Stye : गुहेरी ( आंख की पलकों पर फुंसी ) के कारण, लक्षण और बचाव

 गुहेरी क्या है ?What is Stye ?

गुहेरी को आंख में फुंसी या अन्य कई नामों से पहचाना जाता है। यह लाल रंग की एक छोटी सी गांठ होती है, जो पलकों पर या उनके नीचे विकसित होती है। यह काफी पीड़ादायक होती है। ज्यादातर गुहेरी पलकों के किनारे पर विकसित होती है। यह पलक पर एक तेल ग्रंथि में बैक्टीरियल संक्रमण के कारण बनती है, ये बैक्टीरिया सामान्य रूप से आंखों की त्वचा के लिए हानिकारक नहीं होता है।  लेकिन कई बार यह पलकों की त्वचा पर मृत कोशिकाओं के साथ फंस जाते है।




 

आंख में फुंसी होना काफी दर्दनाक और परेशान कर देने वाली स्थिति है, लेकिन बहुत कम मामलों में इससे कोई गंभीर स्थिति उत्पन्न होती है। अमूमन ये अपने आप ही ठीक हो जाती है। आम तौर पर गुहेरी एक ही आंख पर होती है, लेकिन कुछ मामलों में यह दोनों आंखों में भी हो जाती है, और कई बार एक आंख पर एक से ज्यादा फुंसियां भी निकल जाती है। जब आंख में गुहेरी विकसित हो जाती है, तो पूरी आंख लाल हो जाती है, और उसे हाथ लगाने से दर्द भी होती है। इस दौरान आंख में दर्द व खुजली भी महसूस हो सकती है। गौरतलब है कि गुहेरी के कारण अक्सर देखने की क्षमता में कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।




 

गुहेरी के कारण : causes of stye :

आंख में गुहेरी होने के लिए स्टैफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus) बैक्टीरिया मुख्य रूप से जिम्मेदार है।

स्टैफिलोकोकल बैक्टीरिया सामान्य रूप से त्वचा पर रहता है और कोई हानि नहीं पहुंचाता, लेकिन त्वचा के क्षतिग्रस्त होने पर यह जीवाणु संक्रमण का कारण बन सकता है।

नाक से निकलने वाले तरल को छूने के बाद आंख को रगड़ने से स्टैफिलोकोकल बैक्टीरिया पलक तक जा सकता है, जिससे गुहेरी की समस्या हो सकती है।

सेबेशियस ग्रंथि के बंद होने पर भी गुहेरी जैसी दिखने वाली फुंसी पलकों पर हो सकती हैं।

सेबेशियस ग्रंथि बालों की जड़ (हेयर फॉलिकल्स) के आसपास पाई जाती हैं और सीबम नामक तैलीय पदार्थ का निर्माण करती है। सेबेशियस ग्रंथि के बंद होने पर सीबम का सामान्य बहाव नहीं हो पाता और ये त्वचा पर एकत्रित हो जाता है। त्वचा पर एकत्रित सीबम गुहेरी जैसी समस्या का कारण बना सकता है




 

बैक्टीरिया ,म्रत कोशिकाओं और अन्य मलबे को खाने लगते हैं जिससे,आँखों की पलक पर लाल रंग की गाँठ बन जाती है ये बैक्टीरिया आम तौर पर कोई हानि नहीं पहुँचाता लेकिन ,त्वचा के क्षतिग्रस्त होने पर यह जीवाणु संक्रमण का कारण बन सकता है।

नाक से निकलने वाले तरल को छूने के बाद आँख को रगड़ने से सटेफिलोकोकल बैक्टीरिया पलक तक जा सकता है,जिससे गुहेरी की समस्या हो सकती है।

सिबैशियस ग्रंथि के बंद होने पर भी गुहेरी जैसी दिखने वाली फुंसी,पलकों पर हो सकती है.

