Baptisia Tinctoria 30 homoeopathic medicine benefit and uses in hindi

Baptisia Tinctoria 30 homeopathic medicine benefits and uses in Hindi




     टाइफायड की प्रारंभिक अवस्था में रोगी चुपचाप रहता है इस अवस्था में बुखार बहुत तेज होता है उस समय पतले दस्त नहीं आते लेकिन प्रारंभिक अवस्था की बाद की अवस्था में पतले दस्त आने लगते हैं तो ऐसी अवस्था में इस मेडिसन का इस्तेमाल करना चाहिए।

      इस औषधि के लक्षण टाइफायड से इतनी मिलते जुलते हैं कि यह टाइफायड की मुख्य औषधि मानी जाती है रोगी की प्रारंभिक अवस्था में घबराहट होती है सर्दी लगती है सारे शरीर में दर्द की शिकायत रहती है विशेष रूप से सिर में और कमर में दर्द होता है हाथ पैरों में दर्द की शिकायत रहती है रोगी को ऐसा अनुभव होता है कि शरीर कूट-कूट कर कुचल दिया गया है। रोग के बढ़ जाने पर कमजोरी बढ़ जाती है। रोगी डिलीरियम की अवस्था में पहुंच जाता है अगर आप इस रोगी को जगाकर कुछ कहना चाहते हैं कुछ पूछना चाहते हैं तो वह आपकी और ऐसा देखता है मानो शराब के नशे में हो प्रशन का उत्तर देते देते सो जाता है पूरा उत्तर नहीं दे पाता है शरीर में दर्द की शिकायत रहती है तो उस समय इस मेडिसन का विशेष रूप से इस्तेमाल करना चाहिए।




     रोगी पानी, दूध आदि तरल पदार्थ बहुत आसानी से ले लेता है लेकिन ठोस पदार्थ लेते समय उसे समस्या होती है ऐसा लगता है जैसे उसका गला घुट रहा है तो उस समय इस मेडिसिन का इस्तेमाल करना चाहिए।

     रोगी बिस्तर में करवटें बदलता रहता है अगर उसे कुछ पूछा जाए तो कहता है कि उसके शरीर के अंग बिखरे पड़े हैं वह उन्हें बटोर रहा है यह इसका एक विशिष्ट लक्षण भी है रोगी उस समय यह अनुभव करता है कि उसके तीन शरीर हैं। रोगी ऐसा अनुभव करता है कि शरीर का एक अंग दूसरे अंग से बहस कर रहा है।

Uses – As prescribed by a physician.
 
 



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