Cancer : कैंसर के कारण, लक्षण और उपचार | कैंसर क्यों होता है | कैंसर से कैसे बचे

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  कैंसर क्या है ? What is cancer ?

    कैंसर के रोग में एक कठोर गांठ पैदा होती है। यह गांठ चारों ओर फैलना शुरू होती है। पुरानी गांठें और ग्रंथियां कभी-कभी धीरे-धीरे बढ़ने लगती है। यह गांठें जिस अंग में होती हैं वह अंग क्रियाहीन हो जाता है। गांठें बहुत बड़ी हो जाती है और उन पर सूजन आ जाती है। जो कैंसर का रूप ले लेती हैं।

     वर्ल्ड में प्रतिदिन कैंसर का रोग बढ़ता जा रहा है। दो करोड़ से भी अधिक व्यक्ति कैंसर रोग से पीड़ित है प्रतिवर्ष 60 लाख से अधिक व्यक्ति इस रोग के शिकार होते हैं 20 –  25 हजार व्यक्तियों की मृत्यु कैंसर से हो जाती है।

     कैंसर एक गांठें या घाव के समूह का नाम है। वैसे चिकित्सा विभाग में इसे कार्सिनोमा के नाम से पुकारते हैं इसी से मिलते-जुलते एक नाम को सार्कोमा कहते हैं। और इन दोनों को साधारण भाषा में कैंसर के नाम से पुकारते हैं।

   कैंसर के कारण :

  • बुढापे में जब व्यक्ति के शरीर की कोशिकाएं निष्क्रिय होने लगती है तो शरीर के किसी भी अंग में कैंसर होने का भय उत्पन्न हो जाता है।
  • वायरस के संक्रमण और सूर्य के प्रभाव से शरीर की कोशिकाएं कैंसर का रूप धारण कर लेती हैं।
  • कैंसर एक्स-रे की किरणों से भी उत्पन्न हो जाता है।
  • कोयले की खान में काम करने वाले मजदूरों को फेफड़ों का कैंसर हो जाता है।
  • हारमोंस के असंतुलन के कारण खून का कैंसर हो जाता है।
  • कैंसर आनुवंशिक भी हो सकता है।
  • वैज्ञानिकों ने ऐसे अनेक खतरनाक कारणों का पता लगाया है जिसके कारण कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है लगभग 80% मामलों में कैंसर हमारे खाने पीने धूम्रपान की वस्तुएं तथा हमारे पर्यावरण कार्यशील के स्थान के कारण होता है।  इन कारणों से हमेशा बचना चाहिए।
  • रासायनिक पदार्थों के सांस के साथ अंदर जाने या मुंह से निकलने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
  • आप जो कुछ खाते हैं उन से कैंसर होने की संभावना बनी रहती है वैज्ञानिकों की राय है कि अधिक वसा वाले आहार से कैंसर हो सकता है।
  • उन लोगों को कैंसर होने का खतरा अधिक होता है जो अचार और धुएं से तैयार मछली आदि खाते हैं शाकाहारी युक्त संतुलित आहार कैंसर होने का खतरा कम कर देता है।
 
 
आधुनिक कारण –
 
 
       पान मसाला, तंबाकू और जर्दे का शोक आज हमारे देश के उन हिस्सों तक पहुंच गया है। जहां सूरज की रोशनी भी नहीं पहुंच पाती किसी भी पान की दुकान, जनरल स्टोर में इनके पाउच की लटकी हुई कतारें रंग-बिरंगी दिखाई देना आम बात हो गई है। पान मसालों से नर्वस सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है और ह्रदय तथा धमनियां क्षतिग्रस्त हो जाती है। जो लोग इसे गालो या होठों में दबाकर धीरे-धीरे चूसते हैं। उनमें  इससे निकले विषैले पदार्थ कैंसर को जन्म दे सकते हैं। पान मसालों के सेवन से मुंह के अंदर सफेद रंग के चकत्ते उभर आते हैं।
 
 
कैंसर के लक्षण –
 
  • किसी चीज को निगलने में परेशानी होना।
  • पेट का फूल जाना।
  • ऐसे घाव जो जल्दी से न भरते हो।
  • विभिन्न अंगों से खून का निकलना।
  • किसी मस्से में विशेष परिवर्तन होना।
  • आवाज का बैठ जाना।
  • ऐसी खांसी जो अधिक परेशान करती हो।
  • शरीर का बाहर लगातार कम हो जाना।
  • किसी गांठ में दर्द का बढ़ जाना।
  • अचानक शरीर पर ग्रंथियों का सुज जाना।
    इन लक्षणों को देखकर कैंसर नहीं मान लेना चाहिए 2 सप्ताह तक इन लक्षणों के बने रहने पर तब इनकी जांच करानी चाहिए।
 
 
  कैंसर की पहचान :
 
  • यदि कोई चोट, फोड़ा, गांठ, सूजन जो ठीक नहीं हो रही हो।
  • रोगी लगातार कमजोर हो रहा हो और शरीर के भार में भी कमी आ रही हो।
  • कोई अंक अचानक कठोर हो जाए।
  • शरीर पर उपस्थित गांठ का कठोर हो जाना।
  • रोगी को बोलने में परेशानी हो निरंतर खासी हो आवाज भारी हो गई हो।
  • गले में खरखड़ा हट हो और गला बैठ जाए।
  • रोगी को कमजोरी, भूख की कमी, सांस लेने में परेशानी आदि कष्ट हो सकते हैं।
  • पाचन क्रिया की गड़बड़ी हो गई हो।
  • किसी मस्से या तील में कोई परिवर्तन अचानक हो रहा हो।
 
 
कैंसर के बचाव –
 
       कैंसर के बचाव का सर्वोत्तम तरीका उसकी लगातार समय-समय पर जांच करवाना है। यदि कोई खतरा नजर आए तो बिना किसी देरी के विशेषज्ञ से उसका निदान करवाना चाहिए।
 
 
   कैंसर का उपचार –
 
     कैंसर के रोगी को 6 महीने तक आग पर पका हुआ किसी भी प्रकार का भोजन नहीं करवाना चाहिए शुरू के 2 महीने तक रोगी को केवल अंगूर ही खाने चाहिए। उसके बाद अंगूर के साथ फलों का आहार लिया जा सकता है। टमाटर संतरा मौसमी काजू और बादाम भी खाए जा सकते हैं।
 
    जब रोगी अंगूर खा रहा हो उसे पूर्ण आराम करवाना चाहिए दही का प्रयोग नियमित रूप से कराते रहने से कैंसर की संभावना समाप्त हो जाती है। दही का 80% से अधिक भाग शरीर में खप जाता है। कुछ खाद्य पदार्थ ऐसी हैं जो कैंसर को नष्ट करते हैं साबुत दालें, पत्ता गोभी, फूल गोभी, गाजर, मौसमी अन्य सब्जियां व फल में यह गुण होते हैं ।कैंसर वाले रोगी को अधिक से अधिक फल और सब्जियों देनी चाहिए।
 

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     कैंसर के रोगी को चटपटा, तला हुआ, मसालेदार भोजन कभी नहीं कराना चाहिए। सब्जियों को अधिक भुनवाकर भी नहीं खाना चाहिए। इनको खाने से रोग में वृद्धि हो जाती है। रोगी को वसायुक्त भोजन नहीं करवाना चाहिए।

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