गुर्दे की पथरी ( kidney stone ) के कारण और लक्षण

    गुर्दे की पथरी क्या है ?What is kidney stone ?

 गुर्दे की पथरी मिनरल्स और नमक से बनी एक ठोस जमावट होती है। इनका आकार रेत के दाने जितना छोटा से लेकर गोल्फ की गेंद जितना बड़ा हो सकता है। गुर्दे की पथरी मूत्र मार्ग में पहुंच सकती है और मूत्र मार्ग से बाहर भी निकल सकती है। गुर्दे की पथरी एक दर्दनाक स्थिति होती है। अगर यह मूत्र मार्ग में पहुंच जाए तो पेशाब बंद हो सकता है और पेशाब करने में समस्या होती है। गुर्दे की पथरी महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक होती है। पेशाब करते समय जलन होती है कभी-कभी पेशाब के साथ खून भी निकल आता है।




 

गुर्दे की पथरी के कारण :Causes of kidney stones:

  • गर्म जलवायु के क्षेत्र में रहना और अपर्याप्त द्रव सेवन करना पथरी होने का कारण हो सकता है।
  • कैल्शियम वाले एंटासिड लेने वाले लोगों के मूत्र में कैल्शियम का स्तर ज्यादा हो सकता है जिससे पथरी का निर्माण भी हो सकता है। विटामिन ए और विटामिन डी से भी कैल्शियम का स्तर बढ़ सकता है।
  • आपकी रहने की जगह भी आपको गुर्दे की पथरी होने की ज़िम्मेदार हो सकती है। भारत में महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के हिस्सों में गुर्दे की पथरी की समस्या काफी प्रचलित है।
  • कुछ पुरानी बीमारियां गुर्दे की पथरी के निर्माण से संबंधित होती हैं जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस रीनल ट्यूबलर एसिडोसिस और इंफ्लेमेट्री बाउल रोग।
  • एचआईवी के उपचार के लिए इंडिनवीर दवा से इंडिनवीर पथरी का निर्माण हो सकता है। इसके अलावा भी कुछ दवाएं पथरी के निर्माण का कारन बन सकती हैं।
  • प्रोटीन का अधिक मात्रा में सेवन करना।
  • नमक और ग्लूकोज का अधिक इस्तेमाल करना।
  • अत्यधिक मोटापा हो जाना।
  • शरीर में पानी की कमी का होना।
  • गुर्दे की पथरी आनुवंशिक भी पाई जाती है।
  • कम एस्ट्रोजन स्तर वाली महिलाओं और जिन महिलाओं के अंडाशय निकले हुए हैं उन्हें गुर्दे की पथरी होने की संभावनाएं अधिक होती हैं।
  • 30 से 50 वर्ष वाली आयु के लोगों में गुर्दे की पथरी अधिक पाई जाती है।




 

 
गुर्दे की पथरी के लक्षण :Symptoms of kidney stones:
 
  • पेशाब करते समय रोगी को अधिक दर्द होता है।
  • पेशाब में धुंधलापन रहता है।
  • पेशाब में खून भी आ सकता है।
  • पेशाब से गंध आती है।
  • बार-बार पेशाब आने की शिकायत रहती है।
  • पेशाब का रंग भूरा, गुलाबी या लाल हो सकता है।
  • बहुत थोड़ा पेशाब आता है।
  • रोगी को उल्टी आती हैं।
  • ठंड लगने की शिकायत रहती है।
  • एसिडिटी की समस्या रहती है।
  • बुखार की शिकायत रहती है।
  • रोगी के गुर्दो में बहुत तेज दर्द होता है।
  • पेशाब करने में कठिनाई होती है।




 

 
आपकी पथरी का स्थान और आपके मूत्र-पथ में इसकी प्रगति के अनुसार आपके लक्षण अलग़-अलग हो सकते हैं। बहुत से लोगों को उनकी पीठ के एक तरफ या पेट के निचले हिस्से में तेज़ दर्द होता है। दर्द अक्सर अचानक शुरू होता है और फिर समय के अनुसार अधिक तीव्र होता जाता है। गुर्दा की पथरी का दर्द आमतौर पर रात में या सुबह-सुबह शुरू होता है। इसका कारण यह है कि लोग आम तौर पर रात में या सुबह कम पेशाब करते हैं और सुबह मूत्रवाहिनी आमतौर पर संकुचित होती है। 
 

 

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