- दूषित जल के पीने से यह रोग हो जाता है।
- बासी, दूषित और असंतुलित भोजन करने के कारण।
- खाली पेट चाय, जल या बिस्कुट आदि लेने से।
- आंतों पर सूजन आ जाने के कारण।
- अत्यधिक द्रव युक्त और ठंडे पदार्थों का सेवन करने से।
- मौसम के परिवर्तन से।
- दूषित हवा से।
- गर्मी के दिनों में धूप में कहीं बाहर निकलने पर लू लग जाने से।
- बहुत अधिक पका हुआ खाना खाने से।
- बिना भुख के बार-बार खाते रहने से।
- टाइफाइड बुखार होने पर।
- भोजन के साथ कोई जहरीला तत्व पेट में पहुंच जाने पर दस्त प्रारंभ हो जाते हैं।
- किसी औषधि का सेवन किया जाए और वह अनुकूल नहीं पड़े तो भी दस्त प्रारंभ हो जाते हैं।
- पेट में कीड़े होने पर भी दस्त की समस्या हो जाती है।
- लीवर की क्रिया ठीक न होना।
- आंतों में इन्फेक्शन भी दस्त का कारण है।
याद रहे –
नाक, गला, दांत आदि के संक्रमण से डायरिया हो जाता है, क्योंकि इसके संक्रमण आंतों तक आसानी से पहुंच जाते हैं।
दस्त के लक्षण : symptom of diarrhoea :
डायरिया का प्रमुख लक्षण यही होता है कि रोगी को पतले मल को त्यागने लिए बार-बार जाना पड़ता है। यह पाचन की गड़बड़ी से उत्पन्न होता है। इस रोग में सर्वप्रथम नाभि के आसपास दर्द और पेट में मरोड़ होती है। पेट गुड़गुड़ाता है। दस्त कभी थोड़े तो कभी अधिक मात्रा में पानी की तरह दुर्गंध युक्त आते हैं। रोगी को जो बार-बार दस्त आते हैं वह गुड़गुड़ाहट की आवाज के साथ होते हैं। दस्त में पानी अधिक और मल कम होता है। कभी-कभी उसमें गठीला मल गिरता है।
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