सिबैशियस ग्रंथि,बालों की जड़( हेयर फौलक़लस) के आसपास पाई जाती है और सीबम नामक तैलीय पदार्थ का निर्माण करती है..सिबैशियस ग्रंथि के बंद होने पर सीबम का सामान्य बहाव नहीं हो पाता और ये त्वचा पर एकत्रित होता जाता है.त्वचा पर एकत्रित सीबम ,गुहेरी जैसी समस्या की कारण बन सकता है।

इसके अतिरिक्त आँखों की पर्याप्त सफ़ाई न करना,गंदे नैपकिन ,या टोवेल इस्तेमाल करना, ड्राईआई मेकअप को ढंग से  न हटाना,कांटैक्ट लेसेंस की ढंग से सफ़ाई न करना और सही तरह से इन लेंज़ेज़ का इस्तेमाल,न करना,आँखों में लगातार ड्रायनेस के कारण भी गुहेरी की समस्या आपको परेशान कर सकती है।




 

पुराने या एक्सपायर्ड कोसमेटिक्स प्रॉडक्ट्स इस्तेमाल करने पर भी स्टाई की समस्या हो जाती है।

तनाव,और होर्मोनल परिवर्तन,से ग्रंथियों से तेल का स्त्राव बढ़ जाता है,जिससे गुहेरी निकलने लगती हैं।

पोषण और नींद की कमी.समुचित मात्रा में पोषक तत्व न मिलने के कारण आपकी इम्यूनिटी कम हो जाती है,और आपको फुंसियाँ निकलनी शुरू हो जाती हैं।

गर्मी और आर्द्रता भी गुहेरी निकलने का मुख्य कारण हो सकते हैं.इन दोनो ही कारणो से पसीना ज़्यादा निकलता है,जिससे आपकी त्वचा किसी भी समय संक्रमित हो सकती है.और आँख में फुंसी निकल सकती है।

संक्रमित व्यक्ति के ,कपड़े,तौलिए ,इस्तेमाल करने या उस के नज़दीक रहने से भी गुहेरी निकल सकती हैं।




 

गोहरी के लक्षण : symptoms of stye :

पलक पर एक कोमल गांठ या फुंसी दिखाई देती है.

जिसमें दर्द, जलन और खुजली का अहसास हो सकता है।

गांठ बड़ी हो जाती है.

तो इसमें सफेद या पीले रंग का पदार्थ नजर आ सकता है.

जिसे आम भाषा में मवाद कहा जाता है।

गुहेरी पलकों के किनारे पर निकलती है.

जहां बाल उगते हैं।

गुहेरी निकलने पर आंख में कुछ गिरने का अहसास हो सकता है.

क्योंकि पलक पर सूजन होने से वह आंख की सतह को छू सकती है।

पलक पर सूजन होने के कारण आंख से पानी भी आ सकता है।




 

गुहेरी से बचाव : Avoidance of stye :

आंख को छूने से पहले हाथ साबुन, गरम पानी या एल्कोहॉल बेस्ड सैनिटाइजर से धोएं। अपने हाथों को आंखों से दूर रखें।

कॉस्मेटिक के इस्तेमाल के दौरान सावधानी बरतें इससे आई इंफेक्शन बार-बार नहीं होगा। अपना ब्यूटी प्रोडक्ट दूसरों के साथ शेयर न करें और न ही मेकअप लगाकर रात को सोएं।

यह सुनिश्चित करें कि आपका कॉन्टेक्ट लेंस बिल्कुल साफ है। लेंस लगाने से पहले भी हाथों को अच्छी तरह धोएं

यदि आपको पहले भी स्टाइ हो चुका है तो आंखों को गर्म पानी से नियमित रूप से सेकें ऐसा करने से स्टाइ दोबारा नहीं होता है।

ब्लेफेराइटिस मैनेजमेंट – यदि आपको ब्लेफेरइटिस है तो आंखों की देखभाल के लिए डॉक्टर के दिए दिशा-निर्देशों का पालन करें

आंखों के संक्रमण का मुख्य कारण है गंदगी, इसलिए बाहर जाते समय गॉगल अवश्य पहनें।




 

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