Syphilis ( उपदंश ) कारण और लक्षण – लिंग पर फुंसिया और घाव का इलाज

 

Syphilis ( उपदंश ) क्या है ? कारण, लक्षण और इलाज।


Syphilis ( उपदंश ) क्या है ? कारण, लक्षण और इलाज


Syphilis ( उपदंश ) क्या है ?


  किसी उपदंशग्रस्त पुरुष या पति के साथ संभोग करने से स्त्री इस रोग से ग्रस्त हो जाती है। यह जननांग सम्बन्धी रोग है। इसके अतिरिक्त माता-पिता के उपदंशग्रस्त होने से भी सन्तान इस रोग से ग्रस्त हो जाती है।


Syphilis ( उपदंश ) के कारण :


 उपदंश ग्रस्त पुरुष के साथ संभोग, चुम्बन, झूठा या झूठे बर्तन में खाना खाने, रोगग्रस्त व्यक्ति को बीड़ी सिगरेट आदि को पीना, रोगी या रोगिणी के वस्त्रों को धारण करना आदि मुख्य कारण है।


Syphilis ( उपदंश ) के लक्षण :


 संक्रमित पुरुष के साथ संभोग के 2-4 दिन के बाद लक्षण प्रकट होते हैं। प्रारम्भ में गुप्तांग पर एक फुंसी निकल आती है जो बाद में बड़े घाव का रूप ले लेती है। पीप आती है, ज्वर रहने लगता है। रोगिणी शरीर में थरथराहट अनुभव करती है।

  शारीरिक पीडा, जोड़ों में दर्द आदि रहने लगता है। कुछ रोगिणियों में योनि पर घाव के अतिरिक्त अन्य कोई लक्षण नहीं होता है। रोग पुराना होने पर संधियों में सूजन, नेत्रों में पीड़ा और कई प्रकार के चर्म रोग हो जाते हैं। समय पर चिकित्सा व्यवस्था नहीं होने से यक्ष्मा, गठिया, गले के घाव, नाक के घाव, मेरुमज्जा शोध, मिरगी, कैन्सर, स्नायु दुर्बलता, पक्षाघात कुष्ठ आदि रोगों में से कोई भी रोग हो सकता है।


Syphilis ( उपदंश ) के घरेलू उपाय :


1 चोपचीनी चूर्ण-5-6 ग्राम नित्य सुबह-शाम दें।


2 सासांपरिला चूर्ण-1 से 3 ग्राम सुबह-शाम दें।


Syphilis ( उपदंश ) की होम्योपैथिक दवा 


एसिड नाइट्रिक (Acid Nit.) IM-प्रति सप्ताह बार दें। 2 मर्क सॉल (Merc Sol) 6 प्रति मात्रा 2-2 बूँद थोड़े जल बार दें।


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