ब्लड इन्फेक्शन ( सेप्टिक) क्या है ?What is blood infection
ब्लड इंफेक्शन को सेप्सिस (Sepsis) या सेप्टिसीमिया (septicemia) भी कहा जाता है। यह किसी संक्रमण की वजह से होने वाली एक बेहद हानिकारक स्थिति होती है। सेप्सिस तब होता है जब संक्रमण से निपटने के लिए रक्त में घुलने वाले कैमिकल पूरे शरीर में जलन और सूजन फैलाने लगते हैं। इसके चलते शरीर में कई सारे बदलाव होते है, यहां तक कि शरीर के भीतर मौजूद कई अंग प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है और वह काम करना तक बंद कर देती हैं। अगर ब्लड इंफेक्शन बहुत ज्यादा फैल जाए तो ब्लड प्रेशर कम होने लगता है, शरीर के अंग अपना काम करना बंद कर देते हैं। इस कारण रोगी की मृत्यु भी हो सकती है। ब्लड इंफेक्शन किसी को भी हो सकता है लेकिन यह वृद्ध लोगों और ऐसे व्यक्ति जिनकी प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम हो ऐसे व्यक्तियों में यह जल्द हो जाता है।
ब्लड इंफेक्शन ( सेप्टिक ) के कारण :Causes of blood infection (septic):
सेप्सिस के लिए बैक्टीरियल संक्रमण को सबसे ज्यादा दोषी माना जाता है, लेकिन सेप्सिस अन्य कई संक्रमणों के परिणाम से भी हो सकता है। यह शरीर में कहीं भी हो सकता है, जहां बैक्टीरिया और वायरस होते हैं। इसलिए, यह कभी-कभी किसी छिले हुऐ घुटने या उपत्वचा (त्वचा का उपरी भाग) पर खरोंच आने से फैल सकता है। अपेंडिसाइटिस, निमोनिया, मेनिन्जाइटिस या मूत्र मार्ग में संक्रमण आदि जैसी गंभीर चिकित्सा समस्या से ग्रसित लोगों में भी सेप्सिस के जोखिम काफी बढ़ जाते हैं। अगर आपकी हड्डीयों में संक्रमण है, जिसे अस्थिमज्जा प्रदाह (Osteomyelitis) कहा जाता है, तो वह सेप्सिस का कारण बन सकता है। जो लोग अस्पताल में भर्ती हैं, उनमें कैथेटर, सर्जिकल चीरे, बैक्टीरिया और चमड़ी पर हुए छालों के माध्यम से यह फैल सकता है।
- ऐसे व्यक्ति जिन्हें एचआईवी या एड्स का रोग हो।
- बुजुर्ग लोगों में ब्लड इंफेक्शन अधिक पाया जाता है खासतौर पर जिनका स्वास्थ्य सही नहीं हो।
- अधिक एंटीबायोटिक दवाइयों का इस्तेमाल करने के कारण।
- ऐसे व्यक्ति जो ऐसी दवाइयां ले रहे हैं जिससे प्रतिरोधक क्षमता दब जाती है।
- डायबिटीज रोग हो जाने के कारण।
- जिन्हें कैंसर है उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
- ऐसे व्यक्ति जिनकी हाल फिलहाल में सर्जरी हुई हो।
- शरीर के तापमान में लगातार बदलाव होना।
- दिल 1 मिनट में 90 से अधिक बार धड़कन।
- सांस लेने की दर 1 मिनट में 20 से अधिक होना।
- अनियमित दिल की धड़कन हो ना।
- किसी तरह का संक्रमण हो जाना।
- रोगी को सांस लेने में कठिनाई होती है।
- मानसिक स्थिति में लगातार बदलाव आते हैं।
- दिल का अनियमित रूप से पंपिंग करना।
- प्लेटलेट की संख्या में कमी हो जाना।
- पेशाब कम मात्रा में आना।
- पेट में दर्द की शिकायत रहना।
- सेप्सिस ज्यादातर अस्पताल में भर्ती हुऐ लोगों को ही होता है। जो लोग इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) में होते हैं, वे सेप्सिस के प्रति और अधिक संवेदनशील होते हैं और सेप्सिस के शिकार हो जाते हैं।
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