Natrum Phosphoricum के फायदे in hindi | Natrum Phosphoricum 6x Symptoms and Uses in hindi
Natrum Phosphoricum Symptoms and Uses in hindi
हमारे शरीर में लैक्टिक एसिड हमेशा उपस्थित रहता है। नैट्रम फॉस्फोरिकम लैक्टिक एसिड के साथ क्रिया करके लैक्टिक एसिड को कार्बनिक एसिड और पानी में बदल देता है। नैट्रम फॉस्फोरिकम कार्बनिक एसिड को फेफड़ों तक पहुँचाता है। जहाँ ऑक्सीजन उससे उपयोगी अंश लेकर निरुपयोगी कार्बनिक एसिड बाहर निकाल देती है। इस तरह लैक्टिक एसिड की अधिकता के कारण पैदा होने वाली बीमारियों से हमारा बचाव होता है। लैक्टिक एसिड की अधिकता से होने वाली बीमारियों से नैट्रम फॉस्फोरिकम हमें बचाता है। नैट्रम फॉस्फोरिकम शरीर में सही अनुपात में होने से पीलिया, लिवर का दर्द, पित्त वाला सिर दर्द आदि नहीं होता।
किसी कारण से यदि शरीर में नैट्रम फॉस्फोरिकम की कमी हो जाती है तो लैक्टिक एसिड शरीर के बाहर न निकलने से शरीर में एसिडिटी बढ़ जाती है, जिसकी वजह से बदहजमी होकर खट्टी डकारें, खट्टी उल्टियाँ, मुँह में खट्टा पानी आना, पेट और सीने में जलन, पेट दर्द, पीले हरे रंग के दस्त होने लगते हैं।
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मनुष्य के शरीर में लीवर एक ऐसी प्रयोगशाला है जहाँ पर खून को फिर से साफ कर नया बनाने, चीनी तैयार करना और यूरिक एसिड को किडनी के रास्ते से बाहर निकालने का काम होता है। लेकिन शरीर में नैट्रम फॉस्फोरिकम की कमी हो जाने से लीवर में यह काम नहीं हो पाते। यूरिक एसिड शरीर के बाहर फेंका न जाने से वह शरीर के जोड़ों में जमा हो जाता है, जिससे वात दर्द पैदा होते हैं।
शरीर में नैट्रम फॉस्फोरिकम की कमी हो जाने से खट्टी उल्टियाँ, सब प्रकार के कीड़े, कीड़ों के कारण की बीमारी, नाईट फॉल, कीड़ों की वजह से बच्चों का बिस्तर में पेशाब कर देना, बार बार पेशाब होना, पेशाब न होना, पेशाब करते समय जलन, आँखोंकी सूजन, आँखों से पीला गाढ़ा कीचड़ निकलना, अत्यधिक हस्तमैथुन या सेक्स के कारण हाथ पैर कमर की कमजोरी, कान में कई तरह की आवाजें सुनाई देना, कान के अंदर और बाहर सूई चुभने जैसा दर्द, अनियमित पीरियड, लिकोरिया, मसूढ़ों से खून निकलना,दाँत खोखले हो जाना, खट्टी गंध वाले दस्त, गुर्दे में पथरी, पित्त पथरी आदि बीमारियाँ हो जाती है।
अब बात करते हैं नैट्रम फॉस्फोरिकम के जनरल सिम्टम्स के बारे में,
जीभ के पिछले हिस्से पर गाढ़ा, पीला, मलाई जैसा सुनहरा लेप इस दवा विशेष लक्षण है।
सभी पदार्थ पीले रंग की मलाई जैसे होते हैं।
शरीर पर कहीं भी जख्म हो जाने पर इस पर जो पपड़ी जमती है वह भी सुनहरे रंग की होती है। नाक से पीले रंग की रेंट निकलती है। कान से गाढ़ी- पीली पीप निकलती है। आँखों में गाढ़ी पीली कीचड़ रहती है। सभी बीमारियों में मुंह में पानी आता है।
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खट्टी डकारें आती है, खट्टी उल्टी आदि लक्षण रहते हैं। रोगी के पसीने से भी खट्टी गंध आती है। मल- मूत्र से भी खट्टी गंध आती है। बच्चे के शरीर से खट्टी गंध आती है।
रोगी भूखा नहीं रह सकता। कुछ खा लेने से कई तकलीफों में आराम आ जाता है। रोगी की खट्टी वस्तुएँ रोटी, घी मक्खन और ब्रेड, वसा और वसायुक्त वस्तुएँ मांस, दूध अच्छे नहीं लगते। शराब, बियर, तली हुई मछली, ठंडे पदार्थ, अंडा चटपटी मसालेदार भोजन अच्छा लगता है। महिलाओं की तकलीफें पीरियड के पहले पीरियड के दौरान, और पीरियड के बाद बढ़ जाती है।
सेक्स के बाद अनेक तकलीफें शुरू हो जाती हैं।
बच्चों को बोतल से दूध पिलाने, चॉकलेट, मिठाई आदि बहुत अधिक खाने से, कब्ज या दस्त, पेट दर्द, दाँतों में कीड़ा लगना, पेट में कीड़े हो जाना, कीड़ों के कारण बिस्तर में पेशाब हो जाना, नींद में दाँत किटकिटाना, भेंगापन आदि शिकायतें शुरु हो जाती हैं। बच्चे दिन प्रतिदिन सूखते जाते हैं।
खुली हवा में रोगी की तकलीफें बढ़ जाती हैं। बादलों की गरज के दौरान रोग की तकलीफें बढ़ती है। बच्चों में फोड़े होने की प्रवृत्ति, उल्टी और मल में खट्टी गंध नैट्रम फॉस्फोरिकम से ठीक होती है।
अब बात करते हैं नैट्रम फॉस्फोरिकम के मेंटल सिम्टम्स के बारे में,
रोगी का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। मामूली सी बात पर चिढ़ जाता है। शोर शराबा बिल्कुल सहन नहीं होता। घर के अन्य सदस्य रेडियो सुन रहे हों या टी वी देख रहे हो तो आवाज सहन न होने से नैट्रम फॉस्फोरिकम का रोगी रेडियो, टी वी बंद करवा देता है। रोगी बहुत जल्द घबरा जाता है। उसे लगता है कि कोई दुर्घटना होने वाली है। रात में जागने पर सोचता है कि घर की चीजें कोई आदमी है. दूसरे कमरे में कोई घूम-फिर रहा है।
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दिमाग थका थका सा रहता है। याददाश्त बहुत घट जाती है। नाईट फॉल हो जाने के बाद बहुत उदास हो जाता है।
डॉक्टर शुस्लर ने 6 एक्स शक्ति देने का सुझाव दिया है, लेकिन 3 एक्स शक्ति का ज्यादा प्रयोग होता है। पाचन क्रिया को ठीक करने के लिए 3 एक्स शक्ति अधिक प्रभावशाली है। अधिक शक्तियों का प्रयोग भी सफलता पूर्वक हुआ है। दोस्तों नैट्रम फॉस्फोरिकम एक बेस्ट होम्योपैथिक मेडिसिन है।
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