Dyshidrotic Eczema : पॉम्पहॉलिक्स (डायशिड्रोटिक एक्जिमा) के कारण, लक्षण और बचाव

 पॉम्पहॉलिक्स (डायशिड्रोटिक एक्जिमा) क्या है ? What is Dyshidrotic Eczema ?

    यह एक प्रकार का एग्जिमा है इस एग्जिमा में हाथों की उंगलियां, हथेलियां और कभी-कभी पैरों के तलवों में छाले हो जाते हैं। इस एग्जिमा में त्वचा पर पानी से भरे हुए छाले निकल आते हैं जिसमें बहुत खारिश आती है। माना जाता है कि एटॉपिक डर्मेटाइटिस, कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस और तनाव के कारण लोगों को यह समस्या हो सकती है। इसके अलावा कुछ पदार्थ जैसे निकल, क्रोमियम और कोबाल्ट आदि के संपर्क में आने के कारण भी पॉम्पहॉलिक्स की समस्या हो सकती है। यह एग्जिमा किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन यह युवा अवस्था में अधिक होता है। शरीर के जिस हिस्से में पॉम्पहॉलिक्स की समस्या होती है वहां पर बैक्टीरिया संक्रमण का खतरा बना रहता है। 




 

पॉम्पहॉलिक्स (डायशिड्रोटिक एक्जिमा) के कारण : Causes of Dyshidrotic Eczema :

  पॉम्पहॉलिक्स की समस्या किन कारणों से होती है डॉक्टरों को इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह ज्यादातर 20 से 40 की उम्र वाले वयस्कों को प्रभावित करती है साथ ही पुरुषों की तुलना में महिलाओं को इस समस्या का खतरा दो गुना अधिक होता है। इसके अलावा जिन लोगों को हे-फीवर हो या परिवार में पहले किसी को डायशिड्रोटिक एक्जिमा की शिकायत रह चुकी हो, उन लोगों को पॉम्पहॉलिक्स का खतरा अधिक रहता है।

  • अगर इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर हो तो यह रोग आसानी से हो सकता है।
  • जिन व्यक्तियों को एड्स का रोग है इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाने पर उन्हें यह रोग आसानी से हो जाता है।
  • ऐसे व्यक्ति जिनके हाथों और पैरों पर अधिक पसीना आता है उन्हें भी यह एक्जिमा का रोग हो जाता है।
  • गर्म मौसम में यह रोग मुख्य रूप से पाया जाता है।
  • निकल, कोबाल्ट या क्रोमियम आदि धातुओं के संपर्क में आने पर भी यह रोग हो जाता है।
  • ऐसे व्यक्ति जो तनाव में रहते हैं उन्हें भी यह रोग हो जाता है।
  • मौसमी एलर्जी भी इस रोग का मुख्य कारण है।



 
 

पॉम्पहॉलिक्स (डायशिड्रोटिक एक्जिमा) के लक्षण : Symptoms of Dyshidrotic Eczema :

  • रोगी की त्वचा पर जलन होती है।
  • त्वचा पर खुजली आती है।
  • छाले निकलने से पहले त्वचा पर खुजली और जलन होती है।
  • हाथ पैरों और उंगलियों में छोटे छोटे छाले दिखाई देते हैं।
  • त्वचा लाल रहती है।
  • त्वचा फटी हुई रहती है।
  • छालों की आसपास की त्वचा पर पसीना रहता है।
  • नाखूनों के रंग में परिवर्तन आ जाता है और वह गहरे रंग के हो जाते हैं।
  • छालों में दर्द होता है।
  • त्वचा पर सूजन आ जाती है।
  • छालों में पस बन जाता है।
  • पॉम्पहॉलिक्स की समस्या कुछ लोगों में हल्के या गंभीर स्तर की हो सकती है। जिन लोगों को यह समस्या गंभीर रूप से पैरों में होती है, उन्हें छाले के कारण चलने में कठिनाई हो सकती है। यदि हाथों में छाले हैं तो इससे कई प्रकार के दैनिक कार्य प्रभावित हो सकते हैं।



 
 

पॉम्पहॉलिक्स (डायशिड्रोटिक एक्जिमा) से बचाव : Prevention of pompahalix (dihydrotic eczema): 

  • हाथ पैरों को रोज अच्छी तरह से धोए।
  • त्वचा को गुनगुने पानी से धोएं धोने के बाद अच्छी तरह से सुखा लें।
  • हाथों को धोनी से पहले अंगुली की अंगूठी निकाल दे, क्योंकि अंगूठी के नीचे नमी रहती है जो छालों का कारण बन सकती है।
  • बर्तन धोते समय हाथों में कॉटन लाइनर दस्ताने पहनें।
  • नहाने या हाथों को धोने के बाद त्वचा पर मॉइस्चराइज़र लगाएं।
  • जिन व्यक्तियों को बैक्टीरियल इनफेक्शन की समस्या है उन्हें एंटीबायोटिक दवाई दी जा सकती है। 



 
 
 

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