- अत्यधिक हस्तमैथुन करना।
- वासनामय कामुक पुस्तकों का अधिक पढ़ना।
- वासनामय फिल्मों का अधिक देखना।
- गंदे लोगों का साथ।
- टीवी पर अत्यधिक उत्तेजक कार्यक्रम देखना।
- छोटी उम्र में ही स्त्री प्रसंग की अधिकता।
- किसी सुंदर युवती के साथ रहने पर।
- शारीरिक परिश्रम की कमी।
- छोटी उम्र में ही वेश्यागमन करने से।
- अधिक कोमल बिस्तर पर सोने से।
- ज्यादा रोमांटिक वातावरण में रहने से।
- साइकिल और घोड़ों की सवारी अधिक करने से।
- ज्यादा मसालेदार भोजन करने से।
- शराब, चरस और गांजा जैसे मादक पदार्थो के अत्यधिक सेवन से।
- मल या मूत्र के वेग को ज्यादा देर तक रोके रहना।
स्वप्नदोष के लक्षण : Symptoms of night discharge :
- ऐसे रोगी शिकायत कहते हैं कि जिस रात्रि को उन्हें स्वप्नदोष होता है उससे अगले दिन उनका शरीर ढीला ढाला रहता है और कमजोरी महसूस होती है।
- कुछ रोगियों के सिर और कमर में दर्द रहता है।
- रोगी को मानसिक तनाव रहता है।
- कुछ लोगों की आंखों की रोशनी कम हो जाती है और आंखों में दर्द की शिकायत कहते हैं।
- किसी भी चीज में मन नहीं लगता है।
- रोगी की भूख कम हो जाती है।
- सिर में भारीपन रहता है।
- रोगी को चक्कर आते हैं।
- चेहरे की रौनक कम हो जाती है।
- आंखों के नीचे कालापन आ जाता है।
- याददाश्त कम होने लगती है।
- थोड़ा सा काम करते ही रोगी थक जाता है।
- बार-बार गुस्सा आता है।
- सोते रहने की इच्छा होती है।
- मानसिक चिंता और गम में डूबा रहता है।
- हाथ पैरों में जलन होती है।
- स्मरण शक्ति कम हो जाती है।
- मुंह और गले में खुश्की रहती है।
रोगी के लिए आवश्यक परामर्श : Necessary counseling for the patient:
रोगी को भोजन पर भी ध्यान देने की जरूरी है। रोगी का भोजन सादा हो मिर्च मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। रात को भोजन सोने से 2 घंटे पहले कर लिया जाए तो पेट हल्का रहता है। अक्सर युवक जिस दिन रात्रि में गर्म दूध पी लेते हैं तो स्वप्नदोष हो जाता है। उन्हें ठंडा करके पीना चाहिए अच्छा तो यह रहेगा कि दूध प्रातकाल लिया जाए रात्रि में नहीं, ऐसा भोजन जिससे कब्ज हो नहीं लेना चाहिए। अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए रोगी को भोजन में पौष्टिक आहार लेना चाहिए। रोगी को सूखे मेवे नहीं खाने चाहिए साथ ही भोजन में देसी घी, दाल, बेसन और गेहूं की रोटी और हरे पत्ते की सब्जी जरूर होनी चाहिए। दूध दही का प्रयोग अच्छा रहता है।
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- रोगी को सलाह देनी चाहिए कि रात में जिस समय आंख खुले उसे पेशाब कर लेना चाहिए।
- रोगी को सोने से पहले खुले कपड़े पहनने चाहिए।
- रोगी को वासना से दूर रहने की सलाह दें।
- रोगी को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे उत्तेजना उत्पन्न हो।