Colitis ! बड़ी आंत की सूजन, कोलाइटिस के कारण और लक्षण, colitis in Hindi

 कोलाइटिस क्या है ?What is colitis ?

इस रोग में बड़ी आंत में सूजन आ जाती है । नाभि के चारो और दर्द होता है, खाने की कोई इच्छा नहीं होती, हल्का बुखार रहता है, पेट में अफारा पतले हरे दस्त आते हैं, दस्तों में से बदबू आती है, दस्त के साथ ऑव तथा रक्त बहता है। बहुत अधिक कमजोरी हो जाती है। पेट में दर्द आदि लक्षण पैदा हो  सकते हैं। 

कोलाइटिस के कारण :Causes of colitis:

  • शारीरिक परिश्रम एवं व्यायाम के अभाव से।
  • एक स्थान पर अधिक समय बैठना।
  • रात में देर से सोना।
  • पेट और आंतों की कार्यप्रणाली में उत्पन्न दोष।
  • अत्यधिक ठंडी अथवा गरम वस्तुओं का अधिक सेवन करना।
  • तेज मिर्ची – मसालेदार भोजन का अधिक सेवन करना।
  • खट्टे ,मीठे, चटपटे, गरिष्ठ, जल्दी ने पचने वाले खाद्य पदार्थों क अधिक सेवन करना।
  • पेट में ऑव पड़ जाने पर भी कोलाइटिस की समस्या हो सकती है।
  • पेट में मल बढ जाने पर भी कोलाइटिस होता है।
  • पुराना कब्ज।
  • बार-बार लौट आने वाली पेचिश।
  • चिंता, क्रोध मानसिक विकारों से।
कोलाइटिस  से बच्चे युवक तथा वृद्ध कोई भी पीड़ित हो सकता है। कोलाइटिस के कुछ रोगी अत्यधिक कमजोरी, खून की कमी, तेज बुखार, नाड़ी की गति तेज व लो ब्लड प्रेशर की शिकायत भी करते हैं।
यह जानना जरूरी है कि कोलाइटिस या बड़ी आंत की सूजन कई प्रकार की होती है,जिसके कारण लक्षण व उपचार भिन्न-भन्न होते हैं जैसे-
अमीबा जनित कोलाइटिस, बैक्टीरिया से कोलाइटिस, अल्सरेटिव कोलाइटिस, टीवी से कोलाइटिस इत्यादि।। कुछ दवाइयों से भी कोलाइटिस हो जाती हैं।
 
 कोलाइटिस के लक्षण : Symptoms of Colitis :
 
 
इस प्रकार की कोलाइटिस में अधिकांश रोगी पतले दस्त होने की शिकायत करते हैं जो मुख्यतः प्रातः काल के समय होते हैं। दिन में बाकी समय में रोगी स्वस्थ महसूस करता है। रात में दस्त कभी नहीं लगते। मल के साथ अत्यधिक मात्रा मे ऑव निकलना मुख्य शिकायत होती है पतले दस्तों का यह सिलसिला कई हफ्तों या महीनों तक चलता है और कुछ समय के लिए बंद होकर फिर शुरू हो जाता है। बहुत से रोगी बताते हैं कि पहले एक बार उनको डिसेंट्री हो गई थी उसके बाद से यह रोग बन गया है। कुछ रोगी दस्तों के स्थान पर कब्ज रहने अथवा कभी कब्ज और कभी पतले दस्त होने की शिकायत करते हैं कुछ रोगी खाना खाते ही मल त्यागने की इच्छा बताते हैं।
पेट दर्द, पेट फूलना, पेट में भारीपन, छाती में जलन होना, कमर दर्द, सिर दर्द, कमजोरी, घबराहट आदि रोग बतलाते हैं।पेट फूला – फूला नजर आता है  जीभ पर सफेद परत भी जमी दिखाई देती है।
इस बीमारी के बहूत से रोगी बताते हैं कि उनको यह लक्षण प्राय कई – कई वर्ष से होते हैं लेकिन लंबे समय तक रोगगृस्त रहने के बावजूद उनके स्वास्थ्य में गिरावट देखने को नहीं मिलती यह जानना जरूरी है कि इस प्रकार की कोलाइटिस में मल के साथ खून नहीं आता और यदि ऐसा है तो कोई अन्य रोग की आशंका रहती है ।
रोगी का मल ढीला कच्चा और दुर्गन्धित होता है।
मल त्याग के समय पेट में दर्द होता है।रोगी का वजन तेजी से कम होने लगता है यदि रोग लंबे समय तक बना रहे तो रोगी के शरीर से उसके वजन में आई कमी का पता चल जाता है।
भूख कम हो जाती है खाने की रूचि नहीं रहती , जो कुछ खाया जाता है उसका पाचन नहीं होता। रोगी लगातार कमजोरी का अनुभव करता है। कब्जियत बनी रहती है, जिससे रोगी जुलाब लेने के लिए प्रेरित होता है।
कोलाइटिस की सबसे अच्छी औषधि:
 

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