प्रोटीन की कमी के कारण और लक्षण

 प्रोटीन की कमी क्या है ?What is Protein Deficiency?

     प्रोटीन की कमी आपके शरीर में तब होती है, जब आपके शरीर को पर्याप्त प्रोटीन नहीं मिल पाता है। प्रोटीन आपकी मांसपेशियों के लिए, त्वचा के लिए, एंजाइम के लिए, हार्मोंस के लिए बेहद आवश्यक होता है। इसके अलावा यह शरीर के ऊतको के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।

शरीर की विभिन्न गतिविधियों के लिए आपकी बॉडी प्रोटीन का इस्तेमाल रोजाना करती है। शरीर के विकास और हर हिस्से को संतुलित बनाए रखने में प्रोटीन का इस्तेमाल होता है। त्वचा, बाल, पाचन क्रिया और रोग प्रतिरोधक क्षमता सब के लिए प्रोटीन आवश्यकता होता है। प्रोटीन एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित होता है।




आपको पता होना चाहिए कि गर्भावस्था के दौरान और छोटे बच्चों के लिए प्रोटीन की बहुत अधिक आवश्यकता होती है। यदि आपके शरीर में प्रोटीन की कमी है तो शरीर ठीक ढ़ंग से काम करना बंद कर देता है।

पोषक तत्व की कमी प्रोटीन की कमी का एक मुख्य कारण है। यह उन बच्चों में होता है, जो पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, कैलोरी, कार्बोहाईड्रेट्स और अन्य पोषक तत्व नहीं खाते हैं। ऐसा अक्सर गरीबी और भोजन की कमी की वजह से होता है। इसके अलावा पोषक तत्वों के बारे में कम जानकारी भी प्रोटीन की कमी का कारण बनता है।




प्रोटीन की कमी की वजह से सूजन, वजन कम होना, घाव को ठीक होने में अधिक वक्त लगना, सिर दर्द और नींद न आना आदि परेशानियां हो सकती हैं। प्रोटीन के सबसे अच्छे स्त्रोत हैं मीट, डेरी, अंडा और मछली। इसके अलावा बीन्स और बीज में भी प्रोटीन्स मौजूद होते हैं।

प्रोटीन की कमी की वजह से स्वास्थ्य से संबंधित कई परेशानियां हो सकती हैं। इसके साथ ही साथ प्रोटीन कम मात्रा लेना भी आपके लिए नुकसानदायक साबित होता है क्योंकि इससे आपके शरीर में परिवर्तन होता है। प्रोटीन की कमी की वजह से पित्त में पथरी, गठिया, मांसपेशियों में कमजोरी और हृदय से संबंधित परेशानियां भी होती है।




प्रोटीन की कमी के कारण : Causes of Protein Deficiency :

खाने में परेशानी या भोजन विकार

आहार के बारे में शिक्षा की कमी

कुछ इस प्रकार की दवाईयों को सेवन करना, जो शरीर द्वारा किए जाने वाले पोषक तत्वों के अवशोषण को रोकती है।

ऐसी कोई चिकित्स्कीय स्थिति, जिसकी वजह से आपके शरीर में कैलोरी की आवश्यकता अधिक बढ़ जाएं।

सूखा/ अकाल 




गरीबी में रहना।

किडनी की बीमारी

लंबे समय से शराब का आदी होना

अपर्याप्त आहार – 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चें को सही तरीके से स्तनपान न कराना।

जलना या अन्य घाव जिसकी वजह से आसामान्य रूप से शरीर से प्रोटीन कम हो जाना।

संक्रमण – खसरा, दस्त और आंत से संबंधित रोग।




प्रोटीन की कमी के लक्षण : Symptoms of Protein Deficiency :

1.पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन नहीं लेने से जोड़ों में मौजूद तरल पदार्थ का निर्माण कम हो जाता है। जिससे शरीर का लचीलापन घट जाता है।

2. शरीर में प्रोटीन की कमी से सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या कम होती जाती है और हीमाग्लोबिन भी कम हो सकता है।

 3. प्रोटीन की कमी से रक्त में शर्करा का स्तर कम होता है, इसके अलावा आपको बार-बार भूख लगने का कारण भी प्रोटीन की कमी हो सकती है।

4. आपके सौंदर्य के लिहाज से भी प्रोटीन बेहद जरूरी है। अगर सही मात्रा में प्रोटीन नहीं लिया गया, तो इसका असर आपके बाल और नाखूनों पर भी नकारात्मक होता है।

5. अगर आप बार-बार बीमार पड़ रहे हैं और शारीरिक दर्द की समस्या से गुजर रहे हैं, तो इसका कारण भी प्रोटीन की कमी हो सकती है, क्योंकि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आने का एक बड़ा कारण यह भी है।




वजन में तेजी से कमी होना

वजन का तेजी से कम होना इसकी कमी का संकेत हो सकता है। यह लक्षण मसल्स के बर्बाद होने के कारण जन्म ले सकता है। दरअसल शरीर को जब प्रोटीन नहीं मिलता तो वह मसल्स को तोड़कर प्रोटीन लेने की कोशिश शुरू कर देता है। ऐसे में मसल्स खोने लगती हैं। इससे वजन में गंभीर कमी हो सकती है।

बालों का कमजोर होना

बालों का कमजोर होना, टूटना या झड़ना भी इस कमी को दर्शा सकता है। बालों के बनने में चूंकि प्रोटीन का योगदान होता है, ऐसे में बाल इसकी कमी से तकलीफ में आ सकते हैं। इसी तरह नाखूनों की कमजोरी भी प्रोटीन की कमी का संकेत हो सकती है। इसके कारण हाथ-पैरों के नाखूनों पर उभार उठना, सफेद लकीरें बनना और नाखूनों का टूटना आदि समस्याएं हो सकती हैं।




शरीर में एडेमा होना

एडेमा यानी शरीर के कुछ हिस्सों में पानी या द्रव्य का इकठ्ठा हो जाना। यह परेशानी भी प्रोटीन की कमी से हो सकती है, क्योंकि प्रोटीन शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखने में मददगार होता है। इसका असर ज्यादातर पैरों, एड़ियों आदि पर दिखाई देता है।

स्किन का खराब होना

मुरझाई हुई स्किन या स्किन पर पड़े रैशेज भी इस कमी से पनप सकते हैं। साथ ही कमजोरी, नींद में असंतुलन, घावों को ठीक होने में देर लगना, बार-बार भूख लगना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, चिड़चिड़ापन और ऊर्जा में कमी, सिरदर्द और चक्कर आना, आदि तकलीफें भी प्रोटीन की कमी से हो सकती हैं।




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