ल्यूपस नेफ्राइटिस क्या है ?What is lupus nephritis ?
सिस्टेमिक ल्यूपस रिथेमेटोसस एक स्व-प्रतिरक्षित रोग है, जिसे आम भाषा में ल्यूपस कहा जाता है। इस स्थिति में प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के किसी एक निश्चित हिस्से को क्षति पहुंचाने लग जाती है। ल्यूपस के कई अलग-अलग प्रकार हैं, जो शरीर के अलग-अलग हिस्सों को प्रभावित करते हैं। ल्यूपस नेफ्राइटिस भी इनमें से एक है, जो एक गंभीर प्रकार का रोग होता है। इसमें प्रतिरक्षा प्रणाली गुर्दों को क्षति पहुंचाने लग जाती है। ल्यूपस नेफ्राइटिस में प्रतिरक्षा प्रणाली विशेष रूप से किडनी के उस भाग को प्रभावित करती है, जो रक्त को साफ करने का काम करते हैं।
ल्यूपस नेफ्राइटिस के कारण :Causes of Lupus Nephritis:
जब ल्यूपस ऑटोएंटीबॉडिज किडनी के उस भाग को क्षति पहुंचाने लग जाती है, जो अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने का काम करता है। इस स्थिति में गुर्दों में सूजन व लालिमा हो जाती है और पेशाब व प्रोटीन आने लगता है। सिस्टेमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस से ग्रस्त लगभग आधे वयस्कों को ल्यूपस नेफ्राइटिस रोग हो जाता है। सिस्टेमिक ल्यूपस में शरीर में इम्यून प्रोटीन बनने लगते हैं, जो किडनी के रक्त फिल्टर करने की क्षमता को प्रभावित करने लगते हैं।
अध्ययनों से पता चला है कि काले लोगों की अपेक्षा गोरे लोगों को यह रोग अधिक होता है। यह रोग महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को अधिक होता है।
ल्यूपस नेफ्राइटिस के लक्षण :Symptoms of Lupus Nephritis:
- ल्यूपस नेफ्राइटिस के रोगी को पेशाब में खून आता है।
- रोगी को पेशाब में झाग आता है।
- पैरों में दर्द सूजन के साथ होता है।
- रोगी को बार बार पेशाब आता है खासतौर पर रात में जल्दी पेशाब आता है।
- टखनों में दर्द होता है और सूजन आ जाती है।
- पेशाब में से बदबू आती है।
- रोगी के चेहरे पर सूजन आ जाती है।
- रोगी को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है।
- शरीर का वजन बढ़ने लगता है।
- रोगी के पैरों पर भी सूजन आ जाती है।
- पेशाब गहरे रंग का हो जाता है।
- पेशाब करते समय जलन होती है।
- हाथों पर सूजन आ जाती है।
- रोगी की त्वचा पर दाने निकल आते हैं।
- रोगी को पित्ती उछलने की शिकायत रहती है।
- पेट में दर्द होता है विशेषकर कमर के दोनों साइडों में।
- रोगी का चेहरा लाल रहता है।