Neck pain : गर्दन में दर्द के कारण और लक्षण

 गर्दन में दर्द क्या है ?What is neck pain ?

     गर्दन में दर्द होना एक आम समस्या होती है। आम तौर से किसी खराब मुद्रा के कारण गर्दन की मांसपेशियों में  तनाव पैदा हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, कंप्यूटर पर काम करते समय स्क्रीन की तरफ झुकना हो, मोबाइल में अधिक देर तक झुक कर देखना हो, सोते समय ज़्यादा ऊंचा तकिया इस्तेमाल करना आदि। कुछ मेडिकल कारणों से भी गर्दन में दर्द हो सकता है, जैसे गठिया।

ज्यादातर मामलों में गर्दन का दर्द कोई गंभीर चिकित्सीय स्थिति नहीं होता है, और कुछ ही दिनों में इससे राहत मिलने लगती है। लेकिन कुछ मामलों में, गर्दन का दर्द एक गंभीर चोट या बीमारी का संकेत हो सकता है, जिसे डॉक्टरी देखभाल की जरूरत होती है। अगर आपको एक हफ्ते से ज्यादा समय से गर्दन दर्द हो रहा है, जो गंभीर है, या उसके साथ अन्य लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।




 

बहुत ही कम मामलों में गर्दन का दर्द किसी बड़ी या गंभीर समस्या का कारण बनता है। यदि आपको गर्दन दर्द के साथ सुन्नता महसूस हो रही है, या बाजू व हाथ की ताकत में कमी महसूस हो रही है, तो डॉक्टर द्वारा जांच जरूरी है। यदि आपको कंधे या बाजू में तीव्र दर्द महसूस हो रहा है, तो भी डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।

गर्दन में दर्द के कारण :Causes of neck pain:

गर्दन को गलत मुद्रा में रखना- गर्दन में दर्द का प्रमुख कारण गर्दन को गलत मुद्रा में रखना है।

ऐसा मुख्य रूप से मोबाइल फोन, लैपटॉप, लेटने, खाने इत्यादि की स्थितियों में होता है।

गलत तरीके से सोना- यदि कोई व्यक्ति गलत तरीके में सोता है, तो उसे गर्दन में दर्द की समस्या होने की संभावना काफी ज्यादा रहती है।

चोट लगना– अक्सर, चोट लगना भी गर्दन दर्द की वजह बन सकता है।

ऐसा मुख्य रूप से स्पोर्ट्स इंजरी या फिर अन्य गतिविधियों को करते समय चोट लगने पर होता है।

हड्डियों का कमज़ोर होना- यदि किसी शख्स के शरीर की हड्डियाँ काफी कमज़ोर हैं, तो उसे गर्दन में दर्द जैसी समस्या हो सकती है।

किसी तरह की बीमारी से पीड़ित होना- कई बार, अर्थराइटिस जैसी बीमारियाँ भी गर्दन में चोट का कारण बन सकती हैं।

ऐसी स्थिति में इन बीमारियों से पीड़ित लोगों को अपना इलाज सही तरीके से कराना चाहिए ताकि उन्हें किसी और समस्याओं से न गुजरना पड़े।




गर्दन में दर्द के लक्षण :Symptoms of neck pain:

  • गर्दन की मांसपेशियां में कड़ापन हो जाना और उनमें खिंचाव आना।
  • ’गर्दन में दर्द होना।
  • ’दर्द तब और बढ़ जाता है, जब गर्दन को लंबे समय तक एक ही स्थिति में होल्ड कर के रखें। जैसे ड्रार्इंवग या कंप्यूटर पर काम करना आदि।  
  • ’हाथों, पैरों और पंजों में झुनझुनी, सुन्नपन या कमजोरी महसूस होना।
  • ’सिर के पिछले भाग और कंधों में दर्द होना।
  • ’शरीर का संतुलन बनाने और चलने में परेशानी होना।
  • ’मांसपेशियों में ऐंठन।
  • ’ब्लैडर और बाउल पर नियंत्रण न रह पाना। 




 

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