Gonorrhoea ( सुजाक ) के कारण, लक्षण और रामबाण इलाज

Gonorrhoea ( सुजाक ) के कारण, लक्षण और रामबाण इलाज।


Gonorrhoea ( सुजाक ) के कारण, लक्षण और रामबाण इलाज


Gonorrhoea – सुजाक


उपदंश ( Syphilis ) की भाँति यह भी रतिज रोग (संभोग द्वारा फैलने वाला रोग) है। यह संक्रमण गोनोकॉक्कस (Gonocuccus) नामक रोगाणु (जीवाणु) द्वारा होता है। सुजाक से ग्रस्त पुरुष के साथ संभोग करने से स्वस्थ स्त्री भी इस रोग से ग्रस्त हो जाती है।


सुजाक के कारण – Causes to gonorrhea :


सुजाक से पीड़ित पुरुष के साथ संभोग करने से ही स्त्री को भी यह रोग हो जाता है। यदि संक्रमित जननांगों (शिश्न और योनि) का सम्बंध स्थापित नहीं हो तो इसका संक्रमण नहीं होता है। संक्रमण होने के 2-4 दिन बाद लक्षण प्रकट होने लगते है।


सुजान के लक्षण – Symptoms of gonorrhoea :


    संक्रमित संभोग के 2-3 दिन बाद से एक सप्ताह के अन्दर मूत्र नलिका में प्रदाह के कारण मूत्र में जलन प्रारम्भ हो जाता है। फिर मूत्र मार्ग से पीप आने लगती है जिसका रंग पीला, हरा, लाल या सफेद अथवा रक्तमिश्रित होता है। मूत्र करते समय पीड़ा और जलन के कारण रोगी मरणासन्न हो जाता है। रात में सोते समय भगांकुर में कड़ापन आ जाता है। कड़ापन भगांकुर में विशेष प्रकार की उत्तेजना के कारण होता है। मूत्र खुलकर नहीं आता है बल्कि बूंद-बूंद आता है। तीन सप्ताह में कष्ट बढ़ जाते हैं। इसके बाद रोग पुराना होने पर तमाम कष्ट अपेक्षाकृत कम होने लगते है। लेकिन रंग बदलते हुए स्राव आता रहता है। पीप के गाढ़ापन के कारण मूत्रनली का मार्ग अवरुद्ध होकर मूत्रावरोध हो जाता है। समय पर चिकित्सा नहीं करने से अन्य कई रोग हो जाते हैं। इसका प्रभाव भावी सन्तान पर भी पड़ता है। अतः रोग का निदान होते ही चिकित्सा यथाशीघ्र करें।


घरेलू चिकित्सा ( Homo Remedies )

 1 हाऊबेर का चूर्ण 6-6 ग्राम नित्य सुबह-शाम लेने से नये-पुराने सुजाक में लाभ होता है।


2. सोरा (कलमी शोरा) 700 मि.ग्रा. नित्य सुबह-शाम भिण्डी के क्वाथ के साथ दें। 


होमियोपैथिक चिकित्सा ( Homoeopathic treatment )


1 कैनाबिस सैटिया (Cannabis Satva) Q– 5 से 7 बूँद थोड़े जल में मिलाकर नित्य 3 बार सुजाक की सभी स्थितियों में दें।


2. क्लीमेटिस (Clematis) – 3 या 6 नित्य 5-4 बार आवश्यकतानुसार दे।


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