Capsicum Annuum 30 Symptoms Uses and Banefit in hindi

Capsicum Annuum 30 Symptoms Uses and Benefit in Hindi 




       जिन पदार्थों को हम स्वाद के लिए लगातार इस्तेमाल करते हैं, कई पीढ़ियों बाद भी हमारे शरीर में ऐसे लक्षण उत्पन्न कर देंगे कि उन लक्षणों को दूर करने के लिए उन्हीं पदार्थों की बनी हुई औषधि काम करेगी। क्योंकि इन पदार्थों से उत्पन्न होने वाले रोगों के लक्षण शरीर में रोग के रूप में प्रकट होने वाले लक्षणों के समान होंगे। उन्हीं पदार्थों में से एक लाल मिर्च यानी कैपसिकम है। इसका रोगी कैलकेरिया कार्ब की तरह मोटा और थुलथुला होता है। लाल मिर्च का रंग लाल होता है। ध्यान से देखने पर इस रोगी की भी नाक, गाल के उभार लाल होते हैं। चेहरे पर खून की बारिक नसे दिखाई देती हैं। रोगी का शरीर भारी रहता है और रोगी हमेशा सुस्त रहता है तो ऐसे रोगी के शरीर पर कैपसिकम काम करती है।




       बच्चों को जब घर से बाहर किसी बोडिग हाउस में दाखिल कर दिया जाता है, तब उनका जी नहीं लगता। वह लगातार रोते रहते हैं। खेलने के स्थान में एक कोने में जाकर बैठ जाते हैं और माता-पिता को याद करते हैं। इस प्रकार के बच्चे को कैपसिकम की 1, 2 मात्रा देने के बाद भी सब कुछ भूल जाते हैं और अन्य बच्चों के साथ खेलने लगते हैं।

      ऐसे रोगी जिन्हें पुराना ज़ुकाम सताता रहता है किसी दवा से लाभ नहीं होता है। अच्छी से अच्छी दवा खाने के बाद ही उन्हें आराम नहीं मिलता है। रोगी के नाक की नोक लाल रहती है, ठंडी रहती है। चेहरे पर पता चलता है कि पाठशाला में कुछ पढ़ लिख नहीं सकता। अगर शारीरिक या मानसिक काम करने लगता है तो उसे पसीना आने लगता है। सर्दी बर्दाश्त नहीं हो सकती। यह लक्षणों पर कैपसिकम देने से उसकी यह सारी समस्या ठीक हो जाती है। 




     म्यूकस मेंब्रेन में जहां भी जलन का लक्षण पाया जाता है वहां इस औषधि की तरफ ध्यान जाना जरूरी है। जलन ऐसी होती है जैसे मिर्च लग रही हो। इस प्रकार की जलन कहीं भी हो सकती है। यह जलन जीभ, मुंह के भीतर, पेट, आंतें मलद्वार, छाती, बवासीर आदि किसी भी स्थान पर होने पर इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए।

     रोगी के मन में आत्महत्या का विचार आता रहता है। व्यक्ति आत्महत्या की बात सोचा करता है परंतु आत्महत्या करना नहीं चाहता। यह विचार उस पर हावी होने का प्रयास करते हैं लेकिन वह उनसे लड़ता रहता है। आत्महत्या के विचार आने पर कैपसिकम देनी चाहिए।

      कैपसिकम के बुखार का विशिष्ट लक्षण यह है कि इसमें दोनों कंधों के बीच में ठंड लगने शुरू होती है और वह शरीर में फैल जाती है। बुखार में जाड़ा चढ़ने से पहले प्यास अधिक लगती है परंतु पानी पीते ही शरीर में कपकपी फैल जाती है।




      इस मेडिसन का एक अद्भुत लक्षण यह है कि खांसने पर पैरों में, घुटनों में, मूत्राशय में या किसी अन्य दूसरे अंग में दर्द का अनुभव होता है।

      मुंह में ऐसे छाले होते हैं जिनमें जलन होती है तो इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए।

    अगर कान के पीछे की हड्डी में सूजन आ जाती है तो यह मेडिसन काम करती है।

     सिर दर्द के समय रोगी को ऐसा लगता है जैसे खोपड़ी फट जाएगी। जरा सी हरकत करने से सिर दर्द बहुत तेज होने लगता है। इसलिए रोगी चलता फिरता नहीं है। अपनी खांसी को भी रोके रखता है क्योंकि खांसने से भी सिर दर्द बढ़ जाता है। सिर को पकड़ कर बैठा रहता है ताकि वह हिल न पाते।




Modalities-

  • गर्मी से रोग में कमी आ जाती है।
  • दिन के समय रोग में कमी आ जाती है।
  • ठंडी और खुली हवा से रोग बढ़ जाते हैं।
  • शरीर का कपड़ा न होने से रोग में वृद्धि हो जाती है।
  • खाने और पीने से रोग बढ़ जाते हैं।
  • आधी रात के बाद रोगी की समस्या बढ़ जाती है।
 
Uses – कैपसिकम 30,200 का इस्तेमाल करना चाहिए रोगी की कंडीशन को देखकर पोटेंसी बदल देनी चाहिए। कैपसिकम मदर टिंचर का भी इस्तेमाल करना सही रहता है।
 



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