Enlarged liver ! लीवर का बढ़ जाना , यकृत वृद्धि

What is enlargement of liver ? ( लीवर का बढ़ना )           इस रोग को सामान्य भाषा में जिगर का बढ़ना भी कहते हैं। इस रोग में लीवर के अंदर फाइब्रस टिसूज अधिक मात्रा में बनने लगते हैं और लीवर की सेल्स का स्थान लेने लगते हैं,जिसके कारण पहले तो लीवर कुछ बड़ा हो जाता है लेकिन रोग के बढ़ जाने पर यह सिकुड़कर छोटा हो जाता है और लीवर पर नन्ही नन्ही गांठें जैसी बनने लगती है जिसे लीवर सिरोसिस कहते हैं । अगर लिवर सिरोसिस का रोग पुराना हो जाए तो रोगी को यह Ascites की समस्या हो जाती है।
    लीवर बढ़ने के कारण :
  •  मसालेदार पदार्थों का अधिक सेवन करने से।
  • अल्कोहल का अत्यधिक सेवन करने से।
  • एंटीबायोटिक दवाइयों का अधिक सेवन करने से लीवर पर सूजन आ जाती है।
  • आरामदायक जीवन व्यतीत करने से।
  • मलेरिया और सिफलिस आदि रोगों से लीवर क्षतिग्रस्त हो जाता है।
  • अगर गालब्लेडर पर सूजन आ जाए तो लीवर पर भी सूजन आ जाती है।
  • अगर किसी को ब्लड संबंधित रोग है तो उसे लीवर रोग होने की पूरी संभावना रहती है।
 
याद रहे – 
 
  1. लाल मिर्ची, धनिया, मेथी, जीरा, नमक, मसालेदार सब्जियां आदि के अधिक और नियमित तौर पर खाने से लीवर के रोग हो जाते हैं।
  2. यह देखा गया है कि इस रोग के शिकार व्यक्तियों में अधिकांश संख्या उन व्यक्तियों की होती है जो अल्कोहल का अधिक सेवन करते हैं और पौष्टिक भोजन व व्यायाम बहुत कम करते हैं।
  3. जो व्यक्ति लंबे समय से अल्कोहल का सेवन कर रहे हैं उन्हें लीवर सिरोसिस होने की पूरी संभावना रहती है लेकिन यह भी देखा गया है कि जो व्यक्ति अल्कोहल का सेवन नहीं करते उन्हें भी यह रोग हो जाता है।
  4. शरीर में लंबे समय तक खून की कमी रहने पर और विभिन्न रोगों के कारण भी लीवर पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है ऐसी स्थिति में लीवर पर सूजन आ जाती है।
 
लीवर वृद्धि के लक्षण ( symptoms of enlargement liver )
 
  • लीवर वृद्धि के प्रारंभ में दर्द और भारीपन अनुभव होता है तथा स्पर्श करने पर लीवर बढ़ा हुआ लगता है।
  • जब लीवर अधिक बढ़ जाए तो उस समय रोगी को उल्टी, सिरदर्द और कब्ज के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। 
  •  लीवर के बढ़ने पर spleen भी बढ़ सकती है रोगी को बवासीर और जलोदर की समस्या हो जाती है.
  • रोगी को पेट में दाएं और दर्द होता है। भूख नहीं लगती, एसिडिटी की समस्या रहती है, आंखों में पीलापन आ जाता है, जीभ पर मैल जम जाता है, मुंह का स्वाद बिगड़ जाता है रोगी को बुखार रहता है आदि लक्षण दिखाई देते हैं।
  • रोगी के शरीर का वजन कम हो जाता है।
 
        15 से 25% रोगियों में खून की उल्टी होती है रोगी को कमजोरी थकान और शरीर का वजन कम हो जाता है। 35% रोगियों में बुखार रहता है। 35 से 50% रोगियों में spleen बढ़ जाती है।
 

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   रोग की पहचान :
        पेट में दाएं तरफ भारी – भारी सा लगना और तीर चुभने जैसा दर्द होता है रोगी को भूख कम लगती है, एसिडिटी की समस्या रहती है, पेट में बदहजमी रहती हैं, आंखें पीली हो जाती हैं, जीभ पर मेल चढ जाता है, मुंह का स्वाद तीखा हो जाता है इन लक्षणों से रोग की पहचान की जा सकती है।यदि लीवर ऊपर की ओर बढ़ा है तो कंधे की हड्डी में दर्द होता है, खांसी आने लगती है तथा सांस लेने में तकलीफ होती है।
 

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