Magnesium Phosphoricum शरीर में ऐंठन और दर्द की रामबाण दवा | Magnesium Phosphoricum Symptoms and uses in hindi
Magnesium Phosphoricum Symptoms and Uses in hindi
जब तक शरीर में मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम की उचित मात्रा रहती है तब तक मसल्स और टिसू अपना काम ठीक तरह से करते रहते हैं। लेकिन जब शरीर में मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम की कमी हो जाती है तो सफेद फाइबर सिकुड़ जाते हैं, जिससे शरीर में कई तरह की बीमारियाँ ऐंठन, खिचाव, दर्द, लकवा आदि पैदा हो जाती है। ऐंठन, खिंचाव जैसी बीमारियाँ मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम की कमी प्रदर्शित करने का शरीर का तरीका है और जहाँ मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम की कमी हुई है उस जगह को वह ऐंठन से दिखा देती है।
मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम और कैलकेरिया फास्फोरिकम की क्रिया में बहुत समानता है। इसीलिए जब शरीर में मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम की कमी हो जाती है तो प्रकृति कैलकेरिया फास्फोरिकम से कुछ अंश लेकर उस कमी को पूरा करती है। यही कारण है कि मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम के लक्षण रहते हुए भी जब किसी बीमारी में मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम से फायदा नहीं होता तो कैल्केरिया फास्फोरिका देने से फायदा होता है इसका कारण यह है कि मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम की कमी को कैल्केरिया फास्फोरिका पूरा कर चुका होता है। मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम की कमी हो जाने से पैदा हुई बीमारी कैल्केरिया फास्फोरिका देने से ठीक हो जाती है।
दोस्तों अब बात करते हैं मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम के जनरल सिम्टम्स के बारे में,
ठंडे पानी में काम करने से पैदा हुई बीमारियों में मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम लाभ पहुँचाती है।
ऐंठन मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम का प्रमुख लक्षण है। नसों के दर्द की यह सर्वोत्तम दवा है। रोगी को दर्द ऐसा होता है जैसे किसी ने काट दिया हो, शरीर के टुकड़े कर देने वाला दर्द होता है, चाकू, छुरी भोंकने वाला दर्द होता है ऐसा लगता है जैसे किसी ने गोली मार दी हो, शरीर पर सुइयाँ चूभती हैं इन सभी प्रकार के दर्द में मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम बहुत अच्छा काम करती है।
दर्द जलन वाले नहीं होते, दर्द के साथ सिकुड़न या खिचाव रहता है।
दर्द बिजली की तरह अचानक आते हैं और फिर अचानक ही चले जाते हैं। सभी तरह के दर्द गर्म सैक से मालिश से दबाने से दर्द वाली जगह को दबाक लेटे रहने से कम होते हैं और ठंड से बढ़ते हैं। पेट दर्द आगे की तरफ झुकने से, हाथ से दबाने से, गर्म सेक से कम होते हैं।
अधिकांश दर्द जगह बदलते रहते हैं।
अधिकांश तकलीफें दाहिनी तरफ होती है। मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम के साथ कैलकेरिया फास्फोरिकम का विशेष सम्बन्ध है। कई बार ऐसा होता है कि मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम से पूरा आराम नहीं आता। पूरा आराम देने के लिए कैलकेरिया फास्फोरिकम देनी पड़ती है। इसीलिए कहा जाता है कि मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम का ‘क्रॉनिक’ कैलकेरिया फास्फोरिकम है। कैल्केरिया फास्फोरिका के लक्षण होने पर जब कैल्केरिया फास्फोरिका से पूरा आराम नहीं आता मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम देने से आ जाता है। ये दोनों दवाएँ एक-दूसरे की पूरक हैं। दोस्तों अगर आप कैलकेरिया फास्फोरिकम के बारे में जानकारी लेना चाहते हैं तो लिंक आपको नीचे डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगी वहां से वीडियो को देख ले।
अब बात करते हैं मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम के मेंटल सिम्टम्स के बारे में,
मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम का रोगी हर समय अपनी बीमारी के बारे में बातें किया करता है। रोता रहता है। मानसिक काम नहीं करना चाहता। जब भी पढ़ने की कोशिश करता है उसे नींद आने लगती है। किसी भी चीज के बारे में विचार करने की शक्ति कम हो जाती है। स्वयं बातें करता रहता है या चुपचाप बैठा रहता है। सिर दर्द के समय चिड़चिड़ा हो जाता है। ऐंठन के समय रोता है। इस प्रकार के मानसिक लक्षणों में मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम का विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है। सभी बीमारियों के लक्षण ठंडी हवा, ठंडे पानी, खुली हवा, मामूली स्पर्श और कमर के बल लेटने से बढ़ते हैं।
गर्म सेक, मालिश करने, दबाने और सामने की तरफ झुके रहने से सभी तकलीफों में आराम मिलता है। पेट दर्द में टहलने से आराम आता है।
मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम 3 एक्स और 6 एक्स शक्ति प्रयोग की जाती है। इन शक्तियों से आराम न आने पर 12 एक्स, 30 एक्स और 200 एक्स शक्ति दी जाती हैं। दर्द में शुरुआत में कम शक्ति का ही प्रयोग करना चाहिए। मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम एक बेस्ट होम्योपैथिक मेडिसिन है।
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