Calcarea Carbonica 30 Symptoms uses and Banefit in hindi

Calcarea Carbonica 30 Symptoms uses and Banefit in hindi




इस मेडिसन के रोगी की विशेषता यह है कि रोगी को बहुत अधिक सर्दी लगती है शरीर ठंडा रहता है लेकिन सोते समय पसीने से उसका तकिया गीला हो जाता है ठंडे कमरे में भी रोगी को पसीना आता है ठंड में तो पसीना नहीं आना चाहिए परंतु ठंड में भी उसे पसीना आता है इस औषधि का एक अद्भुत लक्षण यह है पैर बहुत ठंडे रहते हैं ऐसा लगता है जैसे बर्फ के मौजे पहन रखे हैं। इस मेडिसन के रोगी को ठंड शरीर के विभिन्न हिस्सों में महसूस होती है कभी सिर्फ ठंडा रहता है कभी पैर ठंडे रहते हैं कभी पेट ठंडा रहता है तो कभी जांघें भी ठंडी रहती है जब रोगी बिस्तर में होता है पैर तो उसके ठंडे रहते हैं लेकिन कुछ समय बाद पैरों में जलन होने लगती है।




बच्चों के शरीर का सही तरह से विकास नहीं होता है शरीर में टेढ़ापन आ जाता है शरीर के किसी भी अंग की हड्डी टेढ़ी हो जाती है पतली हो जाती है और कमजोर दिखाई देने लगती है हड्डियां बहुत कोमल रहती हैं और शरीर का विकास बहुत धीरे-धीरे होता है पैर बहुत पतले रहते हैं रीढ़ की हड्डी में टेढ़ापन आ जाता है और रीढ़ की हड्डी में कमजोरी आ जाती है तो ऐसे बच्चों में इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए बच्चा मोटा होता है उसे चलते समय तकलीफ होती है ऐसे थुलथुले बच्चे को जहां बैठा दिया जाए वही मिट्टी के पुतले की तरह बैठ जाती हैं अन्य बच्चों की तरह दौड़ते नहीं है घूमते नहीं है चुपचाप बैठे रहते हैं ऐसे बच्चों के दांत बहुत देरी के साथ निकलते हैं किसी किसी के बच्चों के दांत निकलते ही नहीं है जब बच्चे बड़े हो जाते हैं तो वह थके थके रहते हैं थोड़ा सा काम कर लेने पर थक जाते हैं हापने लगते हैं हड्डियों में टेढ़ापन आ जाने पर चाहे वह बच्चा हो या बड़े व्यक्ति हो तो इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए।




बच्चों का सिर बहुत बड़ा रहता है पेट बड़ा होता है लेकिन गर्दन पतली रहती है ऐसे बच्चे को चलते समय दिक्कतें होती हैं हड्डियों और मांसपेशियों में विकास की कमी आ जाती है।

इस मेडिसन के व्यक्ति के शरीर से खट्टी बदबू आती है उसका पसीना खट्टा रहता है दस्त से खट्टी बदबू आती है कई बार किसी मोटे थुलथुले व्यक्ति को देखकर जो चारों तरफ पसीने से खट्टी गंध आ रही हो तो यह समझना कठिन नहीं होता कि उसका शरीर इस मेडिसन का है।

जिस प्रकार रोगी का शरीर कमजोर रहता है उसी प्रकार उसका मन ही कमजोर रहता है लंबे समय तक कोई भी मानसिक कार्य नहीं कर सकता शारीरिक काम करने से एकदम थक जाता है पसीना बहुत जल्दी आ जाता है मानसिक कार्य से थक जाने पर भी पसीना आने लगता है तो उस समय इस मेडिसन का इस्तेमाल करना चाहिए।




रोगी सोचता है कि वह पागलपन की तरफ बढ़ रहा है वह यह समझता है कि लोग भी उसके बारे में ऐसा ही ख्याल कर रहे हैं उसे विचार आते हैं कि लोग उसकी तरफ सन्देह से देख रहे हैं वह फिर भी उनकी तरफ इसी संदेह से देखता है वह सोचता है कि वे कह क्यों नहीं देते कि उन्हें उसमें पागलपन होने के लक्षण दिखने लगे हैं यह विचार हर समय उसके मन में रहता है और दिन-रात इसी विचार में डूबे रहने के कारण वह सो भी नहीं सकता।

रोगी के मन को छोटे-छोटे विचार जकड़े रहते हैं उसका मन छोटी-छोटी बातों से इतना जकड़ जाता है कि उनसे किसी प्रकार का छुटकारा नहीं पा सकता। रोगी का मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है। बहुत कोशिश करके अगर वह अपने मन को उन छोटे-छोटे विचारों से छुटकारा पाकर सोने की तैयारी करने लगता है आंखें बंद करते ही आंखों के सामने वही विचार आने लगते हैं जिससे रोगी अचानक से उत्तेजित अवस्था में आ जाता है और यह विचार उसे इतना परेशान करते हैं कि वह सो नहीं सकता।




