सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार होने के कारण और लक्षण: मौसम बदलने पर होने वाली बीमारियां

कोई भी मौसम हो कोई भी स्थान खांसी जुखाम कभी भी और कहीं भी किसी को भी हो सकता है। यह रोग संक्रामक है और इसी कारण व्यक्ति इसका शिकार होता है। बहुत कम लोग ऐसे मिलेंगे जिन्हें साल में बहुत कम जुखाम का रोग होता है। अनेक लोगों जो जुकाम से पीड़ित रहते हैं यदि जुखाम के मूल कारणों को दूर किए बिना दवाई लेने  का प्रयास भी करते हैं तो उन्हें कुछ समय के लिए तो रात मिल जाती है किंतु जुखाम के मूल कारणों के बने रहने से यह रोग उन्हें अधिक कष्टदायक होकर लौट आता है। 




     सर्दी जुकाम के कारण : Causes of colds:

     बाईसा के जल में भीगना ठंड लगना कड़ी धूप में घूमना देर रात तक जागना आदि कारणों से जुखाम हो जाता है आजकल दुआ तथा धूल निशित भाइयों में अधिक रहना पड़ता है इसलिए स्वच्छ वायु के अभाव में यह रोग उत्पन्न होता है जुखाम एक संक्रामक रोग है। अधिक समय तक ठंडे वातावरण या ठंडे कमरों में देर तक बैठने या काम करने से भी जुकाम रहने लगता है। 

  • ठंडे पेय पदार्थों का अधिक सेवन करने से। 
  • भीगे कपड़े देर तक पहने रहने से।
  • पानी के संपर्क में अधिक काम करने से।
  • ठंडे फर्श में नंगे पैर रहने के कारण।
  • सर्दी में बिना कान ढके यात्रा करना।
  • देर तक पानी में तैरना।
  • रात को देर से सोना।
  • धूल और धुएं की एलर्जी से जुकाम होना आजकल एक आम शिकायत है।
  • बैक्टीरिया या वायरस व्यक्ति पर तभी हमला करते हैं जब व्यक्ति के अंदर रोग प्रतिरोधक शक्ति की कमी होती है।
  • पेट की बीमारियों के कारण।
  • लंबे समय तक धूप में रहने के कारण।




 
सर्दी जुकाम के लक्षण : Symptoms of a cold:
 
    जब यह रोग पुराना होता जाता है तो शरीर के अंगों जैसे गर्दन और छाती में दर्द की शिकायत होने लगती है। रोगी जिस करवट रात को सोता है। उसी तरह की नाक का छेद बंद हो जाता है। नाक बंद हो जाने पर रोगी मुंह से सांस लेने लगता है। सांस ठीक से ने आने पर रोगी हड़बड़ाहट कर उठ जाता है। रात को ठीक तरह से नींद नहीं आती है। पुराने जुखाम में नाक की भीतरी झिल्ली में सूजन आ जाती है। कमजोरी का अभाव होने लगता है। रोगी को कुछ भी नहीं सुहाता है। उसे भोजन के प्रति अरुचि हो जाती है। खाने में स्वाद नहीं मिलता है। सांस लेने में और खांसी के दौरान लोगों को परेशानी होती है। रोगी की भूख मर जाती है। पाचन क्रिया गड़बड़ा जाती है। जुखाम से पहले रोगी को कब्ज की शिकायत रहती है। नाक लाल हो जाती है और उसमें दर्द भी होने लगता है। 



   
  • जुकाम होने पर बेचैनी बनी रहती है।      
  • सारे शरीर में दर्द रहता है।
  • रोगी को सुस्ती बनी रहती है।
  • नाक और आंखों से पानी बहता रहता है।
  • छिंके आती रहती हैं।
  • सिर में दर्द और सिर में भारीपन बना रहता है।
  • सूखी खांसी आती है।
  • गले में दर्द रहता है।
  • प्यास अधिक लगती है।
  • सूंघने की शक्ति कम हो जाती है।
  • हल्का हल्का बुखार बना रहता है।
  • इस रोग में नाक में सुरसुराहट तथा जलन महसूस होती है




Leave a Comment