरे पूरे कंधे तक फैलने लगता है।

2. डिसलोकेशन :

शोल्डर डिसलोकेशन की वजह से भी कंधों के जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है। इस परेशानी में कंधे की हड्डी अपनी जगह से खिसक जाती है जो काफी दर्दनाक हो सकता है।

3. चोट लगना :

कंधे गर्दन और बायसेप्स आदि में चोट लगने के कारण कंधों के जोड़ों में दर्द होना आम बात है, कई बार यह समस्या गिरने या कुछ भारी सामान उठाने की वजह से भी होती है।

4. रीड की हड्डी में चोट :

रीड की हड्डी में चोट लगने की वजह से या फिर मांसपेशियों में दर्द और जकड़न की वजह से भी कंधों के जोड़ों में असमर्थता महसूस होने लगती है जिसकी वजह से आप अपने हाथ तक उठाने में असमर्थ रहते हैं।




कंधों में दर्द के लक्षण :Symptoms of shoulder pain:

किसी काम में बाजू और कंधों का इस्तेमाल करने पर दर्द महसूस होना।

2.चोट वाली जगह पर हाथ लगाने के बाद झुनझुनी और सुन्नपन सा महसूस होना।

3.बाजू को हिलाने में अचानक ही तेज दर्द होने लग जाना और खाने-पीने में भी कठिनाई होना।

4.कंधों के जोड़ों का दर्द महीनों और सालों तक दूर ना होना।

5.किसी भी चीज को उठा पाने में कंधों का अकड़ जाना।




कंधों में दर्द से बचाव :Relief from shoulder pain:

कंधे की एक्सरसाइज कंधे की मांसपेशियों और रोटेटर कफ के टेंडन्स को स्ट्रेच करने और मजबूत रखने में मदद करती हैं। एक फिजीकल थेरेपिस्ट की मदद से आप इन व्यायामों को ठीक तरीके से करना सीख सकते हैं।

अगर आपके कंधे में पहले से ही कोई समस्या है, तो व्यायाम करने बाद अपने कंधे को 15 मिनट तक बर्फ से सेकें, ऐसा करने से भविष्य में होने वाली क्षति की संभावनाओं को कम किया जा सकता है। 

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