घर में किसी की मृत्यु या कोई दुखद समाचार मिलने पर रोगी उत्तेजित हो जाता है उसका हृदय है बहुत तेजी के साथ धड़कने लगता है उत्तेजना बहुत अधिक आ जाती है रोगी घर में आगे पीछे घूमता फिरता रहता है कभी-कभी उसके मन में यह विचार आते हैं कि खिड़की से कूदकर जान दे दे यह लक्षण हिस्टीरिया की अवस्था में पाए जाते हैं तो इस मेडिसिन का इस्तेमाल करने से यह सारी समस्या ठीक हो जाती हैं। मानसिक रोगों के कारण वह कोई काम करना पसंद नहीं करता अपने काम को छोड़ देता है चाहे वह काम कितना भी अच्छा क्यों न हो घर पर बैठा रहता है वह अपने काम धंधे का मुंह तक नहीं देखना चाहता है।

महिलाओं के पीरियड के विषय में तीन बातों पर विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए पहला पीरियड समय से पहले आ जाते हैं दूसरा बहुत अधिक खून आता है तीसरा पीरियड बहुत लंबे समय तक रहते हैं पीरियड तीसरे सप्ताह शुरू हो जाते हैं खून की मात्रा बहुत अधिक होती है और समाप्त होते हुए भी लगभग 1 सप्ताह ले लेता है। इन लक्षणों के साथ-साथ इस मेडिसन के और भी लक्षण होने पर यह मेडिसन बहुत अच्छा काम करती है।




कैलकेरिया का रोगी शीत प्रधान होता है ठंडी हवा उसे पसंद नहीं होती ठंडी हवा में वह बीमार हो जाता है आंधी तूफान सर्दी का मौसम उसके रोग को बढ़ा देता है वह शरीर को गर्म रखना चाहता है कपड़े लपेटकर रहता है दरवाजे खिड़कियां बंद रखता है उसके शरीर को छुआ जाए तो वह ठंडा लगता है उसके पैर ठंडे रहते हैं ठंड और कमजोरी इस मेडिसन का एक विचित्र लक्षण है रोगी आराम पसंद करता है आराम से रहना चाहता है कोई भी काम नहीं करना चाहता शारीरिक मेहनत नहीं करना चाहता देखने में वह मोटा ताज दिखता है शरीर पर मांस अधिक रहता है। अगर थोड़ा सा भी काम कर लिया जाए तो सिर दर्द और बुखार हो जाता है ज्यादा चलना और मेहनत करना उसे बोझ लगता है बोझ उठाना उसके लिए रोग का आमंत्रण देना है उसके शरीर की मांसपेशियां लटकी हुई रहती है।




बच्चों के दांत निकलते समय मुख्य रूप से तीन शिकायतें हो जाती हैं वह दूध हजम नहीं कर सकता जो पीता है उसकी जमी हुई दही की तरह उल्टी कर देता है बच्चे में से खट्टी बदबू आती है दूसरी शिकायत यह है कि उसे दस्त आने लगते हैं फटे हुए दूध की तरह होते हैं और उनमें से खट्टी बदबू आती है। बच्चों के दांत निकलते समय तीसरी शिकायत खांसी की होती है जिसका संबंध दांतो से होता है इन तीनों शिकायतों में अगर बच्चे को सोते समय सिर पर पसीना आता है तकिया पसीने से तर हो जाती है तो कैलकेरिया का इस्तेमाल करना चाहिए।

कैलकेरिया के रोगी की गर्दन के चारों ओर ग्लैंड फूल जाती है शरीर की किसी अन्य स्थानों में भी ग्लैंड फूल जाती है पेट की ग्लैंड बहुत कठोर हो जाती हैं ग्लैंड का होना टी बी का लक्षण है कभी-कभी ग्लैंड का आकार मुर्गी के अंडे जितना मोटा हो जाता है किसी भी अंग में लैंड का होना कैलकेरिया के साथ सामान्य लक्षणों के होने पर इस औषधि को प्रयोग मिलाना चाहिए।




रोगी को अंडे खाने की बहुत इच्छा होती है रोगी को दूध पसंद नहीं होता है बच्चों में दूध पीना पचे ही दस्त में निकल जाता है।

कैलकेरिया का एक विचित्र लक्षण यह है कि जब बच्चा मां का दूध पीने लगता है तब पीरियड शुरू हो जाते हैं जरा सी मानसिक उत्तेजना से पीरियड शुरू हो जाते हैं।

ठंड लगने से जोड़ों का दर्द हो जाता है जो इस औषधि में पाया जाता है पैर ठंडे रहते हैं ऐसा लगता है जैसे ठंडे मौजे पहन रखे हैं सोते समय शरीर के अन्य अंगों की अपेक्षा पैरों पर अधिक गर्म कपड़ा डालना पड़ता है जब पैर गर्म हो जाते हैं तब उन में जलन होने लगती है और रोगी उन्हें बिस्तर से बाहर निकालने लगता है।

खांसी के समय रोगी को गले में ऐसा अनुभव होता है जैसे गले में पंख हो।




Modalities :

  • गर्म हवा से रोगी को अच्छा महसूस होता है।
  • ठंड या ठंडी हवा से रोग बढ़ जाते हैं।
  • रोगी शारीरिक परिश्रम नहीं करना चाहता शारीरिक और मानसिक परिश्रम करने से रोग बढ़ जाते हैं।
  • दांत निकलते समय कष्ट होता है।
  • दूध हजम नहीं होता है।



Uses – As prescribed by a physician.

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